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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: बीजेपी-आजसू गठबंधन टूट की कगार पर

झारखंड में एनडीए पूरी तरह बिखरता नजर आ रहा है. भाजपा एकला चलो की राह पकड़ती नजर आ रही है. जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी पहले ही अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. आजसू पार्टी का रुख भी नरम नहीं हो रहा.

बीजेपी-आजसू गठबंधन
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Published : Nov 14, 2019, 6:28 PM IST

दिल्लीः झारखंड में बीजेपी और आजसू का गठबंधन टूट की कगार पर पहुंच चुका है. झारखंड चुनाव प्रभारी ओम माथुर ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनके आवास पर बैठक की, जिसमें आजसू की मांगों पर चर्चा की गई. आजसू 17 सीटों और साझा न्यूनतम कार्यक्रम के मांग पर अड़ी हुई है. आजसू के इस रुख से अमित शाह नाराज बताए जा रहे हैं.

झारखंड में आजसू को बीजेपी सिर्फ 10 सीट देना चाहती है. इस बीच आजसू ने कुछ वैसी सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिए हैं, जहां पर बीजेपी ने पहले ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी थी. इस बात पर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व आजसू से नाराज है. बीजेपी चाहती है कि जिन सीटों पर बीजेपी के खिलाफ आजसू ने उम्मीदवार उतारे हैं, वहां से वो अपने उम्मीदवार वापस ले.

ये भी पढ़ें-उड़नखटोले से चुनावी महासमर में सफर करेंगे नेता, बीजेपी ने मंगवाए चार हेलीकॉप्टर

आजसू ने फिलहाल 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, इनमें 3 ऐसी सीट हैं जहां पर बीजेपी ने भी उम्मीदवारों की घोषणा की है. आजसू ने झारखंड बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारा है. लक्ष्मण गिलुवा चक्रधरपुर से चुनाव लड़ रहे हैं, आजसू ने यहां से रामलाल मुंडा को टिकट दिया है. ऐसे ही सिमरिया सीट से आजसू ने मनोज चंद्रा को टिकट दिया है, जबकि बीजेपी इस सीट से किशुन दास को टिकट दे चुकी थी. लोहरदगा से बीजेपी ने सुखदेव भगत को उम्मीदवार बनाया है जबकि आजसू से नीरु शांति भगत ने पर्चा दाखिल कर दिया है.

भाजपा ने अब तक 53 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है और सूत्रों के अनुसार 27 प्रत्याशियों की सूची भी जल्द जारी हो जाएगी. इसमें सिर्फ हुसैनाबाद के प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने की वजह से वहां भाजपा एक निर्दलीय को अपना समर्थन देगी.

सूत्रों के अनुसार भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर आज सुबह 10.30 बजे रांची आने वाले थे लेकिन अचानक उनका समय बदल गया और शाम में शिफ्ट हो गया. हालांकि शाम में वे दिल्ली में ही अमित शाह से मिलने पहुंच गए और अब उनके शुक्रवार को आने की संभावना है.

दिल्लीः झारखंड में बीजेपी और आजसू का गठबंधन टूट की कगार पर पहुंच चुका है. झारखंड चुनाव प्रभारी ओम माथुर ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनके आवास पर बैठक की, जिसमें आजसू की मांगों पर चर्चा की गई. आजसू 17 सीटों और साझा न्यूनतम कार्यक्रम के मांग पर अड़ी हुई है. आजसू के इस रुख से अमित शाह नाराज बताए जा रहे हैं.

झारखंड में आजसू को बीजेपी सिर्फ 10 सीट देना चाहती है. इस बीच आजसू ने कुछ वैसी सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिए हैं, जहां पर बीजेपी ने पहले ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी थी. इस बात पर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व आजसू से नाराज है. बीजेपी चाहती है कि जिन सीटों पर बीजेपी के खिलाफ आजसू ने उम्मीदवार उतारे हैं, वहां से वो अपने उम्मीदवार वापस ले.

ये भी पढ़ें-उड़नखटोले से चुनावी महासमर में सफर करेंगे नेता, बीजेपी ने मंगवाए चार हेलीकॉप्टर

आजसू ने फिलहाल 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, इनमें 3 ऐसी सीट हैं जहां पर बीजेपी ने भी उम्मीदवारों की घोषणा की है. आजसू ने झारखंड बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारा है. लक्ष्मण गिलुवा चक्रधरपुर से चुनाव लड़ रहे हैं, आजसू ने यहां से रामलाल मुंडा को टिकट दिया है. ऐसे ही सिमरिया सीट से आजसू ने मनोज चंद्रा को टिकट दिया है, जबकि बीजेपी इस सीट से किशुन दास को टिकट दे चुकी थी. लोहरदगा से बीजेपी ने सुखदेव भगत को उम्मीदवार बनाया है जबकि आजसू से नीरु शांति भगत ने पर्चा दाखिल कर दिया है.

भाजपा ने अब तक 53 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है और सूत्रों के अनुसार 27 प्रत्याशियों की सूची भी जल्द जारी हो जाएगी. इसमें सिर्फ हुसैनाबाद के प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने की वजह से वहां भाजपा एक निर्दलीय को अपना समर्थन देगी.

सूत्रों के अनुसार भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर आज सुबह 10.30 बजे रांची आने वाले थे लेकिन अचानक उनका समय बदल गया और शाम में शिफ्ट हो गया. हालांकि शाम में वे दिल्ली में ही अमित शाह से मिलने पहुंच गए और अब उनके शुक्रवार को आने की संभावना है.

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झारखंड में बिखरा NDA, बीजेपी-आजसू का गठबंधन टूट की कगार पर

uncertainty on bjp ajsu alliance in Jharkhand eleection 2019





दिल्लीः झारखंड में बीजेपी और आजसू का गठबंधन टूट की कगार पर पहुंच चुका है. झारखंड चुनाव प्रभारी ओम माथुर ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनके आवास पर बैठक की, जिसमें आजसू की मांगों पर चर्चा की गई. आजसू 17 सीटों और साझा न्यूनतम कार्यक्रम के मांग पर अड़ी हुई है. आजसू के इस रुख से अमित शाह नाराज बताए जा रहे हैं.



झारखंड में आजसू को बीजेपी सिर्फ 10 सीट देना चाहती है. इस बीच आजसू ने कुछ वैसी सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिए हैं, जहां पर बीजेपी ने पहले ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी थी. इस बात पर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व आजसू से नाराज है. बीजेपी चाहती है कि जिन सीटों पर बीजेपी के खिलाफ आजसू ने उम्मीदवार उतारे हैं, वहां से वो अपने उम्मीदवार वापस ले. 



आजसू ने फिलहाल 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, इनमें 3 ऐसी सीट हैं जहां पर बीजेपी ने भी उम्मीदवारों की घोषणा की है.  आजसू ने झारखंड बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारा है. लक्ष्मण गिलुवा चक्रधरपुर से चुनाव लड़ रहे हैं, आजसू ने यहां से रामलाल मुंडा को टिकट दिया है. ऐसे ही सिमरिया सीट से आजसू ने मनोज चंद्रा को टिकट दिया है, जबकि बीजेपी इस सीट से किशुन दास को टिकट दे चुकी थी. लोहरदगा से बीजेपी ने सुखदेव भगत को उम्मीदवार बनाया है जबकि आजसू से नीरु शांति भगत ने पर्चा दाखिल कर दिया है.



ऐसे में झारखंड में एनडीए पूरी तरह बिखरता नजर आ रहा है. भाजपा एकला चलो की राह पकड़ती नजर आ रही है. जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी पहले ही अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. आजसू पार्टी का रुख भी नरम नहीं हो रहा. आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू ने भी आजसू का दामन थाम लिया है.  उन्होंने कहा कि गठबंधन पर फैसला अब भाजपा को ही लेना है. 



भाजपा ने अब तक 53 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है और सूत्रों के अनुसार 27 प्रत्याशियों की सूची भी जल्द जारी हो जाएगी. इसमें सिर्फ हुसैनाबाद के प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने की वजह से वहां भाजपा एक निर्दलीय को अपना समर्थन देगी.



सूत्रों के अनुसार भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर आज सुबह 10.30 बजे रांची आने वाले थे लेकिन अचानक उनका समय बदल गया और शाम में शिफ्ट हो गया. हालांकि शाम में वे दिल्ली में ही अमित शाह से मिलने पहुंच गए और अब उनके शुक्रवार को आने की संभावना है.

 


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