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वाह रे रांची सदर अस्पताल! फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए आखिर कैसे मिलेगी NOC, जब किया ही नहीं है अप्लाई - Jharkhand Fire Brigade

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रांची सदर अस्पताल को अग्निशमन विभाग से फायर फाइटिंग सिस्टम का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं मिला है. अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इसके लिए आवेदन नहीं किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं.

Sadar Hospital not apply for NOC of Fire Fighting System
रांची सदर अस्पताल
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Published : Jul 7, 2022, 12:15 PM IST

रांची: राजधानी का सदर अस्पताल राज्य का पहला और शायद इकलौता जिला अस्पताल होगा जहां अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 500 बेड और 07 मॉड्यूलर ऑपेरशन थिएटर होंगे. भवन निर्माण का काम शिलान्यास के 14 वर्षो में अब लगभग पूरा हो गया है और अधिकारियों ने इसे पूरा मान लिया है. किसी भी दिन अस्पताल भवन का निर्माण करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी विजेता कंस्ट्रक्शन इसे सदर अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर देगा. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अस्पताल भवन के लिए बेहद जरूरी अग्निशमन विभाग से फायर फाइटिंग सिस्टम का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं मिला है.

ये भी पढे़ं:- अत्याधुनिक संसाधनों से लैस हुआ रांची सदर अस्पताल, नई लेप्रोस्कोपिक मशीन और एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन इंस्टॉल

एनओसी के लिए नहीं हुआ है अप्लाई: झारखंड अग्निशमन के एक पदाधिकारी ने बताया कि सदर अस्पताल के नए भवन के फायर फाइटिंग का NOC अभी तक नहीं दिया गया है क्योंकि इसके लिए अप्लाई ही नहीं किया है. जिस वजह से NOC तो क्या इतने बड़े अस्पताल के लिए अग्निशमन का एडवाइजरी भी जारी नहीं हुई है. ऐसे में इतनी बड़ी लापरवाही को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

Sadar Hospital not apply for NOC of Fire Fighting System
फायर फाइटिंग सिस्टम
330 करोड़ की लागत से बना अस्पताल: 14 वर्ष पहले मधु कोड़ा के मुख्यमंत्रित्व काल में सदर अस्पताल परिसर नए भवन का शिलान्यास किया गया था उस समय 500 बेडेड अस्पताल भवन का निर्माण में करीब 134 करोड़ की राशि खर्च होनी थी जो बढ़ते बढ़ते अब करीब 330 करोड़ का हो गया है. अब जब यह भवन हैंड ओवर होने के करीब पहुंच गया है लेकिन अभी तक अग्निशमन का NOC तक नहीं मिला है. ऐसे में अगर इसे हैंडओवर लेकर अस्पताल शुरू किया भी जाता है तो यह मरीजों के जीवन से खिलवाड़ जैसा ही होगा.

रांची: राजधानी का सदर अस्पताल राज्य का पहला और शायद इकलौता जिला अस्पताल होगा जहां अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 500 बेड और 07 मॉड्यूलर ऑपेरशन थिएटर होंगे. भवन निर्माण का काम शिलान्यास के 14 वर्षो में अब लगभग पूरा हो गया है और अधिकारियों ने इसे पूरा मान लिया है. किसी भी दिन अस्पताल भवन का निर्माण करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी विजेता कंस्ट्रक्शन इसे सदर अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर देगा. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अस्पताल भवन के लिए बेहद जरूरी अग्निशमन विभाग से फायर फाइटिंग सिस्टम का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं मिला है.

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एनओसी के लिए नहीं हुआ है अप्लाई: झारखंड अग्निशमन के एक पदाधिकारी ने बताया कि सदर अस्पताल के नए भवन के फायर फाइटिंग का NOC अभी तक नहीं दिया गया है क्योंकि इसके लिए अप्लाई ही नहीं किया है. जिस वजह से NOC तो क्या इतने बड़े अस्पताल के लिए अग्निशमन का एडवाइजरी भी जारी नहीं हुई है. ऐसे में इतनी बड़ी लापरवाही को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

Sadar Hospital not apply for NOC of Fire Fighting System
फायर फाइटिंग सिस्टम
330 करोड़ की लागत से बना अस्पताल: 14 वर्ष पहले मधु कोड़ा के मुख्यमंत्रित्व काल में सदर अस्पताल परिसर नए भवन का शिलान्यास किया गया था उस समय 500 बेडेड अस्पताल भवन का निर्माण में करीब 134 करोड़ की राशि खर्च होनी थी जो बढ़ते बढ़ते अब करीब 330 करोड़ का हो गया है. अब जब यह भवन हैंड ओवर होने के करीब पहुंच गया है लेकिन अभी तक अग्निशमन का NOC तक नहीं मिला है. ऐसे में अगर इसे हैंडओवर लेकर अस्पताल शुरू किया भी जाता है तो यह मरीजों के जीवन से खिलवाड़ जैसा ही होगा.
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