रांचीः राजधानी में हुई हिंसा के बाद से स्थिति अब सामान्य है. धीरे-धीरे लोग घरों से बाहर निकलने लगे हैं. जनजीवन भी सामान्य हो रहा है. पुलिस शांति व्यवस्था कायम करने में जुटी है. लेकिन कुछ असामाजिक तत्व हैं जो अभी भी समाज में सद्भावना का माहौल बिगाड़ने में जुटे हैं. शुक्रवार की घटना को लेकर सोमवार देर रात हिंदपीढ़ी में धार्मिक नारेबाजी की गई है. जिससे लोग दहशत में हैं.
दरअसल, 13 जून की मध्य रात को अचानक निजाम नगर इलाके से एक सुर में धार्मिक नारेबाजी की गई. आवाज इतनी तेज थी कि लेक रोड, सेकेंड स्ट्रीट और थर्ड स्ट्रीट के लोगों की नींद खुल गई. लोग कुछ समझ पाते तब तक सन्नाटा पसर चुका था, लेकिन आधे घंटे के भीतर हिंदपीढ़ी के दूसरे इलाके से फिर एक सुर में धार्मिक नारेबाजी हुई. यह सिलसिला देर रात 2.30 बजे तक चलता रहा. उस इलाके में रहने वाले दूसरे समुदाय के लोग पूरी रात दहशत के बीच जगे रहे.
ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक नारेबाजी के वक्त हिंदपीढ़ी इलाके में सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस के लोगों ने पेट्रोलिंग भी की. उस इलाके के कुछ सक्रिय लोगों को बुलाकर नारेबाजी बंद कराने की अपील भी की गई. स्थानीय लोगों की पहल पर देर रात 2:30 बजे के बाद नारेबाजी बंद हुई. तब तक उस इलाके में रहने वाले दूसरे समुदाय के लोग जागते रहे.
उस इलाके के लोगों ने बताया कि एक सुनियोजित तरीके से नारेबाजी की जा रही थी. कभी पूर्व की तरफ से आवाज आती थी तो कभी पश्चिम, कभी उत्तर तो कभी दक्षिण की तरफ से. ऐसा लग रहा था कि सब कुछ कोआर्डिनेशन के साथ हो रहा था. अच्छी बात यह है कि पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी से बात सिर्फ नारेबाजी तक ही सिमट कर रह गई. लेकिन इलाके में रह रहे दूसरे समुदाय के लोग कई तरह की आशंकाओं को लेकर चिंतित हैं.