रांचीः आरयू सिंडिकेट की बैठक में कुल 17 एजेंडों पर चर्चा हुई. महत्वपूर्ण मुद्दों को सिंडिकेट के सदस्यों ने सहमति देते हुए एकमत से पारित किया. खासकर जाली शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा करने के मामले में केसीबी कॉलेज बेड़ो के 3 शिक्षकों के लंबित भुगतान पर चर्चा हुई और उनसे वेतन भुगतान के रुपए रिकवरी करने पर सहमति प्रदान की गई.
भुगतान रिकवरी को लेकर सहमति
रांची विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक प्रभारी कुलपति कामिनी कुमार की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में कुल 17 अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और स्वीकृति प्रदान की गई. 3 वर्ष पहले सिंडिकेट की बैठक में केसीबी कॉलेज बेड़ो के 3 शिक्षकों को जाली शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा करने के मामले में दोषी पाया गया था. बैठक के दौरान ही इन शिक्षकों को बर्खास्त करने का निर्णय ले लिया गया था और वेतन भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया था. विश्वविद्यालय की ओर से उस दौरान अधिसूचना जारी नहीं हुई थी. इसलिए वे कॉलेज जाते रहे और उनका वेतन भुगतान होता रहा. इस मामले को लेकर बुधवार को हुई सिंडिकेट की बैठक में निर्णय हुआ है. भुगतान को लेकर चर्चा हुई. साथ ही अब तक किए गए वेतन भुगतान रिकवरी करने को लेकर सिंडिकेट के सदस्यों ने सहमति प्रदान की.
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वहीं मौके पर जेपीएससी की ओर से मांडर कॉलेज के 3 शिक्षक और पीपीके कॉलेज के शिक्षकों की सेवा संपुष्टि प्राप्त सहमति के आलोक में स्वीकृति दी गई है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय कॉमर्स विभाग के एक, मांडर कॉलेज के तीन, बुंडू कॉलेज के दो और केसीबी कॉलेज बेड़ो के 3 शिक्षकों की सेवा संपुष्टि पर भी मुहर लगाई गई. इसके साथ ही जून महीने में आयोजित सिंडिकेट की बैठक में लिए गए अब तक के निर्णय पर भी सिंडिकेट की बैठक में मुहर लगाई गई है. एकेडमिक काउंसिल की ओर से लिए गए निर्णय पर भी सहमति प्रदान की गई है.
सिंडिकेट के सदस्यों ने हंगामा भी किया
इस बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के अधिकार को जेएसएससी को दिए जाने पर कुछ देर तक सिंडिकेट के सदस्यों ने हंगामा भी किया. मामले को लेकर उचित फोरम पर बात रखने की आश्वासन दी गई है. गौरतलब है कि चतुर्थ और तृतीय वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति अब तक विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में था, जिसे राज्य सरकार ने बदलकर जेएसएससी को दे दिया है और इसी मामले को लेकर सिंडिकेट की बैठक में सिंडिकेट के सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई है.