नई दिल्ली: झारखंड से बीजेपी के राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने सरना धर्मकोड के मुद्दे पर झारखंड सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस आदिवासियों को बरगला रही है. उनको गुमराह करने की कोशिश कर रही है. यह सियासी दल सरना धर्म कोड के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं.
सरना धर्म कोड मामले पर समीर उरांव ने झारखंड सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पूरे देश भर में आदिवासी समाज अपनी संस्कृति, परंपरा का पूरे आस्था से पालन कर रहे हैं. प्रकृति की पूजा करते हैं. मोदी सरकार आदिवासी समाज की हर संभव सहायता विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कर रही है. उनके कोई भी विकास के काम रुक नहीं रहे हैं. आदिवासी समाज को पता है कि मोदी सरकार उनकी हितैषी है. यह सब झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस जैसे दलों को देखा नहीं जा रहा है. इसलिए वह सरना धर्म कोड का मुद्दा उठाकर षड्यंत्र रच रहे हैं. इन लोगों के बहकावे में आदिवासी नहीं आएंगे.
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सरना धर्म कोड का मुद्दा झारखंड सरकार द्वारा जोर-शोर से उठाया जा रहा है. रांची में झारखंड के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर राज्यपाल से मुलाकात की थी और ज्ञापन भी सौंपा था, लेकिन इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी की तरफ से कोई नहीं था. 1 साल पहले झारखंड विधानसभा से सर्वसम्मति से सरना धर्म कोड पर प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को इसे लागू करने के लिए भेज दिया गया था. लेकिन केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार के प्रस्ताव को अब तक स्वीकार नहीं किया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस गठबंधन की झारखंड में सरकार है. इन लोगों की मांग है कि सरना धर्म कोड लागू हो. जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड कॉलम हो. इन दलों का तर्क है कि इससे पता चलेगा कि उनकी कितनी संख्या है. सरकारी योजनाओं का लाभ उन लोगों तक पहुंचेगा. विकास तेजी से होगा. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कुछ समय पहले झारखंड के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात कर जनगणना 2021 में सरना धर्म कोड को शामिल करने संबंधित ज्ञापन सौंपा था.