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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कारनामों पर सरयू राय का वार, गुपचुप तरीके से कंसेंट टू ऑपरेट जारी होने के मुद्दे पर गरमाया सदन - Jharkhand news

झारखंड विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान मंगलवार को सदन में झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड का मुद्दा विधायक सरयू राय ने उठाया. सरयू राय ने कहा कि पहले कंसेंट टू ऑपरेट को खत्म किया जाता है और फिर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव पत्थर खदानों को बारी बारी से स्वीकृति दे देते हैं जो गैरकानूनी है.

Saryu Rai raised questions on decisions of Pollution Control Board secretary
Saryu Rai raised questions on decisions of Pollution Control Board secretary
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Published : Mar 22, 2022, 6:38 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 8:04 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा में मंगलवार को झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड का कारनामा छाया रहा. भोजनावकाश से पूर्व सदन की कार्यवाही के दौरान विधायक सरयू राय ने झारखंड प्रदूषण बोर्ड द्वारा एनजीटी के आदेश का हवाला देकर थोक के भाव से पत्थर खदानों और क्रशर के कंसेंट टू ऑपरेट को खत्म कर धीरे धीरे उनकी मान्यता पुर्नबहाल किए जाने का मुद्दा उठाया. इसका समर्थन भाजपा और आजसू के विधायकों ने भी किया.


झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड के मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया. सदन के अंदर निर्दलीय विधायक सरयू राय के अलावा भाजपा, आजसू के विधायक वेल में जाकर हंगामा करने लगे. ऐसा पहली बार हुआ जब सरयू राय को बेल में आना पड़ा. हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस दौरान स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक चलाने के लिए अपने कक्ष में बैठक की, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, सरयू राय, अनंत ओझा सहित कई विधायक उपस्थित थे.

सरयू राय, निर्दलीय विधायक

बैठक के बाद दोपहर 12.30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने इस मुद्दे पर नियमन दिया, उन्होंने विधायक सरयू राय और विभागीय मंत्री को बैठक कर इसका समाधान निकालने की बात कही. स्पीकर के इस घोषणा पर सरयू राय ने सवाल खड़े किए उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री भी मौजूद होते.

ये भी पढ़ें: विधायकों को इज्जत नहीं देते हैं पदाधिकारी, सदन में गूंजा मामला, स्पीकर बोले- लिखेंगे पत्र



प्रदूषण बोर्ड पर सरयू राय ने क्या लगाया है आरोप: सरयू राय ने कहा कि साहिबगंज सहित राज्यभर में चल रहे पत्थर खदान, क्रशर का सीटीओ झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा रद्द किया जाता है, उसके बाद बारी बारी से उन्हें स्वीकृति बोर्ड के सचिव द्वारा दे दी जाती है. सरयू राय ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव द्वारा दी जानेवाली मान्यता को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि यह बोर्ड को पावर है ना कि सचिव को. उन्होंने कहा कि जब सदन में यह सवाल उठाया गया तो विभागीय मंत्री ने मुख्य सचिव के नेतृत्व में बनी कमिटी आदि का हवाला देकर गोल मटोल जवाब दिया, जो अनुचित है. उन्होंने कहा कि सदन से हमने यह भी प्रश्न किया था कि एनजीटी के आदेश पर क्या कारवाई हुई और क्या जांच की गई तो सरकार ने इसपर गलत जवाब देकर बरगलाने की कोशिश की.

सरयू राय ने सदन में इसकी जांच कराने के लिए विशेष समिति गठित करने की मांग की जिसे अस्वीकार कर दिया गया. जिसके बाद बीजेपी विधायकों ने विशेषाधिकार लाने की मांग की. उसे भी अस्वीकार करते हुए स्पीकर ने विधायक सरयू राय और विभागीय मंत्री के साथ बैठक कर समाधान निकालने का नियमन दिया है.

रांची: झारखंड विधानसभा में मंगलवार को झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड का कारनामा छाया रहा. भोजनावकाश से पूर्व सदन की कार्यवाही के दौरान विधायक सरयू राय ने झारखंड प्रदूषण बोर्ड द्वारा एनजीटी के आदेश का हवाला देकर थोक के भाव से पत्थर खदानों और क्रशर के कंसेंट टू ऑपरेट को खत्म कर धीरे धीरे उनकी मान्यता पुर्नबहाल किए जाने का मुद्दा उठाया. इसका समर्थन भाजपा और आजसू के विधायकों ने भी किया.


झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड के मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया. सदन के अंदर निर्दलीय विधायक सरयू राय के अलावा भाजपा, आजसू के विधायक वेल में जाकर हंगामा करने लगे. ऐसा पहली बार हुआ जब सरयू राय को बेल में आना पड़ा. हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस दौरान स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक चलाने के लिए अपने कक्ष में बैठक की, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, सरयू राय, अनंत ओझा सहित कई विधायक उपस्थित थे.

सरयू राय, निर्दलीय विधायक

बैठक के बाद दोपहर 12.30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने इस मुद्दे पर नियमन दिया, उन्होंने विधायक सरयू राय और विभागीय मंत्री को बैठक कर इसका समाधान निकालने की बात कही. स्पीकर के इस घोषणा पर सरयू राय ने सवाल खड़े किए उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री भी मौजूद होते.

ये भी पढ़ें: विधायकों को इज्जत नहीं देते हैं पदाधिकारी, सदन में गूंजा मामला, स्पीकर बोले- लिखेंगे पत्र



प्रदूषण बोर्ड पर सरयू राय ने क्या लगाया है आरोप: सरयू राय ने कहा कि साहिबगंज सहित राज्यभर में चल रहे पत्थर खदान, क्रशर का सीटीओ झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा रद्द किया जाता है, उसके बाद बारी बारी से उन्हें स्वीकृति बोर्ड के सचिव द्वारा दे दी जाती है. सरयू राय ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव द्वारा दी जानेवाली मान्यता को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि यह बोर्ड को पावर है ना कि सचिव को. उन्होंने कहा कि जब सदन में यह सवाल उठाया गया तो विभागीय मंत्री ने मुख्य सचिव के नेतृत्व में बनी कमिटी आदि का हवाला देकर गोल मटोल जवाब दिया, जो अनुचित है. उन्होंने कहा कि सदन से हमने यह भी प्रश्न किया था कि एनजीटी के आदेश पर क्या कारवाई हुई और क्या जांच की गई तो सरकार ने इसपर गलत जवाब देकर बरगलाने की कोशिश की.

सरयू राय ने सदन में इसकी जांच कराने के लिए विशेष समिति गठित करने की मांग की जिसे अस्वीकार कर दिया गया. जिसके बाद बीजेपी विधायकों ने विशेषाधिकार लाने की मांग की. उसे भी अस्वीकार करते हुए स्पीकर ने विधायक सरयू राय और विभागीय मंत्री के साथ बैठक कर समाधान निकालने का नियमन दिया है.

Last Updated : Mar 22, 2022, 8:04 PM IST
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