रांचीः जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा इलाके से विधायक सरयू राय ने शहरी विकास विभाग में मेनहर्ट नियुक्ति परामर्शी घोटाले से जुड़ी लिखी किताब 'लम्हों की खता' गवर्नर द्रौपदी मुर्मू को भेंट की. राजभवन जाकर सरयू राय ने किताब की एक प्रति गवर्नर को दी. उन्होंने कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी.
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दरअसल, मेनहर्ट परामर्शी नियुक्ति घोटाला पूर्व मुख्यमंत्री और तत्कालीन शहरी विकास मंत्री रहे रघुवर दास के कार्यकाल में हुआ है. इसको लेकर सरयू राय ने 2005 से आवाज बुलंद करनी शुरू की थी, हालांकि अलग-अलग जांच समितियों के रिकमेंडेशन के बावजूद इस मामले में अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
क्या है इस किताब में
यह किताब 20 अलग-अलग अध्याय में बंटी हुई है, जिसमें चरणबद्ध तरीके से मेनहर्ट को काम देने और उससे जुड़े जांच का ब्योरा है. किताब में केवल प्रस्तावना और उपसंहार दो ऐसे अध्याय हैं जो राय ने खुद लिखे हैं, जबकि बाकी के सारे अध्याय सरकारी दस्तावेजों के आधार पर तैयार किए गए हैं. किताब में मेनहर्ट को लेकर विधानसभा में हुई बहस के अलावा उसकी योग्यता को लेकर तकनीकी परीक्षण कोषांग से कराई गई जांच का विस्तृत विवरण दिया गया है. इतना ही नहीं इसको लेकर अदालतों में पीआईएल और सुनवाई को लेकर भी जानकारी दी गई है. कुल 168 पन्नों की किताब की कीमत 300 रुपये रखी गई है.
रघुवर दास ने दिया रिएक्शन
इस मामले में सामने आए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जिस मामले पर यह किताब लिखी गई है वह काफी पुराना है और उसकी जांच भी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस किताब में उनके नाम का भी उल्लेख है, यह किताब उनकी छवि खराब करने के नीयत से लिखी गई है.