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JAC RESULT 2021: आपके मन में मैट्रिक और इंटर के रिजल्ट पर है कोई सवाल तो पढ़ें पूरी रिपोर्ट - रांची में शिक्षाविद मोहन कुमार झा का इंटरव्यू

मैट्रिक और इंटरमीडिएट (10वीं और 12वीं) के रिजल्ट को लेकर शिक्षा विभाग तैयारी में जुटा है. इधर विद्यार्थियों के मन में इसको लेकर कई तरह के सवाल उमड़ रहे हैं. इन सारे सवालों का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने शिक्षाविद मोहन कुमार झा से की खास बातचीत. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

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Published : Jun 22, 2021, 2:22 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 2:56 PM IST

रांची: मैट्रिक और इंटरमीडिएट (10वीं और 12वीं) की परीक्षा रद्द होने के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) और शिक्षा विभाग परीक्षा परिणाम तैयार करने में जुटा है. लेकिन इन परीक्षाओं के मूल्यांकन को लेकर विद्यार्थियों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. इससे तमाम भ्रांतियों को भी हवा मिल रही है. विद्यार्थियों और अभिभावकों के इस असमंजस को दूर करने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने शिक्षाविद मोहन कुमार झा से बातचीत की. ताकि इनके असमंजस को दूर किया जा सके.

ये भी पढ़ें- JAC EXAM 2021: 10वीं, 12वीं में कौन हो पास कौन फेल, जानें इस दिन होगा तय



पहले समझें किस आधार पर तैयार किया जा रहा परिणाम

झारखंड एकेडमिक काउंसिल(JAC) की ओर से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा रद्द (Matric and Inter exam canceled) करने के बाद अब सभी परीक्षार्थियों को पिछली कक्षा के आधार पर प्रोमोट किया जाएगा. इसके लिए उनका मूल्यांकन किया जा रहा है. 10वीं का रिजल्ट 9वीं के आधार पर तो वहीं 12वीं का रिजल्ट 11 वीं के परिणाम के आधार पर जारी किए जाने की संभावना है और इसे लेकर तैयारियां भी की जा रही हैं.

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जैक रिजल्ट को लेकर छात्रों के मन में सवाल

लोगों के मन में कई तरह के सवाल


लोगों के मन में सवाल है कि अगर इस फार्मूले के तहत मूल्यांकन होता है तो कई परेशानियां सामने आएंगी. 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव टाइप होती हैं. जबकि बोर्ड परीक्षा सब्जेक्टिव होती है. दूसरी ओर 9वीं और 11वीं के छात्र-छात्राओं को इन परीक्षाओं में ग्रेड दिए जाते हैं. ग्रेड देने के लिए एक निश्चित अंक निर्धारित है. उस निश्चित अंक के आधार पर ग्रेड चढ़ाए जाते हैं. अगर किसी छात्र को 9वीं और 11वीं की परीक्षा में 85 या उससे अधिक अंक मिलते हैं तो उसे A+ कैटेगरी में रखा जाता है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि C ग्रेड वाले विद्यार्थियों को कहीं फेल ना कर दिया जाए.

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रिजल्ट को लेकर कई तरह के सवाल
प्राइवेट और फेल परीक्षार्थियों के मन में सवाल


प्राइवेट और दूसरी बार परीक्षा दे रहे फेल विद्यार्थियों के लिए किस पैटर्न के आधार पर मूल्यांकन होगा, इसे लेकर भी इस कैटेगरी के परीक्षार्थियों को चिंता है, क्योंकि उनका 9वी और 11वीं का आधार वाली फार्मूला उनके मूल्यांकन पर फिट नहीं बैठता है. ऐसे परीक्षार्थी लगातार तैयारी तो कर रहे थे. लेकिन जैसे ही यह परीक्षा रद्द हुई और आंतरिक मूल्यांकन की बातें सामने आईं, इनके मन में भी कई सवाल खड़े हो गए हैं.

देखें शिक्षाविद मोहन कुमार झा ने क्या कहा
मैट्रिक का रिजल्ट प्रभावित होने की आशंका


9वीं क्लास में C ग्रेड वाले विद्यार्थियों का मैट्रिक का रिजल्ट प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. कहा तो यह भी जा रहा है कि C ग्रेड वाले विद्यार्थियों को फेल भी किया जा सकता है. 9वीं क्लास में A प्लस, A ग्रेड और B ग्रेड लाने वाले विद्यार्थी मैट्रिक में सफल होंगे और C ग्रेड के विद्यार्थियों की परेशानियां बढ़ेंगी. ऐसे विद्यार्थियों को पास कराने के लिए अनियमितता बरते जाने की भी आशंका जताई जा रही है. स्कूलों में इसे लेकर पैरवी बढ़ेगी. प्रधानाचार्य और स्कूल प्रबंधकों पर अभिभावक दबाव भी बना सकते हैं ताकि उनके बच्चे भी इस कोरोना काल में पास हो जाएं.

डाटा की विश्वसनीयता पर सवाल


जिन छात्रों ने अपने स्कूल बदल लिए हैं और पहली बार बोर्ड परीक्षा में वह शामिल हो रहे हैं तो वर्तमान स्कूलों के पास वैसे विद्यार्थियों का रिकॉर्ड नहीं होगा. ऐसे में उन विद्यार्थियों को कैसे चिन्हित किया जाएगा और उनका मूल्यांकन कैसे होगा. इसे लेकर भी सवाल लोगों के मन में हैं. इस विकट परिस्थिति में 80 और 20 फीसदी अनुपात में मार्किंग की व्यवस्था JAC के लिए आसान नहीं होगी. स्कूलों की ओर से दिए जाने वाले डाटा की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जैक में 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की प्रक्रिया शुरू, मुश्किल में परीक्षा फॉर्म नहीं भरने वाले छात्र



ऐसे समझें कैसे तैयार हो रहा है रिजल्ट


इन तमाम सवालों का जवाब शिक्षाविद मोहन कुमार झा ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत करने के दौरान दिया है. उनका सीधे तौर पर कहना है कि फिलहाल विद्यार्थियों का नफा और नुकसान देखने का समय नहीं है. इस विकट परिस्थिति से कैसे उबरा जाए. परीक्षार्थियों कि जो परेशानी है, उसे कैसे दूर किया जाए और उनके भविष्य के लिए क्या कुछ बेहतर हो सके. इस ओर पहल करना चाहिए. इसी दिशा में आगे बढ़कर राज्य सरकार ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द की है और इंटरनल एसेसमेंट के जरिए उन्हें प्रमोट करने की तैयारी की है. इसकी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है. वह कमेटी तमाम चीजों पर निगरानी रख रही है.

रिजल्ट प्रकाशित करना होगा चुनौतीपूर्ण

हालांकि राज्य सरकार, शिक्षा विभाग, शिक्षाविद, शिक्षा विशेषज्ञ और JAC के लिए इस कोरोना काल में मैट्रिक और इंटरमीडिएट का रिजल्ट बेहतर ढंग से प्रकाशित करना चुनौतीपूर्ण होगा. शिक्षाविद मोहन कुमार ने कहा कि फेल और प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए पहले ही यह व्यवस्था कर दी गई है. कमेटी की ओर से उनके लिए भी एसेसमेंट का प्रावधान किया गया है, जो विद्यार्थी प्राइवेट और कंपार्टमेंटल परीक्षा देने वाले थे. रजिस्ट्रेशन और फॉर्म भरने के दौरान ही जैक की ओर से टेस्ट ले लिया गया है. उसी आधार पर उनका आकलन कर उन्हें प्रमोट किया जाएगा.

C ग्रेड वाले विद्यार्थी न हों परेशान

शिक्षाविद मोहन कुमार ने C ग्रेड वाले विद्यार्थियों की परेशानी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा कि न तो शिक्षकों पर दबाव होगा और न ही प्रधानाचार्य इस मामले को लेकर दबाव में रहेंगे. विद्यार्थियों की बेहतरी के लिए स्कूल प्रबंधक, शिक्षक के साथ-साथ इस विकट परिस्थिति में शिक्षा विभाग भी कई कदम उठा रहा है. परीक्षा परिणाम को लेकर जो संका उत्पन्न हो रही है, उसकी पूरी जानकारी शिक्षाविद मोहन कुमार झा ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान दी है.

रांची: मैट्रिक और इंटरमीडिएट (10वीं और 12वीं) की परीक्षा रद्द होने के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) और शिक्षा विभाग परीक्षा परिणाम तैयार करने में जुटा है. लेकिन इन परीक्षाओं के मूल्यांकन को लेकर विद्यार्थियों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. इससे तमाम भ्रांतियों को भी हवा मिल रही है. विद्यार्थियों और अभिभावकों के इस असमंजस को दूर करने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने शिक्षाविद मोहन कुमार झा से बातचीत की. ताकि इनके असमंजस को दूर किया जा सके.

ये भी पढ़ें- JAC EXAM 2021: 10वीं, 12वीं में कौन हो पास कौन फेल, जानें इस दिन होगा तय



पहले समझें किस आधार पर तैयार किया जा रहा परिणाम

झारखंड एकेडमिक काउंसिल(JAC) की ओर से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा रद्द (Matric and Inter exam canceled) करने के बाद अब सभी परीक्षार्थियों को पिछली कक्षा के आधार पर प्रोमोट किया जाएगा. इसके लिए उनका मूल्यांकन किया जा रहा है. 10वीं का रिजल्ट 9वीं के आधार पर तो वहीं 12वीं का रिजल्ट 11 वीं के परिणाम के आधार पर जारी किए जाने की संभावना है और इसे लेकर तैयारियां भी की जा रही हैं.

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जैक रिजल्ट को लेकर छात्रों के मन में सवाल

लोगों के मन में कई तरह के सवाल


लोगों के मन में सवाल है कि अगर इस फार्मूले के तहत मूल्यांकन होता है तो कई परेशानियां सामने आएंगी. 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव टाइप होती हैं. जबकि बोर्ड परीक्षा सब्जेक्टिव होती है. दूसरी ओर 9वीं और 11वीं के छात्र-छात्राओं को इन परीक्षाओं में ग्रेड दिए जाते हैं. ग्रेड देने के लिए एक निश्चित अंक निर्धारित है. उस निश्चित अंक के आधार पर ग्रेड चढ़ाए जाते हैं. अगर किसी छात्र को 9वीं और 11वीं की परीक्षा में 85 या उससे अधिक अंक मिलते हैं तो उसे A+ कैटेगरी में रखा जाता है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि C ग्रेड वाले विद्यार्थियों को कहीं फेल ना कर दिया जाए.

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रिजल्ट को लेकर कई तरह के सवाल
प्राइवेट और फेल परीक्षार्थियों के मन में सवाल


प्राइवेट और दूसरी बार परीक्षा दे रहे फेल विद्यार्थियों के लिए किस पैटर्न के आधार पर मूल्यांकन होगा, इसे लेकर भी इस कैटेगरी के परीक्षार्थियों को चिंता है, क्योंकि उनका 9वी और 11वीं का आधार वाली फार्मूला उनके मूल्यांकन पर फिट नहीं बैठता है. ऐसे परीक्षार्थी लगातार तैयारी तो कर रहे थे. लेकिन जैसे ही यह परीक्षा रद्द हुई और आंतरिक मूल्यांकन की बातें सामने आईं, इनके मन में भी कई सवाल खड़े हो गए हैं.

देखें शिक्षाविद मोहन कुमार झा ने क्या कहा
मैट्रिक का रिजल्ट प्रभावित होने की आशंका


9वीं क्लास में C ग्रेड वाले विद्यार्थियों का मैट्रिक का रिजल्ट प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. कहा तो यह भी जा रहा है कि C ग्रेड वाले विद्यार्थियों को फेल भी किया जा सकता है. 9वीं क्लास में A प्लस, A ग्रेड और B ग्रेड लाने वाले विद्यार्थी मैट्रिक में सफल होंगे और C ग्रेड के विद्यार्थियों की परेशानियां बढ़ेंगी. ऐसे विद्यार्थियों को पास कराने के लिए अनियमितता बरते जाने की भी आशंका जताई जा रही है. स्कूलों में इसे लेकर पैरवी बढ़ेगी. प्रधानाचार्य और स्कूल प्रबंधकों पर अभिभावक दबाव भी बना सकते हैं ताकि उनके बच्चे भी इस कोरोना काल में पास हो जाएं.

डाटा की विश्वसनीयता पर सवाल


जिन छात्रों ने अपने स्कूल बदल लिए हैं और पहली बार बोर्ड परीक्षा में वह शामिल हो रहे हैं तो वर्तमान स्कूलों के पास वैसे विद्यार्थियों का रिकॉर्ड नहीं होगा. ऐसे में उन विद्यार्थियों को कैसे चिन्हित किया जाएगा और उनका मूल्यांकन कैसे होगा. इसे लेकर भी सवाल लोगों के मन में हैं. इस विकट परिस्थिति में 80 और 20 फीसदी अनुपात में मार्किंग की व्यवस्था JAC के लिए आसान नहीं होगी. स्कूलों की ओर से दिए जाने वाले डाटा की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जैक में 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की प्रक्रिया शुरू, मुश्किल में परीक्षा फॉर्म नहीं भरने वाले छात्र



ऐसे समझें कैसे तैयार हो रहा है रिजल्ट


इन तमाम सवालों का जवाब शिक्षाविद मोहन कुमार झा ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत करने के दौरान दिया है. उनका सीधे तौर पर कहना है कि फिलहाल विद्यार्थियों का नफा और नुकसान देखने का समय नहीं है. इस विकट परिस्थिति से कैसे उबरा जाए. परीक्षार्थियों कि जो परेशानी है, उसे कैसे दूर किया जाए और उनके भविष्य के लिए क्या कुछ बेहतर हो सके. इस ओर पहल करना चाहिए. इसी दिशा में आगे बढ़कर राज्य सरकार ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द की है और इंटरनल एसेसमेंट के जरिए उन्हें प्रमोट करने की तैयारी की है. इसकी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है. वह कमेटी तमाम चीजों पर निगरानी रख रही है.

रिजल्ट प्रकाशित करना होगा चुनौतीपूर्ण

हालांकि राज्य सरकार, शिक्षा विभाग, शिक्षाविद, शिक्षा विशेषज्ञ और JAC के लिए इस कोरोना काल में मैट्रिक और इंटरमीडिएट का रिजल्ट बेहतर ढंग से प्रकाशित करना चुनौतीपूर्ण होगा. शिक्षाविद मोहन कुमार ने कहा कि फेल और प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए पहले ही यह व्यवस्था कर दी गई है. कमेटी की ओर से उनके लिए भी एसेसमेंट का प्रावधान किया गया है, जो विद्यार्थी प्राइवेट और कंपार्टमेंटल परीक्षा देने वाले थे. रजिस्ट्रेशन और फॉर्म भरने के दौरान ही जैक की ओर से टेस्ट ले लिया गया है. उसी आधार पर उनका आकलन कर उन्हें प्रमोट किया जाएगा.

C ग्रेड वाले विद्यार्थी न हों परेशान

शिक्षाविद मोहन कुमार ने C ग्रेड वाले विद्यार्थियों की परेशानी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा कि न तो शिक्षकों पर दबाव होगा और न ही प्रधानाचार्य इस मामले को लेकर दबाव में रहेंगे. विद्यार्थियों की बेहतरी के लिए स्कूल प्रबंधक, शिक्षक के साथ-साथ इस विकट परिस्थिति में शिक्षा विभाग भी कई कदम उठा रहा है. परीक्षा परिणाम को लेकर जो संका उत्पन्न हो रही है, उसकी पूरी जानकारी शिक्षाविद मोहन कुमार झा ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान दी है.

Last Updated : Jun 22, 2021, 2:56 PM IST
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