रांची: अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर झारखंड डिसेबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन और गुरुकुल क्रिकेट एकेडमी के बीच एक मैत्री टी-20 मैच का आयोजन किया गयास जिसमें दिव्यांगजन खिलाड़ियों ने उम्दा प्रदर्शन किया. गुरुकुल क्रिकेट एकेडमी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 10 विकेट खोकर 90 रन का स्कोर खड़ा किया. अंकित और आर्यन ने 17-17 रनों का योगदान दिया, जबकि निशांत कुमार उपाध्याय और वागीश त्रिपाठी ने तीन-तीन विकेट लिए. विशाल और विपुल को 2-2 विकेट मिला. जवाबी पारी खेलते हुए झारखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम ने 10 ओवर में 2 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. शैलेंद्र ने सर्वाधिक 36, जबकि संजीत ने 24 रन बनाए. चंदन और अक्षय को 1-1 विकेट मिला.
गुरुकुल क्रिकेट एकेडमी के सामान्य बच्चों ने झारखंड दिव्यांगजन क्रिकेट टीम के साथ मैत्री मैच खेल कर कुछ अलग ही अनुभव किया और अकादमी के कोच रूपेश कश्यप ने कहा दिव्यांग दिवस के अवसर पर झारखंड डिसेबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन और गुरुकुल क्रिकेट एकेडमी के संयुक्त तत्वधान में आज दिनांक 3 दिसंबर 2020 दिन गुरुवार विश्व दिव्यांगता दिवस के शुभ अवसर पर एक मैत्री मैच का आयोजन गुरुकुल क्रिकेट एकेडमी एवं झारखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम के बीच खेला गया. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए गुरुकुल क्रिकेट एकेडमी 10 विकेट खोकर 90 रन का स्कोर खड़ा किया, जिसमें अंकित व आर्यन ने 17-17 रनों का योगदान दिया. निशांत कुमार उपाध्याय व वागीश त्रिपाठी ने तीन-तीन विकेट लिए विशाल व विपुल 2 विकेट लिए जवाबी पारी खेलने उतरी झारखंड दिव्यांग क्रिकेट टीम 10 ओवर में 2 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. शैलेंद्र ने 36 रन सर्वाधिक संजीत ने 24 रन बनाए चंदन और अक्षय ने 1-1 विकेट मिला.
मैन ऑफ द मैच निशांत उपाध्याय ने कहा कि कोविड-19 के कारण अभ्यास का सीमित अवसर मिला था. इस मैच में जीत दिव्यांगजनों में उत्साह का संचार करेंगी. गुरुकुल क्रिकेट एकेडमी के खिलाड़ियों ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने दिव्यांगजनों को बिल्कुल सामान्य तौर पर लिया था जो उनके हार की प्रमुख वजह बनी. अकादमी के कोच रूपेश कश्यप ने कहा यह मैच टीम को सदा सीख देते रहेगी. विजेता टीम को पुरस्कार वितरित करते हुए मुख्य अतिथि पुनर्वास विशेषज्ञ एवं राज्य सलाहकार समिति के सदस्य राहुल मेहता ने कहा कि दिव्यांगजनों के योग्यता की अनदेखी एक सामान्य मानसिकता है जिसे आज खिलाड़ियों ने खंडित किया है और यह साबित कर दिया कि अगर उन्हें अवसर मिले तो वे भी बुलंदी छू सकते हैं.
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विशिष्ट अतिथि गीता कुजुर ने खिलाड़ियों का हौसला वर्धन करते हुए कहा कि आज दिव्यांगता नहीं बल्कि योग्यता देखने की जरूरत है. मैच के आयोजक एवं डीसीसीबीआई के अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी मुकेश कंचन ने कहा कि दिव्यांगजन बचपन से ही चुनौती और दबाव का सामना करते रहे हैं, जिसका लाभ उन्हें मैच में मिलता है और वे बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि समाज भी दिव्यांगजनों के प्रति आने वाले समय में ज्यादा सकारात्मक रुख अपनाएगा.