रांची: कोरोना के बाद अब स्वाइन फ्लू लोगों को डरा रहा है. पड़ोसी राज्य बिहार में इसके कई मरीज मिलने के बाद झारखंड में भी इसके संक्रमण की आशंका जताई जा रही है. डॉक्टर ने लोगों को इससे कोरोना की तरह ही सतर्क रहने की सलाह दी है.
ये भी पढ़ें- Jharkhand Corona Update: झारखंड में शनिवार को मिले केवल 7 नए कोरोना संक्रमित, वैक्सीनेशन ने फिर पकड़ी रफ्तार
क्या होता है स्वाइन फ्लू
पारस अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर माया कुमारी बताती हैं कि H1N1 वायरस को स्वाइन फ्लू वायरस कहा जाता है. 1919 में महामारी के स्तर पर इसे मान्यता प्राप्त हुई थी, जिसकी शुरुआत सुअरों से हुई थी.
क्या है इसका लक्षण
मौसमी बुखार की तरह ही स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, नाक का बहना, सर दर्द होना. डॉक्टर माया बताती हैं कि यह एक खतरनाक इंफेक्शन है. इसके संक्रमण से मरीज को काफी कमजोरी महसूस होता है और ऑक्सीजन का सैचुरेशन भी कम हो जाता है. इसके साथ ही निमोनिया की शिकायत भी बढ़ जाती है. डॉक्टर बताती हैं कि इस तरह के लक्ष्ण दिखने पर तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए.
कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए खतरा ज्यादा
डॉक्टर के मुताबिक कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को इसके संक्रमण से ज्यादा खतरा होता है. खासकर वैसे लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है जिनको सांस लेने में समस्या है, जो कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित हैं और जो एंटी कैंसर की दवा ले रहे हैं. डॉक्टर माया बताती हैं कि जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनके लिए स्वाइन फ्लू काफी खतरनाक है.
कैसे करें बचाव
स्वाइन फ्लू से बचाव को लेकर डॉक्टर माया बताती हैं कि इनफ्लुएंजा की वैक्सीन हर किसी को लेना चाहिए. छह माह से ऊपर के बच्चे के लिए इन्फ्लूएंजा का टीका उपलब्ध है. जो लोग इन्फ्लूएंजा का टीका नहीं ले पाए हैं, वह बाद में भी और अधिक उम्र होने पर भी ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना की तरह ही स्वाइन फ्लू से भी बचने की आवश्यकता है क्योंकि इसका भी संक्रमण कोरोना के ही तरह ही फैलता है. डॉक्टर ने बताया कि इससे बचने के लिए भी मास्क और सामाजिक दूरी का ध्यान रखना चाहिए.