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रांची में दिवाली के उत्साह में लोग भूले सरकारी गाइ़डलाइन, देर रात तक करते रहे आतिशबाजी

रांची में लोगों ने उत्साह के साथ दीपावली मनाई. लेकिन इस उत्साह में वो सरकारी गाइडलाइन का पालन करना भूल गए.

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रांची में दिवाली के उत्साह में लोग भूले सरकारी गाइ़डलाइन
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Published : Nov 5, 2021, 7:25 AM IST

Updated : Nov 5, 2021, 8:23 AM IST

रांचीः दीपावली के मौके पर राजधानी में काफी धूम रही. लोग उत्साह के साथ दीपावली मनाते दिखे. शाम होते ही राजधानी रांची में पटाखे की आवाज गूंजने लगी जो कि देर तक चलता रहा. लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर देर रात तक आतिशबाजी की. नियमानुसार रात 8:00 से 10 बजे तक पटाखे छोड़ने थे लेकिन राजधानी रांची में देर तक पटाखे की आवाज सुनने को मिली.

ये भी पढ़ेंः आज है गोवर्धन पूजा, यहां जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गाइडलाइन के अनुसार रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकते थे, लेकिन दीपावली के दिन राजधानी रांची में 11 बजे के बाद भी लोग पटाखे छोड़ते नजर आये. जब हमारे संवाददाता ने कुछ लोगों से बात की तो राजधानी के बरियातू के रहने वाले मुकुल कुमार ने बताया कि जहां तक हो पा रहा है लोग एहतियात बरत रहे हैं, लेकिन लोगों का उत्साह चरम पर है क्योंकि पिछले 2 वर्षों से लोग कोरोना के कारण लगाए गए प्रतिबंध के साथ दीपावली मनाने को मजबूर थे.

देखें पूरी खबर
वही बोरिया के रहने वाले किशन बताते हैं कि कई ऐसे लोग हैं जो कोरोना काल में अत्यधिक बीमार हो गए थे और वैसे लोगों की संख्या भी ज्यादा है. इसीलिए प्रदूषण बोर्ड के द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए ताकि संक्रमित लोगों को पटाखों के धूंए से कोई समस्या ना हो सके. बूटी मोड़ के व्यापारी चंदन कुमार बताते हैं सरकार के द्वारा जारी किए गए जो भी आदेश हैं, उसका पालन करना चाहिए. क्योंकि आज के भागम भाग की दुनिया में आबादी के साथ-साथ प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है. इसीलिए पटाखा छोड़ने पर लोगों को नियंत्रण रखना चाहिए था.मस्ती और उत्साह अपनी जगह सही है. लेकिन पर्यावरण को लेकर इस तरह से लापरवाही बरतना कहीं से भी सही नहीं है. लोगों की लापरवाही यह दर्शाती है कि वो पर्यावरण को लेकर कितने सजग हैं.

रांचीः दीपावली के मौके पर राजधानी में काफी धूम रही. लोग उत्साह के साथ दीपावली मनाते दिखे. शाम होते ही राजधानी रांची में पटाखे की आवाज गूंजने लगी जो कि देर तक चलता रहा. लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर देर रात तक आतिशबाजी की. नियमानुसार रात 8:00 से 10 बजे तक पटाखे छोड़ने थे लेकिन राजधानी रांची में देर तक पटाखे की आवाज सुनने को मिली.

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झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गाइडलाइन के अनुसार रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकते थे, लेकिन दीपावली के दिन राजधानी रांची में 11 बजे के बाद भी लोग पटाखे छोड़ते नजर आये. जब हमारे संवाददाता ने कुछ लोगों से बात की तो राजधानी के बरियातू के रहने वाले मुकुल कुमार ने बताया कि जहां तक हो पा रहा है लोग एहतियात बरत रहे हैं, लेकिन लोगों का उत्साह चरम पर है क्योंकि पिछले 2 वर्षों से लोग कोरोना के कारण लगाए गए प्रतिबंध के साथ दीपावली मनाने को मजबूर थे.

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वही बोरिया के रहने वाले किशन बताते हैं कि कई ऐसे लोग हैं जो कोरोना काल में अत्यधिक बीमार हो गए थे और वैसे लोगों की संख्या भी ज्यादा है. इसीलिए प्रदूषण बोर्ड के द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए ताकि संक्रमित लोगों को पटाखों के धूंए से कोई समस्या ना हो सके. बूटी मोड़ के व्यापारी चंदन कुमार बताते हैं सरकार के द्वारा जारी किए गए जो भी आदेश हैं, उसका पालन करना चाहिए. क्योंकि आज के भागम भाग की दुनिया में आबादी के साथ-साथ प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है. इसीलिए पटाखा छोड़ने पर लोगों को नियंत्रण रखना चाहिए था.मस्ती और उत्साह अपनी जगह सही है. लेकिन पर्यावरण को लेकर इस तरह से लापरवाही बरतना कहीं से भी सही नहीं है. लोगों की लापरवाही यह दर्शाती है कि वो पर्यावरण को लेकर कितने सजग हैं.
Last Updated : Nov 5, 2021, 8:23 AM IST
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