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महज 350 रुपये की एक मशीन कमजोर लंग्स में फूंकती है जान, कोरोना मरीजों के लिए बनी रामबाण - झारखंड का समाचार

कोरोना से ठीक हुए लोगों की लंग्स की ताकत कम हो जाती है. ऐसे में महज 350 रुपये में मिलने वाला लंग्स बूस्टर यानी कि स्पाइरोमीटर(spirometer) मशीन कारगर साबित हो रही है.

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Published : May 29, 2021, 6:14 PM IST

Updated : May 29, 2021, 7:29 PM IST

रांची: कोरोना की दूसरी लहर में देश और राज्य में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं. इस बार पहले लहर की अपेक्षा बड़ी संख्या में लोगों को हॉस्पिटलाइज्ड होना पड़ा है. इनमें से लाखों की संख्या ऐसे लोगों की है, जिनके लंग्स यानि फेफड़े को नॉवेल कोरोना वायरस जकड़ लेता है. ऐसे लोग जब कोरोना मुक्त होते हैं तब भी उनके लंग्स की ताकत इतनी कम हो जाती है कि वह अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है. ऐसे में लंग्स की एक्सरसाइज कराने वाला बेहद सस्ती स्पाइरोमीटर (spirometer) रामबाण साबित हो रहा है.

स्पाइरोमीटर के बारे में बताते हुए डॉ. अंशुल

ये भी पढ़ें- चाचा की मौत के बाद चीख-चीखकर कहती रही भतीजी- पूरा घर लूट लिया, फांसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं

क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

मान लीजिए कि फेफड़ा एक घर है तो एलवियोली उसका किचेन है. इसको वायु कोष्ठिका कहते हैं. इसी जगह ब्लड एक्सचेंज होता है. यानि ऑक्सीजन ब्लड में मिलकर शरीर के अंदर विभिन्न अंगों तक चला जाता है और कार्बन डाइऑक्साइड सांस छोड़ने के साथ बाहर निकल जाता है. कोविड में वायरस इसी महत्वपूर्ण वायु कोष्ठिकाओं को जकड़ लेता है और कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं.

-डॉ. अंशुल कुमार, एचओडी, रिम्स सीटीवीएस, स्पायरोमीटर



क्या काम करता है स्पाइरोमीटर ?
स्पाइरोमीटर (spirometer) मूल रूप से लंग्स की कैपेसिटी को बढ़ाता है. जब हम सांस को अंदर लेकर रोकते हैं या फिर फूंक कर 3 से 4 सेकंड के लिए सांस रोकते हैं तो वायु कोष्ठिकाओं में मौजूद जकड़न और कफ बाहर निकल जाता है. लगातार इसे करने से लंग्स की ताकत बढ़ती है.

परिजन को समझाते हुए डॉ अजीत



स्पाइरोमीटर सस्ती पर बहुत काम की
अमूमन 300 से 400 रुपये में मिलने वाले स्पाइरोमीटर (spirometer) में तीन अलग-अलग रंग ब्लू, पीला और हरा रंग के बॉल होते हैं. तीनों रंग वाले बॉल की कैपेसिटी क्रमशः 600ml, 900ml और 1200ml होती हैं.

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स्पाइरोमीटर के बारें में बताते हुए डॉक्टर


ये मशीन बताता है लंग्स की कैपेसिटी
जब हम स्पाइरोमीटर (spirometer) में लगे पाइप को जोर लगाकर खीचते हैं तो अलग-अलग रंग का बॉल अलग-अलग उठता है या कोई बॉल नहीं भी उठता है. डॉक्टर बताते हैं कि अगर गहरी सांस खींच कर 03 सेकंड रोके रखने पर सिर्फ ब्लू बॉल उठे तो इसका मतलब है कि हमारा लंग्स 600ml×3= 1800ml प्राणवायु एक बार में ले रहे हैं. इसी तरह अगर गहरी सांस लेने पर पीला बॉल उठे और हम 03 सेकंड रोके रखे तो इसका अर्थ हुआ कि हमारा लंग्स एक बार मे 900ml×3=2700ml प्राणवायु सांस एक बार मे ले रहे है. इसी तरह अगर हरा बॉल को उठाकर हम 03 सेकंड रोक पाते हैं तो इसका अर्थ हुआ कि हम 3600 ml प्राणवायु सांस एक बार मे ले पा रहे हैं.

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स्पाइरोमीटर मशीन लिए हुए डॉक्टर



लंग्स का फीजियोथेरेपी करता है स्पाइरोमीटर
सदर अस्पताल के कोविड केयर यूनीट (covid care unit) में कोरोना मरीजों का इलाज कर ठीक करने वाले युवा डॉक्टर अजीत कुमार अपने यहां से डिस्चार्ज होने वाले सभी कोरोना मरीजों और उनके परिजनों को स्पाइरोमीटर (spirometer) से एक्सरसाइज जरूर कराना सिखाते हैं. इसके साथ ही घर जाकर हर दिन लंग्स एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं.



डॉक्टर से सलाह लेकर करें स्पाइरो एक्सरसाइज
जिन लोगों के पेट मे या छाती में दर्द हो या जिनके सांस की गति तेज हो वह डॉक्टरी सलाह के बाद ही स्पाइरोमीटर (spirometer) से एक्सरसाइज कर सकते हैं.

रांची: कोरोना की दूसरी लहर में देश और राज्य में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं. इस बार पहले लहर की अपेक्षा बड़ी संख्या में लोगों को हॉस्पिटलाइज्ड होना पड़ा है. इनमें से लाखों की संख्या ऐसे लोगों की है, जिनके लंग्स यानि फेफड़े को नॉवेल कोरोना वायरस जकड़ लेता है. ऐसे लोग जब कोरोना मुक्त होते हैं तब भी उनके लंग्स की ताकत इतनी कम हो जाती है कि वह अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है. ऐसे में लंग्स की एक्सरसाइज कराने वाला बेहद सस्ती स्पाइरोमीटर (spirometer) रामबाण साबित हो रहा है.

स्पाइरोमीटर के बारे में बताते हुए डॉ. अंशुल

ये भी पढ़ें- चाचा की मौत के बाद चीख-चीखकर कहती रही भतीजी- पूरा घर लूट लिया, फांसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं

क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

मान लीजिए कि फेफड़ा एक घर है तो एलवियोली उसका किचेन है. इसको वायु कोष्ठिका कहते हैं. इसी जगह ब्लड एक्सचेंज होता है. यानि ऑक्सीजन ब्लड में मिलकर शरीर के अंदर विभिन्न अंगों तक चला जाता है और कार्बन डाइऑक्साइड सांस छोड़ने के साथ बाहर निकल जाता है. कोविड में वायरस इसी महत्वपूर्ण वायु कोष्ठिकाओं को जकड़ लेता है और कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं.

-डॉ. अंशुल कुमार, एचओडी, रिम्स सीटीवीएस, स्पायरोमीटर



क्या काम करता है स्पाइरोमीटर ?
स्पाइरोमीटर (spirometer) मूल रूप से लंग्स की कैपेसिटी को बढ़ाता है. जब हम सांस को अंदर लेकर रोकते हैं या फिर फूंक कर 3 से 4 सेकंड के लिए सांस रोकते हैं तो वायु कोष्ठिकाओं में मौजूद जकड़न और कफ बाहर निकल जाता है. लगातार इसे करने से लंग्स की ताकत बढ़ती है.

परिजन को समझाते हुए डॉ अजीत



स्पाइरोमीटर सस्ती पर बहुत काम की
अमूमन 300 से 400 रुपये में मिलने वाले स्पाइरोमीटर (spirometer) में तीन अलग-अलग रंग ब्लू, पीला और हरा रंग के बॉल होते हैं. तीनों रंग वाले बॉल की कैपेसिटी क्रमशः 600ml, 900ml और 1200ml होती हैं.

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स्पाइरोमीटर के बारें में बताते हुए डॉक्टर


ये मशीन बताता है लंग्स की कैपेसिटी
जब हम स्पाइरोमीटर (spirometer) में लगे पाइप को जोर लगाकर खीचते हैं तो अलग-अलग रंग का बॉल अलग-अलग उठता है या कोई बॉल नहीं भी उठता है. डॉक्टर बताते हैं कि अगर गहरी सांस खींच कर 03 सेकंड रोके रखने पर सिर्फ ब्लू बॉल उठे तो इसका मतलब है कि हमारा लंग्स 600ml×3= 1800ml प्राणवायु एक बार में ले रहे हैं. इसी तरह अगर गहरी सांस लेने पर पीला बॉल उठे और हम 03 सेकंड रोके रखे तो इसका अर्थ हुआ कि हमारा लंग्स एक बार मे 900ml×3=2700ml प्राणवायु सांस एक बार मे ले रहे है. इसी तरह अगर हरा बॉल को उठाकर हम 03 सेकंड रोक पाते हैं तो इसका अर्थ हुआ कि हम 3600 ml प्राणवायु सांस एक बार मे ले पा रहे हैं.

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स्पाइरोमीटर मशीन लिए हुए डॉक्टर



लंग्स का फीजियोथेरेपी करता है स्पाइरोमीटर
सदर अस्पताल के कोविड केयर यूनीट (covid care unit) में कोरोना मरीजों का इलाज कर ठीक करने वाले युवा डॉक्टर अजीत कुमार अपने यहां से डिस्चार्ज होने वाले सभी कोरोना मरीजों और उनके परिजनों को स्पाइरोमीटर (spirometer) से एक्सरसाइज जरूर कराना सिखाते हैं. इसके साथ ही घर जाकर हर दिन लंग्स एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं.



डॉक्टर से सलाह लेकर करें स्पाइरो एक्सरसाइज
जिन लोगों के पेट मे या छाती में दर्द हो या जिनके सांस की गति तेज हो वह डॉक्टरी सलाह के बाद ही स्पाइरोमीटर (spirometer) से एक्सरसाइज कर सकते हैं.

Last Updated : May 29, 2021, 7:29 PM IST
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