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मदरसा, माध्यमिक और इंटरमीडिएट वोकेशनल की परीक्षाएं जल्द हों: माध्यमिक शिक्षक संघ

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Published : Sep 2, 2020, 6:31 PM IST

रांची माध्यमिक शिक्षक संघ ने मदरसा, मध्यमा बोर्ड की परीक्षा और इंटरमीडिएट वोकेशनल कोर्स की परीक्षाएं अब तक नहीं होने पर नाराजगी जताई है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से ली जाने वाली ये परीक्षाएं कोरोना महामारी के कारण नहीं हो पा रहे हैं.

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माध्यमिक शिक्षक संघ

रांची: मदरसा, मध्यमा बोर्ड की परीक्षा के साथ-साथ इंटरमीडिएट वोकेशनल कोर्स की अब तक परीक्षाएं आयोजित नहीं होने से माध्यमिक शिक्षक संघ ने नाराजगी जाहिर की है. प्लस टू से जुड़ी तमाम परीक्षाएं संपन्न हो गई हैं. परीक्षा परिणाम भी घोषित कर दिया गया, लेकिन अब तक मदरसा, मध्यमा बोर्ड और इंटरमीडिएट वोकेशनल कोर्स की परीक्षाएं आयोजित नहीं हो सकी हैं.

देखें पूरी खबरें
परीक्षाएं अधर में ही लटकी
झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से ली जाने वाली मध्यमा, मदरसा और इंटरमीडिएट वोकेशनल की परीक्षा कोरोना महामारी के कारण नहीं हो पा रहे हैं. ये परीक्षाएं मार्च महीने से पहले ही आयोजित करनी थी. फरवरी में इंटरमीडिएट की परीक्षाएं संपन्न हो चुकी थी और उसके बाद इंटरमीडिएट वोकेशनल, मध्यमा और मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित होनी थी. लेकिन कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया और यह परीक्षाएं अधर में ही लटक गईं.

ये भी पढ़ें- रांची में JEE, NEET और NDA के परीक्षार्थियों की परिवहन समस्या होगी दूर, प्रशासन ने जारी किए 4 हेल्प सेंटर नंबर

20,000 परीक्षार्थी मदरसा बोर्ड के

झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से राज्य सरकार से भी इस मामले को लेकर मंतव्य मांगा गया है, लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब एकेडमिक काउंसिल को नहीं मिली है. परीक्षार्थी परीक्षा के इंतजार में हैं और वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित भी हैं. लगभग 20,000 परीक्षार्थी मदरसा बोर्ड के हैं, मध्यमा में परीक्षार्थियों की संख्या 7000 है. इसके अलावे इंटरमीडिएट वोकेशनल कोर्स में परीक्षार्थियों की संख्या एक हजार के करीब है. इन परीक्षार्थियों का एग्जाम कब लिया जाएगा अब तक जैक की ओर से स्पष्ट नहीं किया जा सका है.

ये भी पढ़ें- जयपुर से 9 बाल श्रमिकों को लाया गया पलामू, 2-4 हजार रुपए में चूड़ी फैक्ट्री में करते थे काम

माध्यमिक शिक्षक संघ ने की मांग
परीक्षार्थियों की परीक्षाओं को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ने प्रतिक्रिया दी है. माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने कहा कि सरकार और एकेडमिक काउंसिल को बीच का रास्ता तय कर परीक्षा आयोजित करने की जरूरत है. मदरसा बोर्ड, संस्कृत बोर्ड और इंटरमीडिएट वोकेशनल में ज्यादा विद्यार्थी भी नहीं हैं, तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए बारी-बारी से इन परीक्षार्थियों का परीक्षा लिया जा सकता है. इस ओर जल्द से जल्द शिक्षा विभाग को ध्यान देने की जरूरत है. नहीं तो इन परीक्षाओं से जुड़े परीक्षार्थी डिप्रेशन में जाएंगे और उनका पढ़ाई से मन उठ जाएगा. इसे लेकर सरकार को गंभीर होने की जरूरत है.

रांची: मदरसा, मध्यमा बोर्ड की परीक्षा के साथ-साथ इंटरमीडिएट वोकेशनल कोर्स की अब तक परीक्षाएं आयोजित नहीं होने से माध्यमिक शिक्षक संघ ने नाराजगी जाहिर की है. प्लस टू से जुड़ी तमाम परीक्षाएं संपन्न हो गई हैं. परीक्षा परिणाम भी घोषित कर दिया गया, लेकिन अब तक मदरसा, मध्यमा बोर्ड और इंटरमीडिएट वोकेशनल कोर्स की परीक्षाएं आयोजित नहीं हो सकी हैं.

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परीक्षाएं अधर में ही लटकीझारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से ली जाने वाली मध्यमा, मदरसा और इंटरमीडिएट वोकेशनल की परीक्षा कोरोना महामारी के कारण नहीं हो पा रहे हैं. ये परीक्षाएं मार्च महीने से पहले ही आयोजित करनी थी. फरवरी में इंटरमीडिएट की परीक्षाएं संपन्न हो चुकी थी और उसके बाद इंटरमीडिएट वोकेशनल, मध्यमा और मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित होनी थी. लेकिन कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया और यह परीक्षाएं अधर में ही लटक गईं.

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20,000 परीक्षार्थी मदरसा बोर्ड के

झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से राज्य सरकार से भी इस मामले को लेकर मंतव्य मांगा गया है, लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब एकेडमिक काउंसिल को नहीं मिली है. परीक्षार्थी परीक्षा के इंतजार में हैं और वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित भी हैं. लगभग 20,000 परीक्षार्थी मदरसा बोर्ड के हैं, मध्यमा में परीक्षार्थियों की संख्या 7000 है. इसके अलावे इंटरमीडिएट वोकेशनल कोर्स में परीक्षार्थियों की संख्या एक हजार के करीब है. इन परीक्षार्थियों का एग्जाम कब लिया जाएगा अब तक जैक की ओर से स्पष्ट नहीं किया जा सका है.

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माध्यमिक शिक्षक संघ ने की मांग
परीक्षार्थियों की परीक्षाओं को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ने प्रतिक्रिया दी है. माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने कहा कि सरकार और एकेडमिक काउंसिल को बीच का रास्ता तय कर परीक्षा आयोजित करने की जरूरत है. मदरसा बोर्ड, संस्कृत बोर्ड और इंटरमीडिएट वोकेशनल में ज्यादा विद्यार्थी भी नहीं हैं, तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए बारी-बारी से इन परीक्षार्थियों का परीक्षा लिया जा सकता है. इस ओर जल्द से जल्द शिक्षा विभाग को ध्यान देने की जरूरत है. नहीं तो इन परीक्षाओं से जुड़े परीक्षार्थी डिप्रेशन में जाएंगे और उनका पढ़ाई से मन उठ जाएगा. इसे लेकर सरकार को गंभीर होने की जरूरत है.

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