रांची: 1987 बैच के आईएएस अधिकारी सुखदेव सिंह ने बुधवार को राज्य के सबसे बड़े प्रशासनिक पद मुख्य सचिव की जिम्मेदारी ली. स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग में बुधवार को सिंह ने औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण किया. इससे पहले सिंह राज्य के विकास आयुक्त थे. साथ ही उन्हें गृह कारा और आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार मिला हुआ था.
लंबा प्रशासनिक अनुभव
बता दें कि तत्कालीन मुख्य सचिव डीके तिवारी के 31 मार्च को रिटायरमेंट के बाद सिंह ने उनकी जगह पदभार ग्रहण किया. दरअसल, राज्य के मुख्य सचिव के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही थी, जिनमें सिंह के अलावा केके खंडेलवाल और अलका तिवारी के नाम प्रमुख थे. आधिकारिक सूत्रों की माने तो सिंह का लंबा प्रशासनिक अनुभव काम आया.
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तत्कालीन सीएम कोड़ा, शिबू सोरेन और मौजूदा सीएम के रह चुके हैं प्रधान सचिव
सिंह पूर्ववर्ती मधु कोड़ा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे हैं. कथित तौर पर मधु कोड़ा के कार्यकाल को घोटाले वाली सरकार के कार्यकाल के नाम से ज्यादा जाना जाता है. बावजूद इसके सुखदेव सिंह वैसे अधिकारी हैं जिनके ऊपर जरा भी दाग नहीं लगा.
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पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में दिया था नैतिकता का परिचय
पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी मिली हुई थी. उसी समय चारा घोटाले के मामले में उन्हें सीबीआई कोर्ट के निर्देश पर धारा 319 के तहत आरोपी बनाया गया है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उन्हें वित्त सचिव के पद से हटा दिया जाए, क्योंकि मामला ट्रेजरी से जुड़ा हुआ है. उन्होंने नैतिकता का उदाहरण पेश करते हुए सरकार से आग्रह किया कि उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए. सिंह का रिटायरमेंट 2024 में है.