रांची: सोमवार को रांची विश्वविद्यालय के मुख्यालय में पदाधिकारियों के नहीं पहुंचने से नाराज विद्यार्थियों ने प्रदर्शन किया है. इस दौरान विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर मनमाने तरीके से विश्वविद्यालय मुख्यालय चलाने का आरोप लगाया.
अपनी कई परेशानियों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समेत एआईएसएफ के छात्र प्रतिनिधि भी विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों से मुलाकात करने विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन पहुंचे थे. हालांकि उस दौरान कोई भी अधिकारी विश्वविद्यालय परिसर पर मौजूद नहीं था. यह विद्यार्थी 11 बजे से लेकर 3 बजे तक विश्वविद्यालय परिसर में ही डटे रहे, लेकिन कोई भी पदाधिकारी कार्यालय नहीं पहुंचे. इससे आक्रोशित होकर विद्यार्थियों ने विद्यालय के सामने धरना प्रदर्शन भी किया. विद्यार्थियों का आरोप है कि यहां के पदाधिकारी कार्यालय समय पर नहीं पहुंचते हैं. इस वजह से विद्यार्थी अपनी समस्याओं को रख नहीं पाते हैं. यहां की व्यवस्था सुधारने की जरूरत है. वहीं, मामले को लेकर वीसी रमेश कुमार पांडे ने कहा कि फील्ड विजिट के कारण आज वह विश्वविद्यालय समय पर नहीं पहुंचे. लेकिन प्रो-वीसी को मौके पर भेजा गया था. मामले को लेकर वह खुद इस पर संज्ञान लेंगे.
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रेडियो जॉकी सिलेबस का ड्राफ्ट तैयार
रांची विश्वविद्यालय में रेडियो जॉकी समेत 4 नए कोर्स को लेकर सिलेबस का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. यह सभी 4 कोर्स सर्टिफिकेट कोर्स होंगे. सभी कोर्स में 20 सीटों पर एडमिशन लिया जा रहा है. प्रत्येक कोर्स में पांच पेपर की पढ़ाई होगी. प्रत्येक पेपर 100 अंक का होगा. इसके अलावे रांची यूनिवर्सिटी में B.Ed फर्स्ट ईयर की परीक्षा सोमवार से शुरू की गई है. आरयू प्रशासन ने सभी कॉलेजों को होम सेंटर बनाने का निर्देश दिया था
मैट्रिक और इंटर बोर्ड की परीक्षा को लेकर बदल सकती है तिथि
मैट्रिक और इंटर बोर्ड की परीक्षा के समय में परिवर्तन को लेकर जैक की ओर से तैयारी की जा रही है. अभिभावकों के साथ-साथ विद्यार्थियों और शिक्षा विभाग ने भी जैक की ओर से जारी 9 मार्च से परीक्षा लेने की घोषणा पर आपत्ति दर्ज कराई थी. शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने भी जैक अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वह पहले यह देखें कि दूसरे राज्य में मैट्रिक इंटर की परीक्षाएं कब से हो रही हैं. इसके बाद ही अंतिम निर्णय लें. जैक सचिव परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने को लेकर इसी सप्ताह बैठक करेंगे. जानकारी मिल रही है की परीक्षाएं अप्रैल माह में आयोजित की जा सकती हैं. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मैट्रिक और इंटर परीक्षा का रिजल्ट प्रतिशत बेहतर करने के लिए प्रयास शुरू किए हैं. पढ़ने में कमजोर विद्यार्थियों से संबंधित शिक्षकों के साथ एक ग्रुप बनाया जा रहा है और उनकी परीक्षा की तैयारी शिक्षकों की ओर से करवाई जा रही है.