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मर्म बॉक्स से टीबी मरीजों की होगी निगरानी, दवाई भूलने वालों की सूचना पहुंचेगी अस्पताल - MERM Box

झारखंड में अब टीबी के मरीजों की दवाई की निगरानी मर्म बॉक्स के जरिए की जाएगी. बॉक्स मरीजों के दवा खाने की आदतों पर नजर रखेगा. दवाई लेना भूलने पर मरीजों को दवा खाने की याद दिलाई जाएगी.

TB patients monitoring from marm box
मर्म बॉक्स से टीबी मरीजों की निगरानी
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Published : Oct 29, 2021, 12:39 PM IST

रांची: झारखंड में अब टीबी के मरीजों की दवाई की निगरानी मर्म बॉक्स (MERM BOX ) से की जाएगी. देश में पहली बार इसकी शुरुआत करते हुए डीआर टीबी के मरीजों के बीच इस बॉक्स का वितरण किया गया.

ये भी पढ़िए- कोरोना संक्रमण : पिछले 24 घंटे में 805 लोगों की मौत, 14 हजार से अधिक नए मामले

मर्म बॉक्स से मरीजो की निगरानी

दरअसल ये बॉक्स वैसे मरीजों के लिए वरदान साबित होगा जो अक्सर समय पर दवाई खाने के लिए भूल जाते हैं. ऐसे मरीज जो गंभीर रूप से टीबी की बीमारी से ग्रसित हैं, उनकी दवाई इसी मर्म बॉक्स में रखी जाएगी. मरीज को इसी से दवा निकालकर खाना है. यदि किसी दिन मरीज दवा खाना भूल गया तो बॉक्स में लगे डिजिटल चिप के माध्यम से इसकी सूचना टीबी डिवीजन को मिल जाएगी. फिर उनके द्वारा फोन कर मरीज को दवा लेने के लिए याद दिलाई जाएगी.

क्या है डीआर टीबी मरीज

बता दें कि टीबी की बीमारी में दो तरह के मरीज होते हैं एक डीएस (DS) और दूसरा डीआर(DR). डीएस(DS) मरीज का इलाज 6 महीने में ही हो जाता है, जबकि जो मरीज डीआर(DR) की श्रेणी में होते हैं उनका इलाज लंबे समय तक चलता है. लंबे समय से इलाजरत मरीजों के लिए मर्म बॉक्स (MERM BOX) काफी कारगर साबित होगा. दूर से ही मरीज की निगरानी की जाएगी. जिससे उनके इलाज में आसानी होगी.

कई सेंटरों पर उपलब्ध होंगे मर्म बॉक्स
राजधानी के विभिन्न टीबी सेंटर पर मर्म बॉक्स (MERM BOX) उपलब्ध होंगे. जहां मरीज आकर इस बॉक्स को ले पाएंगे. गुरुवार (28 अक्टूबर) को रेशमा नाम की मरीज को पहला मर्म बॉक्स (MERM BOX) मिशन डायरेक्टर रमेश घोलप के द्वारा दिया गया.

रांची: झारखंड में अब टीबी के मरीजों की दवाई की निगरानी मर्म बॉक्स (MERM BOX ) से की जाएगी. देश में पहली बार इसकी शुरुआत करते हुए डीआर टीबी के मरीजों के बीच इस बॉक्स का वितरण किया गया.

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मर्म बॉक्स से मरीजो की निगरानी

दरअसल ये बॉक्स वैसे मरीजों के लिए वरदान साबित होगा जो अक्सर समय पर दवाई खाने के लिए भूल जाते हैं. ऐसे मरीज जो गंभीर रूप से टीबी की बीमारी से ग्रसित हैं, उनकी दवाई इसी मर्म बॉक्स में रखी जाएगी. मरीज को इसी से दवा निकालकर खाना है. यदि किसी दिन मरीज दवा खाना भूल गया तो बॉक्स में लगे डिजिटल चिप के माध्यम से इसकी सूचना टीबी डिवीजन को मिल जाएगी. फिर उनके द्वारा फोन कर मरीज को दवा लेने के लिए याद दिलाई जाएगी.

क्या है डीआर टीबी मरीज

बता दें कि टीबी की बीमारी में दो तरह के मरीज होते हैं एक डीएस (DS) और दूसरा डीआर(DR). डीएस(DS) मरीज का इलाज 6 महीने में ही हो जाता है, जबकि जो मरीज डीआर(DR) की श्रेणी में होते हैं उनका इलाज लंबे समय तक चलता है. लंबे समय से इलाजरत मरीजों के लिए मर्म बॉक्स (MERM BOX) काफी कारगर साबित होगा. दूर से ही मरीज की निगरानी की जाएगी. जिससे उनके इलाज में आसानी होगी.

कई सेंटरों पर उपलब्ध होंगे मर्म बॉक्स
राजधानी के विभिन्न टीबी सेंटर पर मर्म बॉक्स (MERM BOX) उपलब्ध होंगे. जहां मरीज आकर इस बॉक्स को ले पाएंगे. गुरुवार (28 अक्टूबर) को रेशमा नाम की मरीज को पहला मर्म बॉक्स (MERM BOX) मिशन डायरेक्टर रमेश घोलप के द्वारा दिया गया.

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