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वारंटियों की गिरफ्तारी को लेकर लापरवाह है झारखंड पुलिस, एसपी नहीं लेते हैं रुचि

राजधानी रांची में न्यायालय से फरार घोषित मात्र चार फीसदी अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. जिसे एडीजी सीआईडी ने काफी निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में वर्षों से फरार अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर अधिकांश जिलों के एसपी लापरवाह हैं.

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Published : Feb 11, 2019, 8:51 AM IST

सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह

रांची: झारखंड में वर्षों से फरार अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर अधिकांश जिलों के एसपी लापरवाह हैं. सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने अपराधियों और नक्सलियों के खिलाफ लंबित वारंट की समीक्षा के बाद जो रिपोर्ट निकाली है, उसमें आधा दर्जन से अधिक जिलों में कार्रवाई को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर फरार वारंटी की गिरफ्तारी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन कई जिलों में एसपी फरार अपराधियों की गिरफ्तारी में रुचि नहीं दिखा रहे.

राजधानी में मात्र चार फीसदी गिरफ्तारी
राजधानी रांची में न्यायालय से फरार घोषित मात्र चार फीसदी अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. जिसे एडीजी सीआईडी ने काफी निराशाजनक बताया है. एडीजी ने रांची एसएसपी को निर्देश दिया है कि वे खुद कैंप कर फरार अपराधियों की गिरफ्तारी का प्रयास करें.

एसपी की जिम्मेवारी, भेज रहे डीएसपी को
फरार वारंटी के खिलाफ समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महत्वपूर्ण मीटिंग की गई थी. लेकिन इस समीक्षा बैठक में गुमला के एसपी अश्वनी कुमार सिन्हा उपस्थित नहीं थे. उन्होंने डीएसपी स्तर के अधिकारी एडीजी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भेजा था.

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गुमला में गिरफ्तारी की सफलता महज तीन प्रतिशत
गुमला में न्यायालय से मिले वारंट के बाद गिरफ्तारी की सफलता महज तीन प्रतिशत ही है. अब गुमला एसपी को निर्देश दिया गया है कि वो थाना वार टीम गठित कर फरार अपराधियों की गिरफ्तारी करें. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सरायकेला के एसपी भी शामिल नहीं हुए थे. वहां भी इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए थे. जूनियर अधिकारियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने को लेकर एसपी से कारण भी पूछा गया है.

कई जिलों में संतोषजनक रिपोर्ट
झारखंड के सिमडेगा, चाईबासा, देवघर और गोड्डा में फरार अपराधियों की गिरफ्तारी की स्थिति संतोषजनक बताई गई है. खूंटी, गिरिडीह, कोडरमा और लातेहार में न्यायालय से फरार अपराधियों की सूची नहीं मिलने की वजह से फरार घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.

गिरफ्तारी में कठिनाई
वहीं, हजारीबाग में फरार घोषित अभियुक्तों की सूची मिली है लेकिन न्यायालय से वारंट नहीं मिलने की वजह से गिरफ्तारी में देरी हो रही है. पलामू और गढ़वा में अपराधियों के वारंट में जीआर नंबर में गड़बड़ी होने के कारण गिरफ्तारी में कठिनाई की बात सामने आई है.

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ये भी पढ़ें- धनबाद में सड़क छाप आशिक का 'भूत' उतरा, लड़की ने सैंडल खोल कर दी धुनाई

13 फरवरी के लक्ष्य
झारखंड के सभी जिलों के एसपी को सीआईडी एडीजी ने जो टारगेट दिया था, उसके मुताबिक 13 फरवरी तक पुलिस के द्वारा फरार और न्यायालय से फरार घोषित शत-प्रतिशत वारंटी को गिरफ्तारी करना है. अब तक पुलिस 50 प्रतिशत टारगेट को भी पूरा नहीं कर पाई है. जिलों के एसपी के साथ 13 फरवरी को सीआईडी एडीजी अजय सिंह समीक्षा बैठक करने वाले हैं. जिसमें वास्तविक स्थिति सामने आएगी.

रांची: झारखंड में वर्षों से फरार अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर अधिकांश जिलों के एसपी लापरवाह हैं. सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने अपराधियों और नक्सलियों के खिलाफ लंबित वारंट की समीक्षा के बाद जो रिपोर्ट निकाली है, उसमें आधा दर्जन से अधिक जिलों में कार्रवाई को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर फरार वारंटी की गिरफ्तारी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन कई जिलों में एसपी फरार अपराधियों की गिरफ्तारी में रुचि नहीं दिखा रहे.

राजधानी में मात्र चार फीसदी गिरफ्तारी
राजधानी रांची में न्यायालय से फरार घोषित मात्र चार फीसदी अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. जिसे एडीजी सीआईडी ने काफी निराशाजनक बताया है. एडीजी ने रांची एसएसपी को निर्देश दिया है कि वे खुद कैंप कर फरार अपराधियों की गिरफ्तारी का प्रयास करें.

एसपी की जिम्मेवारी, भेज रहे डीएसपी को
फरार वारंटी के खिलाफ समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महत्वपूर्ण मीटिंग की गई थी. लेकिन इस समीक्षा बैठक में गुमला के एसपी अश्वनी कुमार सिन्हा उपस्थित नहीं थे. उन्होंने डीएसपी स्तर के अधिकारी एडीजी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भेजा था.

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गुमला में गिरफ्तारी की सफलता महज तीन प्रतिशत
गुमला में न्यायालय से मिले वारंट के बाद गिरफ्तारी की सफलता महज तीन प्रतिशत ही है. अब गुमला एसपी को निर्देश दिया गया है कि वो थाना वार टीम गठित कर फरार अपराधियों की गिरफ्तारी करें. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सरायकेला के एसपी भी शामिल नहीं हुए थे. वहां भी इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए थे. जूनियर अधिकारियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने को लेकर एसपी से कारण भी पूछा गया है.

कई जिलों में संतोषजनक रिपोर्ट
झारखंड के सिमडेगा, चाईबासा, देवघर और गोड्डा में फरार अपराधियों की गिरफ्तारी की स्थिति संतोषजनक बताई गई है. खूंटी, गिरिडीह, कोडरमा और लातेहार में न्यायालय से फरार अपराधियों की सूची नहीं मिलने की वजह से फरार घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.

गिरफ्तारी में कठिनाई
वहीं, हजारीबाग में फरार घोषित अभियुक्तों की सूची मिली है लेकिन न्यायालय से वारंट नहीं मिलने की वजह से गिरफ्तारी में देरी हो रही है. पलामू और गढ़वा में अपराधियों के वारंट में जीआर नंबर में गड़बड़ी होने के कारण गिरफ्तारी में कठिनाई की बात सामने आई है.

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13 फरवरी के लक्ष्य
झारखंड के सभी जिलों के एसपी को सीआईडी एडीजी ने जो टारगेट दिया था, उसके मुताबिक 13 फरवरी तक पुलिस के द्वारा फरार और न्यायालय से फरार घोषित शत-प्रतिशत वारंटी को गिरफ्तारी करना है. अब तक पुलिस 50 प्रतिशत टारगेट को भी पूरा नहीं कर पाई है. जिलों के एसपी के साथ 13 फरवरी को सीआईडी एडीजी अजय सिंह समीक्षा बैठक करने वाले हैं. जिसमें वास्तविक स्थिति सामने आएगी.

Intro:झारखंड में पिछले वर्षों से फरार अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर अधिकांश जिलों के एसपी लापरवाह है ।सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने अपराधियों और नक्सलियों के खिलाफ लंबित वारंट की समीक्षा के बाद जो रिपोर्ट निकाली है ,उसमें आधा दर्जन से अधिक जिलों में कार्रवाई को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। गौरतलब है कि झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर फरार वारंटीओं की गिरफ्तारी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है।लेकिन कई जिलों में एसपी फरार अपराधियो के गिरफ्तारी में रुची नही दिखा रहे।

राजधानी में मात्र 4 फीसदी गिरफ्तारी

राजधानी रांची में न्यायालय से फरार घोषित मात्र 4 फ़ीसदी अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है ।जिसे एडीजी सीआईडी ने काफी निराशाजनक बताया है ।एडीजी ने रांची एसएसपी को निर्देश दिया है कि वे खुद कैम्प कर फरार अपराधियों की गिरफ्तारी का प्रयास करें।

एसपी की जिम्मेवारी भेज रहे डीएसपी को

फरार वारंटी ओं के खिलाफ समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महत्वपूर्ण मीटिंग की गई थी। लेकिन इस समीक्षा बैठक में गुमला के एसपी अश्वनी कुमार सिंहा उपस्थित नहीं थे ।उन्होंने डीएसपी स्तर के अधिकारी एडीजी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भेजा था ।गुमला में न्यायालय से मिले वारंट के बाद गिरफ्तारी की सफलता महज तीन प्रतिशत ही है। अब गुमला एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह थाना वार्ड टीम गठित कर फरार अपराधियों की गिरफ्तारी करें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सरायकेला के एसपी भी शामिल नहीं हुए थे वहां भी इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुआ था। जूनियर अधिकारियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने को लेकर एसपी से कारण भी पूछा गया है।

कई जिलों में संतोषजनक रिपोर्ट

झारखंड के सिमडेगा, चाईबासा ,देवघर और गोड्डा में फरार अपराधियो की गिरफ्तारी की स्थिति संतोषजनक बताई गई है। खूंटी ,गिरिडीह ,कोडरमा और लातेहार में न्यायालय से फरार अपराधियो की सूची नहीं मिलने की वजह से फरार घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वही हजारीबाग में फरार घोषित अभियुक्तों की सूची मिली है लेकिन न्यायालय से वांट नहीं मिलने की वजह से गिरफ्तारी में देरी हो रही है। पलामू और गढ़वा में अपराधियों के वारंट में जीआर नंबर में गड़बड़ी होने के कारण गिरफ्तारी में कठिनाई की बात सामने आई है।

13 फरवरी के लक्ष्य

झारखंड के सभी जिलों के एसपी को सीआईडी एडीजी ने जो टारगेट दिया था, उसके मुताबिक 13 फरवरी तक पुलिस के द्वारा फरार और न्यायालय से फरार घोषित शत-प्रतिशत वारंटीओं को गिरफ्तारी करना है ।अब तक पुलिस 50 प्रतिशत टारगेट को भी पूरा नहीं कर पाई है जिलों के एसपी के साथ 13 फरवरी को सीआईडी एडीजी अजय सिंह समीक्षा बैठक करने वाले हैं। जिसमें वास्तविक स्थिति सामने आएगी।

फ़ोटो फाइल
एडीजी सीआईडी।




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