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ईसाई बहुल क्षेत्र में BJP लगा पाएगी जीत की हैट्रिक! झारखंड पार्टी से मिलती है कड़ी टक्कर

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Published : Nov 9, 2019, 7:16 PM IST

सिमडेगा विधानसभा सीट पर पिछले 10 साल से बीजेपी की विमला प्रधान विधायक हैं. उनसे पहले कांग्रेस के नियेल तिर्की भी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में झारखंड पार्टी के मेनन एक्का से कड़ी चुनौती मिली थी.

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रांची: सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र खूंटी लोकसभा सीट के तहत आता है. यहां 2005 में कांग्रेस के नियेल तिर्की विधायक थे. लेकिन 2009 से बीजेपी की ओर से विमला प्रधान चुनाव लड़ीं और विधायक चुनी गईं. इसके बाद 2014 में भी विमला प्रधान ने अपना ताज बचाए रखा. अब देखना ये होगा कि क्या भाजपा यहां पर जीत की हैट्रिक बना पाएगी ?

देखें स्पेशल स्टोरी

10 सालों से बीजेपी के पास है सीट
सिमडेगा पहले कैसलपुर-बिरुगढ़ परगना साम्राज्य का शासन था. ब्रिटिश काल में यहां गजपति रॉयल फैमिली के राजा गंगा वामसी शासन करते थे. यह शाही परिवार अब भी सिमडेगा शहर से 11 किमी दूर बिरुगढ़ में रहता है. इस पठारी क्षेत्र में जनजातीय और ओडिया समुदाय के लोग रहते हैं. ओडिशा के राउरकेला के नजदीक होने के कारण सिमडेगा झारखंड के औद्योगिक विकास में मदद करता है. मशहूर राम रेखा धाम भी इसी विधानसभा क्षेत्र में स्थित है, कहते हैं कि वनवास के दौरान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण यहां रुके थे. सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र खूंटी लोकसभा सीट के तहत आता है. वैसे तो इस विधानसभा सीट में पिछले कुछ सालों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने बारी-बारी पारियां खेली है. यहां पिछले 10 सालों से बीजेपी की विधायक विमला प्रधान ने अपना वर्चस्व बनाए रखा है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में 2024 में बनेगी AAP की सरकार, अपने दम पर लड़ेंगे चुनाव: अजय कुमार

कांग्रेस भी दिखा चुकी है कमाल
वहीं, इससे पूर्व सिमडेगा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के नियेल तिर्की की विधायकी रही है. वहीं इससे पूर्व 90 के दशकों में बीजेपी के विधायक निर्मल कुमार बेसरा का राज रहा है. यहां 2005 में कांग्रेस के नियेल तिर्की विधायक थे. लेकिन 2009 में बीजेपी की ओर से विमला प्रधान चुनाव लड़ीं और विधायक चुनी गईं. इसके बाद 2014 में भी विमला प्रधान ने अपना ताज बचाए रखा.

मेनन एक्का से मिली थी चुनौती
2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो विमला प्रधान को कुल 45,343 मत मिले थे. तो वहीं दूसरे नंबर पर रही मेनन एक्का को 42,149 मत मिले थे. बीजेपी प्रत्याशी विमला प्रधान को झारखंड पार्टी की मेनन एक्का से काफी कड़ी चुनौती मिली और आखिरकार विमला प्रधान 3,194 मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहीं. इस सीट से कुल 14 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा था. जिसमें से एक उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया तो एक उम्मीदवार का नामांकन चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया. इस तरह से सिमडेगा की जनता को अब 12 प्रत्याशियों में से अपने विधायक का चुनाव करना था. इस सीट पर चुनाव लड़नेवाले 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.

रांची: सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र खूंटी लोकसभा सीट के तहत आता है. यहां 2005 में कांग्रेस के नियेल तिर्की विधायक थे. लेकिन 2009 से बीजेपी की ओर से विमला प्रधान चुनाव लड़ीं और विधायक चुनी गईं. इसके बाद 2014 में भी विमला प्रधान ने अपना ताज बचाए रखा. अब देखना ये होगा कि क्या भाजपा यहां पर जीत की हैट्रिक बना पाएगी ?

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10 सालों से बीजेपी के पास है सीट
सिमडेगा पहले कैसलपुर-बिरुगढ़ परगना साम्राज्य का शासन था. ब्रिटिश काल में यहां गजपति रॉयल फैमिली के राजा गंगा वामसी शासन करते थे. यह शाही परिवार अब भी सिमडेगा शहर से 11 किमी दूर बिरुगढ़ में रहता है. इस पठारी क्षेत्र में जनजातीय और ओडिया समुदाय के लोग रहते हैं. ओडिशा के राउरकेला के नजदीक होने के कारण सिमडेगा झारखंड के औद्योगिक विकास में मदद करता है. मशहूर राम रेखा धाम भी इसी विधानसभा क्षेत्र में स्थित है, कहते हैं कि वनवास के दौरान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण यहां रुके थे. सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र खूंटी लोकसभा सीट के तहत आता है. वैसे तो इस विधानसभा सीट में पिछले कुछ सालों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने बारी-बारी पारियां खेली है. यहां पिछले 10 सालों से बीजेपी की विधायक विमला प्रधान ने अपना वर्चस्व बनाए रखा है.

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कांग्रेस भी दिखा चुकी है कमाल
वहीं, इससे पूर्व सिमडेगा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के नियेल तिर्की की विधायकी रही है. वहीं इससे पूर्व 90 के दशकों में बीजेपी के विधायक निर्मल कुमार बेसरा का राज रहा है. यहां 2005 में कांग्रेस के नियेल तिर्की विधायक थे. लेकिन 2009 में बीजेपी की ओर से विमला प्रधान चुनाव लड़ीं और विधायक चुनी गईं. इसके बाद 2014 में भी विमला प्रधान ने अपना ताज बचाए रखा.

मेनन एक्का से मिली थी चुनौती
2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो विमला प्रधान को कुल 45,343 मत मिले थे. तो वहीं दूसरे नंबर पर रही मेनन एक्का को 42,149 मत मिले थे. बीजेपी प्रत्याशी विमला प्रधान को झारखंड पार्टी की मेनन एक्का से काफी कड़ी चुनौती मिली और आखिरकार विमला प्रधान 3,194 मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहीं. इस सीट से कुल 14 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा था. जिसमें से एक उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया तो एक उम्मीदवार का नामांकन चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया. इस तरह से सिमडेगा की जनता को अब 12 प्रत्याशियों में से अपने विधायक का चुनाव करना था. इस सीट पर चुनाव लड़नेवाले 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.

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रांची: सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र खूंटी लोकसभा सीट के तहत आता है. यहां 2005 में कांग्रेस के नियेल तिर्की विधायक थे. लेकिन 2009 से बीजेपी की ओर से विमला प्रधान चुनाव लड़ीं और विधायक चुनी गईं. इसके बाद 2014 में भी विमला प्रधान ने अपना ताज बचाए रखा. अब देखना ये होगा कि क्या भाजपा यहां पर जीत की हैट्रिक बना पाएगी?



10 सालों से बीजेपी के पास है सीट 

सिमडेगा पहले कैसलपुर-बिरुगढ़ परगना साम्राज्य का शासन था. ब्रिटिश काल में यहां गजपति रॉयल फैमिली के राजा गंगा वामसी शासन करते थे. यह शाही परिवार अब भी सिमडेगा शहर से 11 किमी दूर बिरुगढ़ में रहता है. इस पठारी क्षेत्र में जनजातीय और ओडिया समुदाय के लोग रहते हैं. ओडिशा के राउरकेला के नजदीक होने के कारण सिमडेगा झारखंड के औद्योगिक विकास में मदद करता है. मशहूर राम रेखा धाम भी इसी विधानसभा क्षेत्र में स्थित है, कहते हैं कि वनवास के दौरान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण यहां रुके थे. सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र खूंटी लोकसभा सीट के तहत आता है. वैसे तो इस विधानसभा सीट में पिछले कुछ सालों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने बारी-बारी पारियां खेली है. यहां पिछले 10 सालों से बीजेपी की विधायक विमला प्रधान ने अपना वर्चस्व बनाए रखा है. 



कांग्रेस भी दिखा चुकी है कमाल 

वहीं इससे पूर्व सिमडेगा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के नियेल तिर्की की विधायकी रही है. वहीं इससे पूर्व 90 के दशकों में बीजेपी के विधायक निर्मल कुमार बेसरा का राज रहा है. यहां 2005 में कांग्रेस के नियेल तिर्की विधायक थे. लेकिन 2009 में बीजेपी की ओर से विमला प्रधान चुनाव लड़ीं और विधायक चुनी गईं. इसके बाद 2014 में भी विमला प्रधान ने अपना ताज बचाए रखा. 

मेनन एक्का से मिली थी चुनौती

2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो विमला प्रधान को कुल 45,343 मत मिले थे. तो वहीं दूसरे नंबर पर रही मेनन एक्का को 42,149 मत मिले थे. बीजेपी प्रत्याशी विमला प्रधान को झारखंड पार्टी की मेनन एक्का से काफी कड़ी चुनौती मिली और आखिरकार विमला प्रधान 3,194 मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहीं. इस सीट से कुल 14 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा था. जिसमें से एक उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया तो एक उम्मीदवार का नामांकन चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया. इस तरह से सिमडेगा की जनता को अब 12 प्रत्याशियों में से अपने विधायक का चुनाव करना था. इस सीट पर चुनाव लड़नेवाले 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. 

 


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