रांची: झारखंड में 7 दिसंबर को 20 सीटों के लिए दूसरे चरण का मतदान होना है. इनमें कोल्हान प्रमंडल की कुल 14 में से 13 सीटों के अलावा दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की सात सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. इस फेज में एसटी की सबसे ज्यादा 16 सीटों के लिए वोटिंग होनी है.
इन सीटों पर होना है चुनाव
बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्व, जमशेदपुर पश्चिम, सरायकेला, चाईबासा, मझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, तमाड़, तोरपा, खूंटी, मांडर, सिसई, सिमडेगा, कोलेबिरा.
2014 के चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इन 20 सीटों पर बीजेपी और जेएमएम के बीच बराबरी की लड़ाई हुई थी. बीजेपी के खाते में आठ और जेएमएम के खाते में भी आठ सीटें गई थी. बीजेपी ने घाटशिला, पोटका, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, खूंटी, मांडर, सिसई और सिमडेगा सीट पर कब्जा जमाया था, जबकि जेएमएम के खाते में बहरागोड़ा, सरायकेला, चाईबासा, मझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसांवा और तोरपा सीट गई थी. शेष चार सीटों में से आजसू ने जुगसलाई और तमाड़ में जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने एनोस के जेल जाने के बाद कोलेबिरा उपचुनाव जीता था. वहीं बतौर निर्दलीय गीता कोड़ा के नाम रही थी जगन्नाथपुर सीट.
बीजेपी के पास 9 सीट
अब सवाल है कि 2014 में बीजेपी ने 20 में से 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी फिर उसके पास नौ सीटें कैसे हो गई. दरअसल, चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही बहरागोड़ा से जेएमएम की टिकट पर जीतने वाले कुणाल षाड़ंगी कुछ दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इस लिहाज से वर्तमान में 20 में से 9 सीटों पर बीजेपी का कब्जा कहा जा सकता है.
आठ सीटों पर जेएमएम का कब्जा
2014 में जेएमएम ने 20 में से जिन आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी उसमें से बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी अब बीजेपी में जा चुके हैं, लेकिन जेएमएम ने तमाड़ सीट से आजसू विधायक विकास मुंडा को अपने पाले में कर लिया है. हालांकि, आंकड़ों के खेल में बीजेपी से जेएमएम एक सीट पीछे हो गया है, लेकिन तीन अन्य सीटों की बात करें तो एक सीट यानी जुगसलाई में आजसू काबिज है तो कोलेबिरा में कांग्रेस. वहीं, गीता कोड़ा के सांसद बनने के बाद जगन्नाथपुर सीट खाली है.
कुणाल षाड़ंगी के बीजेपी में आने से बीजेपी जरूर मजबूत दिख रही है, लेकिन विपक्ष के चश्मे से देखें तो जेएमएम की आठ सीटों के अलावा विपक्षी खेमे में कांग्रेस की कोलेबिरा और जगन्नाथपुर सीट शामिल है. ऐसे में यह आंकड़ा दस पर पहुंचता है. वहीं, दूसरी तरफ 2014 में आठ सीटें जीतने वाली बीजेपी में कुणाल षाड़ंगी और एनडीए में शामिल आजसू की जुगसलाई सीट को जोड़ दें तो यह आंकड़ा दस पर पहुंच जाता है. लिहाजा, दूसरे चरण में विपक्ष और एनडीए के पास 20 में से 10-10 सीटें हैं.
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पिछले विधानसभा चुनाव में कोल्हान प्रमंडल की सीटों पर जेएमएम ने अपना दबदबा दिखाया था. इस बार जेएमएम को कांग्रेस का साथ मिला है. लिहाजा, आदिवासी बहुल इस क्षेत्र में बीजेपी और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है. फिलहाल, यह कहना मुश्किल है कि किसका पलड़ा भारी है.