रांचीः राजधानी में सीएम आवास के पास पुलिस की राइफल लूटने वाले अपराधी की पहचान आखिरकार कर ली गई. पिछले एक साल से पुलिस अपने ही राइफल लूटने वाले अपराधी की तलाश कर रही थी. पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि सीएम आवास के पास है पुलिस के जवान विजय महतो के हाथ से राइफल छीनकर भागने वाला अपराधी आफताब आलम है. आफताब आलम रांची का कुख्यात स्नैचर है. उसके गैंग में 12 से अधिक सदस्य हैं, जो रांची में छिनतई की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
गिरोह के सदस्य ने दी सूचना
रांची पुलिस ने कुछ दिन पहले ही आफताब गिरोह के एक शातिर अपराधी को धर दबोचा था. पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी दी. पूछताछ के दौरान पुलिस को यह जानकारी मिली कि जवान विजय महतो की राइफल आफताब ने उस समय छीन ली थी जब वह चाय पीने के लिए पीसीआर वाहन से उतर रहे थे, हालांकि आफताब ने पुलिस के पीछा किए जाने के बाद राइफल को रांची के मोरहाबादी मैदान के पास फेंक दिया था और फिर वह फरार हो गया था.
पूछताछ में आफताब के गिरोह एक सदस्य ने बताया कि जिस दिन राइफल छिनतई की वारदात हुई थी, उससे कुछ समय पहले आफताब ने कांके रोड इलाके से एक महिला के साथ भी छिनतई की थी. उस दौरान पुलिस उसके पीछे लगी हुई थी, पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए उसने जवान के हाथ से राइफल छीन लिया. राइफल छीनते ही रांची पुलिस का पूरा ध्यान राइफल को बरामद करने में लग गया और वह बड़े आराम से फरार हो गया.
जेल में है आफताब, पुलिस लेगी रिमांड पर
पुलिस जब आफताब की तलाश में जुटी तो उसे जानकारी मिली कि छिनतई के एक मामले में आफताब ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. जिसके बाद से वह रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद है. फिलहाल रांची के गोंदा पुलिस ने आफताब को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है, रिमांड मंजूर होते ही आफताब से पूछताछ की जाएगी.
सीसीटीवी में दिखा था आफताब
19 सितंबर 2018 की सुबह आफताब ने सीएम आवास के पास स्थित राम मंदिर के पास से जवान से राइफल छीना था. उस दौरान राम मंदिर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में लूट की वारदात तो कैद नहीं हो पाई थी, लेकिन लुटेरे जरूर दिखे. सीसीटीवी में दो की संख्या में बाइक पर सवार लुटेरे पीसीआर वैन तक पहुंचे, लेकिन उसके बाद की घटना सीसीटीवी में कैप्चर नहीं हो पायी थी. सीसीटीवी फुटेज की तस्वीर भी साफ नहीं आई थी. इस वजह से उस समय आफताब की पहचान नहीं हो पाई थी.
सीएम आवास की सुरक्षा को लेकर उठने लगे थे सवाल
हथियार लूटे जाने की वारदात से पहले 7 सितंबर को इसी इलाके में सीएम आवास के सामने पुलिस के एक पूर्व एसपीओ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वो मामला सुलझा भी नहीं था कि सीएम आवास से कुछ ही दूरी पर फिर वारदात हुई. कुछ दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रांची दौरा होने वाला था. जिसे लेकर रांची पुलिस की काफी फजीहत हुई थी.