रांची: झारखंड में वैक्सीन की कमी को लेकर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर राज्य में हो रहे वैक्सीनेशन(vaccination) को लेकर परेशानियों का ठीकरा केंद्र पर फोड़ा है.
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वैक्सीन के लिए फैलाना पड़ता है हाथ
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बार-बार राज्य सरकार को वैक्सीन(vaccine) के लिए कभी केंद्र के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है तो कभी वैक्सीन निर्माता कंपनियों के पास. जबकि केंद्र सरकार ने बजटीय प्रावधान में वैक्सीनेशन (vaccination) को लेकर 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. इसके बावजूद राज्य सरकारों से कहा जा रहा है कि वह अपने स्तर से वैक्सीन खरीदें और राज्य के निवासियों को वैक्सीनेट करें.
केंद्र सरकार की नीतियों पर किए सवाल खड़े
केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि जब किसी विदेशी मुल्क के साथ युद्ध होगा तब क्या उस दौरान केंद्र सरकार राज्य सरकारों से कहेगी कि वह अपनी सीमाओं को सील करें और टैंकर हथियार की खरीदारी अपने स्तर पर करें. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा है कि अब किसी को रोजगार देना ही नहीं है. 18 से 45 साल के बीच के लोगों को मार देना है.
संघीय ढांचे पर हमला कर रही है केंद्र सरकार
लगातार यह सरकार संघीय ढांचे को बर्बाद करने पर तुली है. इस राज्य को 5 करोड़ वैक्सीन की जरूरत है लेकिन राज्य सरकार को आवश्यकता के अनुसार वैक्सीन मुहैया नहीं कराया जा रहा है. एक ही प्रोडक्ट का 4 रेट तय कर दिया गया है और इससे राज्य सरकार दुविधा में है. प्राइवेट में हाल ही में 250 रुपये में वैक्सीन दिया गया है. जबकि अन्य कई अस्पतालों में इसी वैक्सीन का रेट 1,000 से 3,500 रुपये तक तय किया गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि किस कदर वैक्सीन को लेकर कालाबाजारी हो रही है और केंद्र की नीतियों के कारण ही इस तरह का देश में माहौल बना है.
राज्य सरकार के पदाधिकारियों को धमकाने की कोशिश
सुप्रियो ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के पदाधिकारियों को कुछ सांसद डराने और धमकाने का काम कर रहे हैं. जबकि इस पूरे मामले को लेकर गृह मंत्री चुप बैठे हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार किस तरीके से काम कर रही है और राज्यों को बर्बाद करने में तुली है. कहा गया था कि वैक्सीनेशन(vaccination) के लिए 20 लाख करोड़ का पैकेज है. लेकिन वह पैकेज कहां है यह किसी को पता नहीं है. पीएम केयर्स फंड(PM cares fund) का ऑडिट नहीं करा सकते हैं. जबकि इस फंड से वेंटिलेटर जो भेजा जा रहा है वह खराब है.
प्राइवेट अस्पतालों को छूट
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों को दिया जाने वाला 25% वैक्सीन केंद्र सरकार राज्य को क्यों नहीं देती. यह भी एक सवाल है. कालाबाजारी के तहत सारा प्लान बनाया गया है क्योंकि राज्य सरकार को वैक्सीन 300 से 400 रुपये में देने पड़ेंगे. जबकि निजी अस्पताल इसके लिए 600 और 1200 रुपये सर्विस चार्ज और एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज जोड़ेंगे. इस घोर आपदा में भी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां और निजी अस्पतालों को मुनाफाखोरी की छूट केंद्र ने दे रखी है. राज्य सरकार राज्यों को संभालने में जुटी हुई है. जबकि केंद्र सरकार जिस राज्य में भाजपा की सरकार नहीं है. वैसे राज्यों को टारगेट कर रही है.