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वर्दी की पहरेदारी में 'खाकी'! आंदोलनकारी सहायक पुलिसकर्मियों की निगरानी के लिए बना जवानों का अस्थायी कैंप

अपनी मांगों को लेकर 30 दिन से करीब 22सौ सहायक पुलिसकर्मी रांची के मोरहाबादी मैदान में डटे हुए हैं. रांची में आंदोलनकारी सहायक पुलिसकर्मियों की निगरानी के लिए अस्थायी कैंप बनाया गया है. जहां पुलिस वाले ही उनकी पहरेदारी कर रहे हैं.

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आंदोलनकारी सहायक पुलिसकर्मियों की निगरानी
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Published : Oct 26, 2021, 5:30 PM IST

Updated : Oct 26, 2021, 6:42 PM IST

रांचीः झारखंड की राजधानी रांची में सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन लगातार जारी है. पिछले 30 दिन से सहायक पुलिसकर्मी रांची के मोरहाबादी मैदान में डेरा डाले हुए हैं. लेकिन सरकार की कानों तक जूं तक नहीं रेंग रही है.

इसे भी पढ़ें- दशहरा में भी उदासी! नियुक्ति की मांग को लेकर मोराबादी में डटे रहे सहायक पुलिसकर्मी

आलम यह है कि अब मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों की निगरानी के लिए भी अब अस्थायी कैंप बना दिया गया है. एक तरफ मोरहाबादी मैदान में 22सौ सहायक पुलिसकर्मी टेंट लगाकर आंदोलन कर रहे हैं. दूसरी तरफ अस्थायी कैंप्स में तैनात पुलिस के जवान उनपर नजर रख रहे हैं.

देखें पूरी खबर
500 जवान लगाए गए निगरानी के लिए2200 सहायक पुलिसकर्मियों पर निगरानी के लिए 500 जवान लगाए गए हैं. इसके अलावा एक दर्जन पुलिस अधिकारी भी है, जिनमें डीएसपी, इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं. मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों पर निगरानी रखने के लिए तीन शिफ्ट में पुलिस के जवान ड्यूटी दे रहे हैं. क्योंकि सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को एक महीना हो चुका है. ऐसे में जिला प्रशासन को यह डर है कि कहीं एक साथ सहायक पुलिसकर्मी राजभवन या फिर सीएम आवास घेराव करने ना पहुंच जाएं. यही वजह है कि मोरहाबादी मैदान को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
Temporary camp set up to monitor agitating assistant policemen in Ranchi
मोरहाबादी मैदान के पास बना अस्थायी कैंप
आंदोलन लंबा खींचता देख तैयार किए गए अस्थायी कैंपसहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को एक महीना हो चुके हैं. अब हल्की ठंड भी पड़ने लगी है. जबकि कई बार मौसम खराब होने की वजह से सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. फिलहाल आंदोलन समाप्त होने का कोई आसार नहीं दिख रहा है. इसलिए अब मोरहाबादी मैदान में भी सुरक्षा में लगे जवानों के आराम करने के लिए अस्थायी कैंप्स का निर्माण करा दिया गया है.


जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक जारी रहेगा आंदोलन
दूसरी तरफ राजधानी ने सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन लगातार जारी है. 30 दिन से अलग-अलग जिलों से आए सहायक पुलिसकर्मी रांची के मोरहाबादी मैदान में डटे हुए हैं. रात का अंधेरा हो या फिर लगातार हो रही बारिश, ये सभी चीजें भी सहायक पुलिसकर्मियों के मनोबल को जरा-सा भी डिगा नहीं पा रहे हैं. इस बार सहाय पुलिसकर्मी यह तय कर आए हैं कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

इसे भी पढ़ें- बच्चों की सलामती के लिए कठिन परिस्थितियों में भी महिला पुलिस कर्मियों ने रखा है निर्जला व्रत


सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
झारखंड सहायक पुलिसकर्मी एक महीने मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उन्हें जिला प्रशासन की ओर से बुनियादी सुविधा भी नहीं मुहैया कराई गई है और मौसम की भी दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. वर्ष 2017 में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिसूचना के आधार पर 12 अतिनक्सल प्रभावित जिलों के लिए कुल 2500 झारखंड सहायक पुलिस की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई थी. इसके एवज में 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया था.

Temporary camp set up to monitor agitating assistant policemen in Ranchi
मोरहाबादी मैदान में डटे सहायक पुलिसकर्मी

साथ ही नियुक्ति के समय कहा गया था कि 3 वर्ष पूरे होने के बाद झारखंड पुलिस के पद पर सीधी नियुक्ति की जाएगी. लेकिन अब तक इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया है. ऐसे में झारखंड सहायक पुलिस के लगभग 22सौ कर्मी 12 जिलों से इस आंदोलन में शामिल हुए हैं. इन जिलों में गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, दुमका, लोहरदगा, गिरिडीह, चाईबासा, जमशेदपुर, खूंटी, सिमडेगा और गुमला के सहायक पुलिसकर्मी शामिल है. सहायक पुलिस कर्मियों का आरोप है कि सरकार अब उनकी बातों को अनसुना कर रही है. सहायक पुलिसकर्मियों पर यह भी आरोप लग रहा है कि उन्हें किसी खास संगठन के द्वारा फंडिंग की जा रही है, जिसके बल पर ही वो आंदोलन चला रहे हैं लेकिन शायद को लेकर पुलिसकर्मियों ने इस बात से साफ इनकार किया है.

अब तक सिर्फ मिला है आश्वासन
इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर सभी ने सितंबर 2020 में आंदोलन भी किया था. उस समय मंत्री मिथिलेश ठाकुर की ओर से आश्वासन दिया गया था कि 15 दिनों के अंदर उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा. लेकिन 15 महीने बीतने के बाद भी उनकी मांगों की ओर सरकार ने कदम नहीं बढ़ाया है. ऐसे में वह फिर से आंदोलन के लिए मजबूर हो गए हैं.

रांचीः झारखंड की राजधानी रांची में सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन लगातार जारी है. पिछले 30 दिन से सहायक पुलिसकर्मी रांची के मोरहाबादी मैदान में डेरा डाले हुए हैं. लेकिन सरकार की कानों तक जूं तक नहीं रेंग रही है.

इसे भी पढ़ें- दशहरा में भी उदासी! नियुक्ति की मांग को लेकर मोराबादी में डटे रहे सहायक पुलिसकर्मी

आलम यह है कि अब मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों की निगरानी के लिए भी अब अस्थायी कैंप बना दिया गया है. एक तरफ मोरहाबादी मैदान में 22सौ सहायक पुलिसकर्मी टेंट लगाकर आंदोलन कर रहे हैं. दूसरी तरफ अस्थायी कैंप्स में तैनात पुलिस के जवान उनपर नजर रख रहे हैं.

देखें पूरी खबर
500 जवान लगाए गए निगरानी के लिए2200 सहायक पुलिसकर्मियों पर निगरानी के लिए 500 जवान लगाए गए हैं. इसके अलावा एक दर्जन पुलिस अधिकारी भी है, जिनमें डीएसपी, इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं. मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों पर निगरानी रखने के लिए तीन शिफ्ट में पुलिस के जवान ड्यूटी दे रहे हैं. क्योंकि सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को एक महीना हो चुका है. ऐसे में जिला प्रशासन को यह डर है कि कहीं एक साथ सहायक पुलिसकर्मी राजभवन या फिर सीएम आवास घेराव करने ना पहुंच जाएं. यही वजह है कि मोरहाबादी मैदान को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
Temporary camp set up to monitor agitating assistant policemen in Ranchi
मोरहाबादी मैदान के पास बना अस्थायी कैंप
आंदोलन लंबा खींचता देख तैयार किए गए अस्थायी कैंपसहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को एक महीना हो चुके हैं. अब हल्की ठंड भी पड़ने लगी है. जबकि कई बार मौसम खराब होने की वजह से सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. फिलहाल आंदोलन समाप्त होने का कोई आसार नहीं दिख रहा है. इसलिए अब मोरहाबादी मैदान में भी सुरक्षा में लगे जवानों के आराम करने के लिए अस्थायी कैंप्स का निर्माण करा दिया गया है.


जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक जारी रहेगा आंदोलन
दूसरी तरफ राजधानी ने सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन लगातार जारी है. 30 दिन से अलग-अलग जिलों से आए सहायक पुलिसकर्मी रांची के मोरहाबादी मैदान में डटे हुए हैं. रात का अंधेरा हो या फिर लगातार हो रही बारिश, ये सभी चीजें भी सहायक पुलिसकर्मियों के मनोबल को जरा-सा भी डिगा नहीं पा रहे हैं. इस बार सहाय पुलिसकर्मी यह तय कर आए हैं कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

इसे भी पढ़ें- बच्चों की सलामती के लिए कठिन परिस्थितियों में भी महिला पुलिस कर्मियों ने रखा है निर्जला व्रत


सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
झारखंड सहायक पुलिसकर्मी एक महीने मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उन्हें जिला प्रशासन की ओर से बुनियादी सुविधा भी नहीं मुहैया कराई गई है और मौसम की भी दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. वर्ष 2017 में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिसूचना के आधार पर 12 अतिनक्सल प्रभावित जिलों के लिए कुल 2500 झारखंड सहायक पुलिस की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई थी. इसके एवज में 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया था.

Temporary camp set up to monitor agitating assistant policemen in Ranchi
मोरहाबादी मैदान में डटे सहायक पुलिसकर्मी

साथ ही नियुक्ति के समय कहा गया था कि 3 वर्ष पूरे होने के बाद झारखंड पुलिस के पद पर सीधी नियुक्ति की जाएगी. लेकिन अब तक इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया है. ऐसे में झारखंड सहायक पुलिस के लगभग 22सौ कर्मी 12 जिलों से इस आंदोलन में शामिल हुए हैं. इन जिलों में गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, दुमका, लोहरदगा, गिरिडीह, चाईबासा, जमशेदपुर, खूंटी, सिमडेगा और गुमला के सहायक पुलिसकर्मी शामिल है. सहायक पुलिस कर्मियों का आरोप है कि सरकार अब उनकी बातों को अनसुना कर रही है. सहायक पुलिसकर्मियों पर यह भी आरोप लग रहा है कि उन्हें किसी खास संगठन के द्वारा फंडिंग की जा रही है, जिसके बल पर ही वो आंदोलन चला रहे हैं लेकिन शायद को लेकर पुलिसकर्मियों ने इस बात से साफ इनकार किया है.

अब तक सिर्फ मिला है आश्वासन
इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर सभी ने सितंबर 2020 में आंदोलन भी किया था. उस समय मंत्री मिथिलेश ठाकुर की ओर से आश्वासन दिया गया था कि 15 दिनों के अंदर उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा. लेकिन 15 महीने बीतने के बाद भी उनकी मांगों की ओर सरकार ने कदम नहीं बढ़ाया है. ऐसे में वह फिर से आंदोलन के लिए मजबूर हो गए हैं.

Last Updated : Oct 26, 2021, 6:42 PM IST
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