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कोरोना के खिलाफ जंग में NGO की महत्वपूर्ण भूमिका, भूखे लोगों तक पहुंचा रहे हैं अनाज

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रांची के कई गैर सरकारी संगठन, संस्थाएं समेत व्यक्तिगत स्तर पर लोग आगे आये हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद लोग अपने आसपास के गरीबों के लिए न केवल राशन की व्यवस्था कर रहे हैं बल्कि उन तक कच्चा अनाज पहुंचाने के लिए खुद सक्रिय हैं.

NGO in war against corona
NGO की महत्वपूर्ण भूमिका
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Published : Apr 15, 2020, 8:56 PM IST

Updated : Apr 17, 2020, 11:21 AM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर 3 मई तक लगे लॉकडाउन में सबसे ज्यादा समस्या लोगों के भोजन को लेकर हो रही है. समाज में वैसे वर्ग के लोग जो रोज कमाने-खाने वाले हैं या दलित समुदाय के हैं, उनके सामने पेट की आग बुझाना एक बड़ी चुनौती हो गई है. हालांकि राज्य सरकार उनके लिए कई तरह के कार्यक्रम चला रही है. ऐसे में लोगों का मानवीय चेहरा भी उभर कर सामने आ रहा है.

वीडियो में देखिए स्पेशल रिपोर्ट

राजधानी रांची में कई गैर सरकारी संगठन, संस्थाएं समेत व्यक्तिगत स्तर पर लोग वैसे वर्ग का दर्द बांटने में लगे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद लोग अपने आसपास के गरीबों के लिए न केवल राशन की व्यवस्था कर रहे हैं बल्कि उन तक कच्चा अनाज पहुंचाने के लिए खुद सक्रिय हैं.

170 से अधिक संगठन हैं इस मुहिम में

अगर बात आंकड़ों की करें तो राजधानी रांची में 150 से अधिक ऐसी संस्थाएं और संगठन हैं, जो शहर के अलग-अलग इलाकों में टोलियां बनाकर लोगों के बीच राशन बांट रहे हैं. उनमें से कई लोग व्यक्तिगत स्तर पर भी पैसे इकट्ठे कर अनाज का पैकेट बनाकर बांट रहे हैं. हालांकि इस काम में राजनीतिक दल भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं लेकिन कई ऐसे संगठन है जो बिना किसी मदद के गरीबों की सहायता के लिए अनाज बांट रहे हैं.

क्या कहते इस काम में लगे लोग

कांके में रहने वाले कृष्ण कांत पाठक बताते हैं कि भूख क्या चीज होती है इस बात का एहसास उन्हें है. यही वजह है कि उन्होंने समान विचार वाले लोगों के साथ मिलकर अध्यात्म फाउंडेशन के माध्यम से लोगों को अनाज देना शुरू किया है. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में घर के आसपास के गिने-चुने लोगों तक अनाज बांटने का फैसला किया, लेकिन एक दिन अचानक लोगों की भीड़ उनके दरवाजे तक आ पहुंची. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में 3 हजार रुपये इकट्ठे हुए और अब-तक 1.25 लाख से ज्यादा की राशि खर्च हो चुकी है.

NGO in war against corona
NGO ने 2.50 लाख लोगों को खिलाया खाना

ये भी पढ़ें- रांची: कोरोना हॉट-स्पॉट हिंदपीढ़ी में प्रशासन ने दिखाई हनक, देखिए कैसे घुसी पुलिस

उन्होंने कहा कि आसपास के लोग दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं या कोई ठेला खोमचे लगाकर अपना घर चलाते है. कांके ब्लॉक के चंदवे, डैम के किनारे रहने वाले लोग समेत कई इलाकों में अनाज बांटने का काम किया गया है. उन्होंने कहा कि अब तक 550 से अधिक परिवारों तक राशन का पैकेट पहुंचाया गया है.

NGO in war against corona
दीदी किचन से 4 लाख लोगों को खिलाया जा रहा है खाना

कच्चा अनाज पहले होता है पैक फिर पहुंचता है लाभुकों तक

उन्होंने बताया कि कच्चा अनाज का पैकेट बनाकर लोगों को दिया जा रहा है. जिसमें चावल, दाल, सोया बड़ी समेत खाना बनाने की अन्य सामग्री हैं. मंदिरों में पूजा करने वाले लोगों तक भी यह मदद की गई है. उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में जब मंदिरों के दरवाजे बंद हैं, ऐसे में वहां पुजारियों के समक्ष भी संकट जैसी स्थिति हो गई है ऐसे लोगों तक भी उनका फाउंडेशन अनाज पहुंच रहा है. इस बाबत होने वाले खर्चे के संबंध में बताया कि आपसी संपर्क से लोग जुड़ते जा रहे हैं और पैसे इकट्ठे होते जा रहे हैं.

NGO in war against corona
NGO ने 2.50 लाख लोगों को खिलाया खाना

नहीं ज्वाइन कर पाए ड्यूटी अब कर रहे हैं सेवा

इस काम में जुटे नीरज ने बताया कि वह महाराष्ट्र में सरकारी बैंक में कार्यरत हैं लेकिन लॉकडाउन की वजह से वापस नहीं लौट पाए. उन्होंने कहा कि जैसे ही आसपास की बस्तियों में लोगों को भूख से लड़ते देखा तो उन तक जो मदद हो सके उसके लिए कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि बाजार से कच्चा सामान खरीद कर बकायदा उसकी पैकिंग होती है और हर दिन सुबह लोग तैयारी कर उसके वितरण में लग जाते हैं.

पढ़ें- झारखंड के आदिवासियों का देसी जुगाड़, बनाया नीम के पत्तों का मास्क

उन्होंने कहा कि सरकार अपनी तरफ से प्रयास कर रही है लेकिन मानवीय संवेदना के तहत वह और उनके जैसे लोग भी इस लड़ाई में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उनके इस काम में ना केवल बड़े बुजुर्ग और युवा बल्कि घर के परिवार के लोग में जुड़कर अपना-अपना सहयोग कर रहे हैं.

NGO in war against corona
50,000 लोगों के लिए राहत पैकेट

ये हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो गैर सरकारी संगठन और वॉलिंटियर की अलग-अलग टीम ने 2.50 लाख लोगों को खाना खिला दिया है. जबकि राहत पैकेट की बात करें तो यह आंकड़ा 50 हजार से ऊपर जा चुका है. राज्य सरकार ने भी विभिन्न जिलों में चल रहे 5453 दीदी किचन से 4 लाख लोगों को भोजन कराने का दावा किया है.

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर 3 मई तक लगे लॉकडाउन में सबसे ज्यादा समस्या लोगों के भोजन को लेकर हो रही है. समाज में वैसे वर्ग के लोग जो रोज कमाने-खाने वाले हैं या दलित समुदाय के हैं, उनके सामने पेट की आग बुझाना एक बड़ी चुनौती हो गई है. हालांकि राज्य सरकार उनके लिए कई तरह के कार्यक्रम चला रही है. ऐसे में लोगों का मानवीय चेहरा भी उभर कर सामने आ रहा है.

वीडियो में देखिए स्पेशल रिपोर्ट

राजधानी रांची में कई गैर सरकारी संगठन, संस्थाएं समेत व्यक्तिगत स्तर पर लोग वैसे वर्ग का दर्द बांटने में लगे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद लोग अपने आसपास के गरीबों के लिए न केवल राशन की व्यवस्था कर रहे हैं बल्कि उन तक कच्चा अनाज पहुंचाने के लिए खुद सक्रिय हैं.

170 से अधिक संगठन हैं इस मुहिम में

अगर बात आंकड़ों की करें तो राजधानी रांची में 150 से अधिक ऐसी संस्थाएं और संगठन हैं, जो शहर के अलग-अलग इलाकों में टोलियां बनाकर लोगों के बीच राशन बांट रहे हैं. उनमें से कई लोग व्यक्तिगत स्तर पर भी पैसे इकट्ठे कर अनाज का पैकेट बनाकर बांट रहे हैं. हालांकि इस काम में राजनीतिक दल भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं लेकिन कई ऐसे संगठन है जो बिना किसी मदद के गरीबों की सहायता के लिए अनाज बांट रहे हैं.

क्या कहते इस काम में लगे लोग

कांके में रहने वाले कृष्ण कांत पाठक बताते हैं कि भूख क्या चीज होती है इस बात का एहसास उन्हें है. यही वजह है कि उन्होंने समान विचार वाले लोगों के साथ मिलकर अध्यात्म फाउंडेशन के माध्यम से लोगों को अनाज देना शुरू किया है. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में घर के आसपास के गिने-चुने लोगों तक अनाज बांटने का फैसला किया, लेकिन एक दिन अचानक लोगों की भीड़ उनके दरवाजे तक आ पहुंची. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में 3 हजार रुपये इकट्ठे हुए और अब-तक 1.25 लाख से ज्यादा की राशि खर्च हो चुकी है.

NGO in war against corona
NGO ने 2.50 लाख लोगों को खिलाया खाना

ये भी पढ़ें- रांची: कोरोना हॉट-स्पॉट हिंदपीढ़ी में प्रशासन ने दिखाई हनक, देखिए कैसे घुसी पुलिस

उन्होंने कहा कि आसपास के लोग दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं या कोई ठेला खोमचे लगाकर अपना घर चलाते है. कांके ब्लॉक के चंदवे, डैम के किनारे रहने वाले लोग समेत कई इलाकों में अनाज बांटने का काम किया गया है. उन्होंने कहा कि अब तक 550 से अधिक परिवारों तक राशन का पैकेट पहुंचाया गया है.

NGO in war against corona
दीदी किचन से 4 लाख लोगों को खिलाया जा रहा है खाना

कच्चा अनाज पहले होता है पैक फिर पहुंचता है लाभुकों तक

उन्होंने बताया कि कच्चा अनाज का पैकेट बनाकर लोगों को दिया जा रहा है. जिसमें चावल, दाल, सोया बड़ी समेत खाना बनाने की अन्य सामग्री हैं. मंदिरों में पूजा करने वाले लोगों तक भी यह मदद की गई है. उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में जब मंदिरों के दरवाजे बंद हैं, ऐसे में वहां पुजारियों के समक्ष भी संकट जैसी स्थिति हो गई है ऐसे लोगों तक भी उनका फाउंडेशन अनाज पहुंच रहा है. इस बाबत होने वाले खर्चे के संबंध में बताया कि आपसी संपर्क से लोग जुड़ते जा रहे हैं और पैसे इकट्ठे होते जा रहे हैं.

NGO in war against corona
NGO ने 2.50 लाख लोगों को खिलाया खाना

नहीं ज्वाइन कर पाए ड्यूटी अब कर रहे हैं सेवा

इस काम में जुटे नीरज ने बताया कि वह महाराष्ट्र में सरकारी बैंक में कार्यरत हैं लेकिन लॉकडाउन की वजह से वापस नहीं लौट पाए. उन्होंने कहा कि जैसे ही आसपास की बस्तियों में लोगों को भूख से लड़ते देखा तो उन तक जो मदद हो सके उसके लिए कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि बाजार से कच्चा सामान खरीद कर बकायदा उसकी पैकिंग होती है और हर दिन सुबह लोग तैयारी कर उसके वितरण में लग जाते हैं.

पढ़ें- झारखंड के आदिवासियों का देसी जुगाड़, बनाया नीम के पत्तों का मास्क

उन्होंने कहा कि सरकार अपनी तरफ से प्रयास कर रही है लेकिन मानवीय संवेदना के तहत वह और उनके जैसे लोग भी इस लड़ाई में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उनके इस काम में ना केवल बड़े बुजुर्ग और युवा बल्कि घर के परिवार के लोग में जुड़कर अपना-अपना सहयोग कर रहे हैं.

NGO in war against corona
50,000 लोगों के लिए राहत पैकेट

ये हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो गैर सरकारी संगठन और वॉलिंटियर की अलग-अलग टीम ने 2.50 लाख लोगों को खाना खिला दिया है. जबकि राहत पैकेट की बात करें तो यह आंकड़ा 50 हजार से ऊपर जा चुका है. राज्य सरकार ने भी विभिन्न जिलों में चल रहे 5453 दीदी किचन से 4 लाख लोगों को भोजन कराने का दावा किया है.

Last Updated : Apr 17, 2020, 11:21 AM IST
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