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ग्लोबल चिंता का विषय बना ई-सिगरेट, रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग उठा रहा कड़े कदम

झारखंड में ई-सिगरेट की रोकथाम को लेकर विभाग और पुलिस काफी गंभीर है. इस पर रोक लगाने को लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट पर रोक लगाने को लेकर कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

रामचंद्र चंद्रवंशी
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Published : Sep 24, 2019, 10:04 AM IST

रांची: झारखंड में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मिलकर काम करेगी. इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को देश के तमाम राज्यों को विस्तृत दिशा निर्देश दिए. पूरे राज्य के स्वास्थ्य सचिवों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर ई-सिगरेट की रोकथाम पर विचार-विमर्श किया और सुझाव दिए.

देखें पूरी खबर


झारखंड से इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने ई-सिगरेट की ऑनलाइन डिलीवरी सिस्टम पर रोक लगाने का सुझाव देते हुए कहा कि इस माध्यम से सिगरेट सीधे ग्राहकों के पास पहुंच रहा है. इससे उत्पाद और उपभोक्ता के बीच कोई चेक प्वाइंट नहीं बचता है. इसीलिए डिलीवरी प्वाइंट पर ही रोकथाम की व्यवस्था से ई-सिगरेट पर प्रतिबंध कारगर होगा.

ये भी देखें- इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा लापता छात्र, खड़गपुर से बरामद


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट की ऑनलाइन डिलीवरी सिस्टम पर रोक के सुझाव पर अमल करने का भरोसा दिया. बता दें कि ई-सिगरेट पर इस वर्ष 18 सितंबर को एक अध्यादेश के माध्यम से पूरे देश में प्रतिबंध लगाया गया है. इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने भी पूरे झारखंड में मार्च से इसे प्रतिबंधित कर दिया है.


ग्लोबल चिंता का कारण ई-सिगरेट
जानकारी के अनुसार अमेरिका में 1 वर्ष के भीतर ई-सिगरेट का उपयोग 70 फीसदी बढ़ने के बाद इस पर ग्लोबल चिंता सामने आई है. एक अनुमान के अनुसार भारत के बड़े शहर लगातार इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं. प्रचार-प्रसार के माध्यम से यह धीरे-धीरे छोटे शहरों की ओर भी बढ़ रहा है. परंपरागत सिगरेट से अलग दिखने और गंधरहित होने से धूम्रपान करने वाले युवाओं और चोरी-छिपे सेवन करने वाले बच्चों की भी संख्या बढ़ रही है. वहीं बताया गया कि इसका सेवन करना जितना आसान है, उतना ही अधिक नुकसानदायक भी है.

स्कूल कॉलेज पर रहेगी विशेष नजर
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के बाद स्कूल-कॉलेज पर विशेष ध्यान देने की बात कही है. इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षकों को भी सहभागी बनाते हुए कक्षा 10 से 12वीं तक के छात्रों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा पान, गुटखा दुकानों पर निगरानी रखने और स्वतंत्र जांच करते रहने का भी निर्देश दिया गया है.


रोकथाम के लिए होगा व्यापक प्रचार-प्रसार
स्वास्थ सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि ई-सिगरेट पर प्रतिबंध को और असरदार बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग इसके विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक करेगा. उन्होंने कहा कि यह प्रयास होगा कि इसकी शुरुआत घर परिवार से ही कराई जाए, इसलिए माता-पिता को भी विज्ञापन के माध्यम से बताया जाएगा कि वह कैसे अपने बच्चों पर निगरानी रखें और ई-सिगरेट की लत से बचाए.


पुलिस की सख्ती करेगी रोकथाम
ई-सिगरेट की रोकथाम को लेकर राज्य की पुलिस भी मजबूत कदम उठाएगी. इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद डीजी मुख्यालय से पी.आर.के नायडू ने कहा कि जल्द ही राज्य के सभी एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर इसकी रोकथाम के उपाय पर चर्चा करेंगे और सभी थानों को भी अपने-अपने क्षेत्र में ई-सिगरेट की बिक्री, भंडारण और सेवन आदि पर चौकसी बरतने का निर्देश देंगे.

रांची: झारखंड में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मिलकर काम करेगी. इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को देश के तमाम राज्यों को विस्तृत दिशा निर्देश दिए. पूरे राज्य के स्वास्थ्य सचिवों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर ई-सिगरेट की रोकथाम पर विचार-विमर्श किया और सुझाव दिए.

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झारखंड से इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने ई-सिगरेट की ऑनलाइन डिलीवरी सिस्टम पर रोक लगाने का सुझाव देते हुए कहा कि इस माध्यम से सिगरेट सीधे ग्राहकों के पास पहुंच रहा है. इससे उत्पाद और उपभोक्ता के बीच कोई चेक प्वाइंट नहीं बचता है. इसीलिए डिलीवरी प्वाइंट पर ही रोकथाम की व्यवस्था से ई-सिगरेट पर प्रतिबंध कारगर होगा.

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट की ऑनलाइन डिलीवरी सिस्टम पर रोक के सुझाव पर अमल करने का भरोसा दिया. बता दें कि ई-सिगरेट पर इस वर्ष 18 सितंबर को एक अध्यादेश के माध्यम से पूरे देश में प्रतिबंध लगाया गया है. इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने भी पूरे झारखंड में मार्च से इसे प्रतिबंधित कर दिया है.


ग्लोबल चिंता का कारण ई-सिगरेट
जानकारी के अनुसार अमेरिका में 1 वर्ष के भीतर ई-सिगरेट का उपयोग 70 फीसदी बढ़ने के बाद इस पर ग्लोबल चिंता सामने आई है. एक अनुमान के अनुसार भारत के बड़े शहर लगातार इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं. प्रचार-प्रसार के माध्यम से यह धीरे-धीरे छोटे शहरों की ओर भी बढ़ रहा है. परंपरागत सिगरेट से अलग दिखने और गंधरहित होने से धूम्रपान करने वाले युवाओं और चोरी-छिपे सेवन करने वाले बच्चों की भी संख्या बढ़ रही है. वहीं बताया गया कि इसका सेवन करना जितना आसान है, उतना ही अधिक नुकसानदायक भी है.

स्कूल कॉलेज पर रहेगी विशेष नजर
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के बाद स्कूल-कॉलेज पर विशेष ध्यान देने की बात कही है. इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षकों को भी सहभागी बनाते हुए कक्षा 10 से 12वीं तक के छात्रों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा पान, गुटखा दुकानों पर निगरानी रखने और स्वतंत्र जांच करते रहने का भी निर्देश दिया गया है.


रोकथाम के लिए होगा व्यापक प्रचार-प्रसार
स्वास्थ सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि ई-सिगरेट पर प्रतिबंध को और असरदार बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग इसके विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक करेगा. उन्होंने कहा कि यह प्रयास होगा कि इसकी शुरुआत घर परिवार से ही कराई जाए, इसलिए माता-पिता को भी विज्ञापन के माध्यम से बताया जाएगा कि वह कैसे अपने बच्चों पर निगरानी रखें और ई-सिगरेट की लत से बचाए.


पुलिस की सख्ती करेगी रोकथाम
ई-सिगरेट की रोकथाम को लेकर राज्य की पुलिस भी मजबूत कदम उठाएगी. इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद डीजी मुख्यालय से पी.आर.के नायडू ने कहा कि जल्द ही राज्य के सभी एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर इसकी रोकथाम के उपाय पर चर्चा करेंगे और सभी थानों को भी अपने-अपने क्षेत्र में ई-सिगरेट की बिक्री, भंडारण और सेवन आदि पर चौकसी बरतने का निर्देश देंगे.

Intro:झारखंड में ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मिलकर इसकी रोकथाम की कवायद करेंगे। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को देश के तमाम राज्यों को विस्तृत दिशा निर्देश दिए। पूरे राज्य के स्वास्थ्य सचिवों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर ई सिगरेट की रोकथाम पर विचार विमर्श एवं सुझाव दिया।

झारखंड से इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने ई सिगरेट की ऑनलाइन डिलीवरी सिस्टम पर रोक लगाने का सुझाव देते हुए बताया कि इस माध्यम से सिगरेट सीधे ग्राहकों के पास पहुंच रहा है। इससे उत्पात और उपभोक्ता के बीच कोई चेकप्वाइंट नहीं बचता इसीलिए डिलीवरी पॉइंट पर ही रोकथाम की व्यवस्था से ई सिगरेट पर प्रतिबंध कारगर होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इ-सिगरेट की ऑनलाइन डिलीवरी सिस्टम पर रोक के सुझाव पर अमल करने का भरोसा दिया। आपको बता दें कि ई सिगरेट पर इस वर्ष 18 सितंबर को एक अध्यादेश के माध्यम से पूरे देश में प्रतिबंध लगाया गया है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने भी पूरे झारखंड में मार्च से इसे प्रतिबंध कर दिया है।


Body:स्कूल कॉलेज पर रहेगी विशेष नजर
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के बाद स्कूल कॉलेज पर विशेष फोकस करने की बात कहीं। इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षकों को भी सहभागी बनाते हुए कक्षा 10 से 12वीं तक के क्लासों के छात्रों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया। इसके अलावा पान गुटखा दुकानों पर निगरानी रखने और स्वतंत्र जांच करते रहने का भी निर्देश दिया।

रोकथाम के लिए होगा व्यापक प्रचार-प्रसार।
स्वास्थ सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि ई सिगरेट पर प्रतिबंध को और असरदार बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग इसके विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक करेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास होगा कि इसकी शुरुआत घर परिवार से ही कराई जाए इसलिए माता-पिता को भी विज्ञापन के माध्यम से बताया जाएगा कि वह कैसे अपने बच्चों पर निगरानी रखें और इ-सिगरेट की लत से बचाएं।


Conclusion:पुलिस मजबूती से करेगी रोकथाम।
ई सिगरेट की रोकथाम को लेकर राज्य की पुलिस भी मजबूत कदम उठाएगी, इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में मौजूद डीजी मुख्यालय से पी.आर.के नायडू ने कहा कि जल्द ही राज्य के सभी एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर इसकी रोकथाम के उपाय पर चर्चा करेंगे तथा सभी थानों को भी अपने अपने क्षेत्र में ई सिगरेट की बिक्री, भंडारण एवं सेवन आदि पर चौकसी बरतने का निर्देश देंगे।

ग्लोबल चिंता का कारण बना ई सिगरेट
बताते चलें कि अमेरिका में 1 वर्ष के भीतर इस सिगरेट का उपयोग 70 फ़ीसदी बढ़ने के बाद इस पर ग्लोबल चिंता सामने आई है। एक अनुमान के अनुसार भारत के बड़े शहर लगातार इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं और इसके प्रसार के माध्यम से यह धीरे-धीरे मध्यम और छोटे शहरों की ओर भी बढ़ रहा है। ई सिगरेट परंपरागत सिगरेट से अलग दिखने तथा गंधरहित होने से धूम्रपान करने वाले युवाओं और चोरी-छिपे सेवन करने वाले बच्चों की भी संख्या बढ़ रही है। आपको बता दें कि इसका सेवन जितना आसान है उतना ही अधिक नुकसानदायक भी है।
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