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रांची में धरना पर बैठे टेट पास पारा और वित्त रहित शिक्षक, सरकार को दिया अल्टीमेटम

रांची में वेतनमान की मांग को लेकर टेट पास पारा शिक्षक और वित्त रहित शिक्षकों ने धरना दिया है. धरना पर बैठे शिक्षकों ने कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया था. लेकिन हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है.

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Published : Oct 18, 2022, 6:19 PM IST

Updated : Oct 19, 2022, 8:23 AM IST

Teachers sit on dharna
रांची में धरना पर बैठे टेट पास पारा और वित्त रहित शिक्षक,

रांचीः वेतनमान की मांग कर रहे टेट पास पारा शिक्षकों ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो राज्य स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शन करेंगे. मंगलवार को राजभवन के समक्ष धरना पर बैठे पारा शिक्षकों ने सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

यह भी पढ़ेंः आंदोलन की राह पर टेट पास पारा शिक्षक, 18 से सीएम आवास के समक्ष करेंगे अनशन

धरना पर बैठे पारा शिक्षकों ने कहा कि सरकार एक महीने के अंदर वार्ता के जरिए समस्या के निदान का आश्वासन दिया था. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. धरना पर बैठे टेट सफल सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने सरकार के नये नियमावली पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि हम टेट पास पारा शिक्षक प्रशिक्षित होने के साथ टेट पास भी है. महाधिवक्ता ने भी मंतव्य दिया है कि टेट पास पारा शिक्षकों को वेतनमान दिया जा सकता है. इसके बावजूद सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.

देखें वीडियो

इसके साथ ही वित्त रहित इंटर स्कूल शिक्षक शिक्षकेत्तर संघ ने भी वेतनमान की मांग को लेकर सरकार के विरोध में बिगुल फूंक दिया है. मंगलवार को राजभवन के समक्ष झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले धरना दिया. शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य के 170 इंटर कॉलेजों, 250 उच्च विद्यालयों, 33 संस्कृत विद्यालयों और 43 मदरसा को राज्य सरकार प्रत्येक वर्ष अनुदान देती है. इन संस्थाओं में लगभग 5000 शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी पिछले 20-25 वर्षों से कार्यरत हैं. इन कर्मियों को वेतन के नाम पर एक रुपया नहीं मिलता है. अनुदान की राशि शासी निकाय के सचिव के नाम से जाता है. उन्होंने कहा कि अनुदान राशि छात्रों की संख्या और परीक्षा फल के प्रतिशत के आधार पर मिलता है. धरना पर बैठे संघर्ष मोर्चा के सदस्य अध्यक्ष मंडल अरविंद कुमार सिंह ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि समान काम समान वेतन की बात करने वाली यह सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही है.

रांचीः वेतनमान की मांग कर रहे टेट पास पारा शिक्षकों ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो राज्य स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शन करेंगे. मंगलवार को राजभवन के समक्ष धरना पर बैठे पारा शिक्षकों ने सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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धरना पर बैठे पारा शिक्षकों ने कहा कि सरकार एक महीने के अंदर वार्ता के जरिए समस्या के निदान का आश्वासन दिया था. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. धरना पर बैठे टेट सफल सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने सरकार के नये नियमावली पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि हम टेट पास पारा शिक्षक प्रशिक्षित होने के साथ टेट पास भी है. महाधिवक्ता ने भी मंतव्य दिया है कि टेट पास पारा शिक्षकों को वेतनमान दिया जा सकता है. इसके बावजूद सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.

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इसके साथ ही वित्त रहित इंटर स्कूल शिक्षक शिक्षकेत्तर संघ ने भी वेतनमान की मांग को लेकर सरकार के विरोध में बिगुल फूंक दिया है. मंगलवार को राजभवन के समक्ष झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले धरना दिया. शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य के 170 इंटर कॉलेजों, 250 उच्च विद्यालयों, 33 संस्कृत विद्यालयों और 43 मदरसा को राज्य सरकार प्रत्येक वर्ष अनुदान देती है. इन संस्थाओं में लगभग 5000 शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी पिछले 20-25 वर्षों से कार्यरत हैं. इन कर्मियों को वेतन के नाम पर एक रुपया नहीं मिलता है. अनुदान की राशि शासी निकाय के सचिव के नाम से जाता है. उन्होंने कहा कि अनुदान राशि छात्रों की संख्या और परीक्षा फल के प्रतिशत के आधार पर मिलता है. धरना पर बैठे संघर्ष मोर्चा के सदस्य अध्यक्ष मंडल अरविंद कुमार सिंह ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि समान काम समान वेतन की बात करने वाली यह सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही है.

Last Updated : Oct 19, 2022, 8:23 AM IST
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