रांची: राजधानी में 1000 से ज्यादा साइबर अपराध के मामले लंबित हैं, तो दूसरी तरफ नए मामले हर दिन सामने आ जा रहे हैं. लगातार बढ़ते मामले और कांडों के अनुसंधान को लंबित होता देख रांची के सीनियर एसपी ने सिर्फ साइबर मामलों को सुलझाने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया है. इस टीम में कुल 24 पुलिस पदाधिकारी हैं जो सिर्फ और सिर्फ साइबर मामलों को ही देखेंगे.
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क्यों बनानी पड़ी टीम
रांची के साइबर थानों में मामले तो दर्ज कर लिए जाते हैं, लेकिन मामले सुलझ नहीं पाते हैं. जिसका फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं और लगातार लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. लेकिन अब मामले की गंभीरता को देख कर साइबर अपराधियों पर रांची पुलिस शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गई है.
स्पशेल 24 का किया गठन
इसके लिए रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर सिटी एसपी सौरभ ने स्पशेल 24 का गठन किया है. गठित टीम साइबर थानों में दर्ज पुराने लंबित और नए मामलों का निष्पादन करेगी. इसके लिए टीम को तीन महीने का टॉस्क दिया गया है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे जितने भी पुराने मामले हैं, उन मामलों को निर्धारित समय में हर हाल में निष्पादित कर दें.
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अपराधियों की रिपोर्ट तैयार करने का आदेश
साइबर क्राइम करने वाले अपराधी देश के किसी भी हिस्से में हों, उन्हें हर हाल में गिरफ्तार की जाए ताकि साइबर अपराधियों पर पुलिस अंकुश लगा सके. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि साइबर अपराधी किन-कित तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. इसकी भी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेवारी टीम को दी गई है.
हर टीम में इंस्पेक्टर और दो एसआई
सिटी एसपी ने पुराने साइबर कांडों का निष्पादन करने के लिए 8 टीमों का गठन किया है. गठित हर टीम में 1 इंस्पेक्टर के साथ 2 एसआई स्तर के पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. हर टीम को 50 लंबित केस का निष्पादन करने की जिम्मेवारी दी गई है. हर टीम से कहा गया है कि वे आपस में ताल-मेल बनाकर केस का निष्पादन करें.
400 मामलों का निष्पादन करने का दिया टॉस्क
रांची के साइबर समेत विभिन्न थानों में एक हजार से ज्यादा साइबर अपराध के मामले लंबित हैं. इसमें से गठित स्पेशल 24 को 400 केसों के निष्पादित करने की जिम्मेवारी दी गई. सिटी एसपी ने गठित टीम को निर्देश दिया है कि वे हर हाल में 90 दिनों के भीतर कांडों का निष्पादन कर दें, ताकि लंबित मामले कम हो सके.
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लोकल थानों से लेगी टीम मदद
सिटी एसपी ने गठित टीम को निर्देश दिया है कि साइबर अपराधियों को दबोचने के लिए वह देश के किसी भी हिस्से में जा सकती है. वहां की लोकल पुलिस की मदद से साइबर अपराधियों को हर हाल में गिरफ्तार करें ताकि कांडों का निष्पादन हो सके. साथ ही साइबर क्राइम पर भी अंकुश लगे.
साइबर थानों पर बढ़ा है दबाव
राज्य में हाल के दिनों में साइबर अपराध के अलग अलग ट्रेंड सामने आए हैं. ऐसे में जांच को लेकर दबाव बढ़ा है. हाल के दिनों में फेसबुक की प्रोफाइल की कॉपी कर अपराधी नया प्रोफाइल बना रहे. इसके बाद पैसों की डिमांड की जा रही है. आमलोगों के अलावे डीसी रांची व जमशेदपुर, कोल्हान डीआईजी, कई जिलों के एसपी, रिटायर्ड पुलिस पदाधिकारियों तक के फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाकर पैसों की मांग की जा चुकी है.
हनी ट्रैप के जरिए भी ब्लैकमेल
वहीं कई लोगों को हनी ट्रैप के जरिए भी ब्लैकमेल किया जा रहा है. मामलों की बढ़ोतरी के बाद साइबर थाने ने ऐसे एकाउंट को डिएक्टिवेट कराया है. लेकिन पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है.
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तीन इंस्पेक्टर भी तैनात
रांची में साइबर अपराध से जुड़े मामले के अनुसंधान को लेकर साइबर थाने पर दबाव बढ़ा है. ऐसे में सीआईडी की ओर से संचालित साइबर थाने को सशक्त करने के लिए इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों का अतिरिक्त पदस्थापन यहां किया गया है. फिलहाल सीआईडी एडीजी अनिल पालटा ने इंस्पेक्टर स्तर के तीन पदाधिकारियों की तैनाती का आदेश जारी किया है. अगले चरण में अन्य पदाधिकारियों की तैनाती की जाएगी.