रांचीः देश और दुनिया में जब भारत की अपनी चिकित्सा पद्धति को पहचान मिल रही है. बिना साइड इफेक्ट के कई सामान्य और जटिल बीमारियों को जड़ से समाप्त करने वाली आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा पद्धति (Ayurveda, Homeopathy and Unani) का झारखंड में दम फूल रहा है.
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झारखंड राज्य निर्माण के समय यानी पूरे दो दशक पहले 468 आयुष डॉक्टरों वाला यह विभाग कुछ महीनों या वर्षो में बिन डॉक्टर का विभाग हो जाएगा. आंकड़ों की बिनाह पर ऐसा कहा जा रहा है. क्योंकि साल दर साल झारखंड में आयुष के डॉक्टर रिटायर होते गए और पिछले 20 साल में एक भी डॉक्टर की स्थायी रूप से बहाली नहीं हुई. आज स्थिति यह है कि सृजित पदों का महज 10 फीसदी ही डॉक्टर विभाग में बचे हैं. डॉक्टरों की घोर कमी का नतीजा यह हुआ है कि एक-एक डॉक्टर तीन-तीन या चार-चार पदों पर काम कर रहे हैं.
इसी तरह होम्योपैथी मेडिकल अफसर (Homeopathy Medical Officer) डॉ. अशोक पासवान अपने मूल पद के साथ-साथ राज्यभर के होम्योपैथी और आयुर्वेदिक दोनों के आयुष मेडिकल इंस्पेक्टर हैं, जो रेजिस्ट्रेशन से लेकर आयुष दवाओं की निगरानी भी देखते हैं. अब समझिए कि कैसे एक आदमी इतने बड़े और महत्वपूर्ण काम को निपटाता होगा.
इसी तरह यूनानी के मेडिकल ऑफिसर (Medical Officer of Unani) डॉ. फजलुस समी अपने मूल पद के अलावा जिला आयुष पदाधिकारी, राष्ट्रीय आयुष मिशन (National Ayush Mission) के झारखंड नोडल अधिकारी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के राज्य नोडल अधिकारी भी हैं.
कई-कई प्रभारों के बोझ तले दबे डॉक्टरों का कहना है कि जब आयुष विभाग में डॉक्टर ही नहीं बचे हैं तो काम का बोझ से मूल काम यानी मरीजों का ट्रीटमेंट प्रभावित होता ही है. जो 46 डॉक्टर बचे हैं, उनमें से भी कई प्रशासनिक कार्य में लगे हुए हैं तो कई चिकित्सकों के जिम्मे कई-कई प्रभार है.
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क्या कहते हैं आयुष निदेशक
झारखंड में आयुष की खस्ताहाल स्थिति को लेकर आयुष निदेशक ने कहा कि खाली पदों को भरने के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) को अधियाचना लगातार भेजी जा रही है. इस बाबत आयुष में कर्मचारियों की बहाली को लेकर कोई जवाब उनके पास नहीं है.
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आयुष विभाग में अन्य पद भी खाली
कुल मिलाकर कहें तो झारखंड आयुष विभाग में डॉक्टरों के 468 सृजित पदों में गिनती के 46 डॉक्टर बचे हैं यानी 422 पद खाली हैं. इसी तरह इस विभाग में अन्य पद भी रिक्त हैं. झारखंड आयुष विभाग में सिर्फ डॉक्टरों का पद ही खाली नहीं है, बल्कि क्लर्क से लेकर कंपाउंडर, नाइट गार्ड, स्टोर कीपर जैसे 793 सृजित पदों में से 588 पद खाली है और सिर्फ 205 पदों पर ही कर्मचारी काम कर रहे हैं.