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दिल्ली रोहिणी कोर्ट में गैंगवार: जानिए झारखंड की अदालतों में कैसी है सुरक्षा व्यवस्था - security in courts

दिल्ली के रोहिणी कोर्ट (Rohini Court) परिसर में गैंगवार की वारदात को अंजाम दिया गया. कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी को दिनदहाड़े गोली मार दी गई है. जिसमें उसकी मौत हो गई. वहीं टिल्लू गैंग के 2 बदमाशों को भी मार गिराया गया है. दिल्ली में हुए इस गोलीकांड के बाद झारखंड के सभी न्यायालयों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

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सुरक्षा का रियलिटी चेक
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Published : Sep 24, 2021, 8:02 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 8:17 PM IST

जमशेदपुर: व्यवहार न्यायालय में दिल्ली के रोहिणी कोर्ट (Rohini Court) में हुई घटना के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है. कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वालों पर नजर रखी जा रही है. दिल्ली की घटना के बाद जमशेदपुर बार एसोसिएशन के सचिव ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर कोर्ट में 2016 में हुई गोलीकांड के बाद सुरक्षा वयापक नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने न्यायालय परिसर के सुरक्षा का जायजा लिया.



इसे भी पढे़ं: दिल्ली कोर्ट में चली गोली, गैंगस्टर गोगी समेत तीन ढेर

देश की राजधानी दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को गैंगवार में गोलियों की तड़तड़ाहट ने कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. घटना के बाद जमशेदपुर के व्यवहार न्यायालय में अलर्ट जारी कर दिया गया है. जमशेदपुर का व्यवहार न्यायालय में जहां 1500 से अधिक अधिवक्ता रजिस्टर्ड हैं. जबकि प्रतिदिन 800 की संख्या में अधिवक्ता न्यायालय परिसर में मौजूद रहते हैं. वहीं न्यायालय परिसर में हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है. अपराधियों की पेशी के अलावा पारिवारिक मामले के साथ अन्य मामलों में लोग न्यायालय आते हैं. न्यायालय में प्रवेश करने के लिए दो मुख्य द्वार हैं. जहां जिला पुलिस तैनात रहती है. आने जाने लोगों के वाहन की जांच के साथ आर्म्स की जांच की जाती है.

जमशेदपुर न्यायालय का जायजा लेते संवाददाता

साल 2016 में बार एसोसिएशन भवन में एक युवक की हत्या


30 नवम्बर 2016 में बार एसोसिएशन भवन में हुए गोलीकांड में अपराधियों ने उपेंद्र सिंह नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. जिसके बाद कोर्ट परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. ईटीवी भारत की टीम जब जमशेदपुर न्यायालय के गेट नंबर 1 पर पहुंची तो वहां जिला पुलिस तैनात दिखी. डयूटी में तैनात पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोर्ट में आने वालों की जांच की जाती है. वानन के डिक्की के अलावा बैग की जांच भी की जाती है. वहीं न्यायालय के मुख्य भवन के इन गेट पर महिला और पुरुष पुलिस बल की तैनाती की गई है.

इसे भी पढे़ं: पॉकेट में बम! जेब में रखा मोबाइल अचानक फटा, हादसे में युवक घायल

कोर्ट परिसर में कई समस्याएं


जमशेदपुर बार एसोसिएशन के सचिव अनिल तिवारी ने बताया कि कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था की कमी है. अधिवक्ता खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. सुरक्षा के नाम पर कोरम पूरा किया जाता है. दिल्ली रोहिणी कोर्ट की घटना से सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं. वहीं महिला अधिवक्ता रंजना श्रीवास्तव ने बताया कि महिलाओं के लिए कोर्ट में कोई व्यवस्था नहीं है. वर्तमान में सारे लोग बिना जांच के प्रवेश करते हैं. न्यायालय परिसर में छोटी-छोटी कई समस्याएं हैं. जिनपर ध्यान देने की जरूरत है.

झारखंड के सभी कोर्ट में सुरक्षा बढ़ाने की मांग


वहीं दिल्ली रोहिणी कोर्ट में गोलीबारी के बाद झारखंड के कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाने की मांग तेज हो गई है. जानकारी के अनुसार दिल्ली रोहिणी कोर्ट के कमरा नंबर 207 के अंदर दो गैंगस्टर घुस गए गोलीबारी की. जिसमें पेशी के लिए लाए गए एक आरोपी की हत्या कर दी गई. इस घटना में कुछ लोग घायल भी हो गए. हालांकि गनीमत रही कि वहां पर अधिवक्ता और जज के साथ कोई अनहोनी नहीं हुई. झारखंड के सिविल कोर्ट परिसर में भी कई बार गोलीबारी हुई है. जिसमें कई लोगों की जान गई है.

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की मांग

कोर्ट में सुरक्षा की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर

झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता हेमंत सिकरवार ने कहा कि झारखंड में कई बार इस तरह की वारदात हुई है. हजारीबाग सिविल कोर्ट में गोलीबारी हुई थी. जमशेदपुर सिविल कोर्ट में भी गोलीबारी हुई है. उन्होंने कहा कि सिविल कोर्ट में सुरक्षा की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. सिविल कोर्ट सुरक्षा मामले में दायर याचिका की लगातार सुनवाई हो रही है. हाई कोर्ट के दिशा निर्देश पर सिविल कोर्ट की सुरक्षा के लिए कुछ काम तो किए गए हैं. लेकिन उसके बावजूद भी यहां के अधिवक्ता इससे संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि सिविल कोर्ट की सुरक्षा चाक-चौबंद होनी चाहिए. वह नहीं हो पा रही है. इस तरह की आपराधिक वारदात ना हो इसके लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

2016 में हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव की हत्या


हजारीबाग जिला बेहद संवेदनशील रहा है. 2016 जून में हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव को अपराधियों ने हत्या कर दी थी. जिसमें एके-47 हथियार का उपयोग किया गया था. घटना के बाद कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में भी कुछ इस तरह की घटना हुई है. जिसमें एक लोगों की हत्या कर दी गई.

जायजा लेते संवाददाता


गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या


जानकारी के अनुसार गैंगस्टर जितेंद्र गोगी को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में दिनदहाड़े गोली मार दी गई है. दो लोगों ने उसपर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी. जिसमें पेशी के लिए आए जितेंद्र उर्फ गोगी की मौके पर ही मौत हो गई. हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में भी 2016 में इस तरह की घटना हो चुकी है. जहां कुख्यात गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव को गोलियों से भून दिया गया था. घटना के के बाद से ही कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कोर्ट परिसर में प्रवेश करने के लिए 4 अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं. जिनमें दो प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया है. वहीं 2 प्रवेश द्वार से आम जनता और अधिवक्ताओं का आना-जाना रहता है. एक प्रवेश द्वार न्यायिक पदाधिकारी के आने जाने के लिए उपयोग में लाया जाता है. इस गेट पर 24 घंटे सुरक्षा बल तैनात रहते हैं. जो भी व्यक्ति कोर्ट परिसर में आते हैं उन्हें सुरक्षा मापदंडों का पालन किया जाता है

जमशेदपुर: व्यवहार न्यायालय में दिल्ली के रोहिणी कोर्ट (Rohini Court) में हुई घटना के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है. कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वालों पर नजर रखी जा रही है. दिल्ली की घटना के बाद जमशेदपुर बार एसोसिएशन के सचिव ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर कोर्ट में 2016 में हुई गोलीकांड के बाद सुरक्षा वयापक नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने न्यायालय परिसर के सुरक्षा का जायजा लिया.



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देश की राजधानी दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को गैंगवार में गोलियों की तड़तड़ाहट ने कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. घटना के बाद जमशेदपुर के व्यवहार न्यायालय में अलर्ट जारी कर दिया गया है. जमशेदपुर का व्यवहार न्यायालय में जहां 1500 से अधिक अधिवक्ता रजिस्टर्ड हैं. जबकि प्रतिदिन 800 की संख्या में अधिवक्ता न्यायालय परिसर में मौजूद रहते हैं. वहीं न्यायालय परिसर में हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है. अपराधियों की पेशी के अलावा पारिवारिक मामले के साथ अन्य मामलों में लोग न्यायालय आते हैं. न्यायालय में प्रवेश करने के लिए दो मुख्य द्वार हैं. जहां जिला पुलिस तैनात रहती है. आने जाने लोगों के वाहन की जांच के साथ आर्म्स की जांच की जाती है.

जमशेदपुर न्यायालय का जायजा लेते संवाददाता

साल 2016 में बार एसोसिएशन भवन में एक युवक की हत्या


30 नवम्बर 2016 में बार एसोसिएशन भवन में हुए गोलीकांड में अपराधियों ने उपेंद्र सिंह नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. जिसके बाद कोर्ट परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. ईटीवी भारत की टीम जब जमशेदपुर न्यायालय के गेट नंबर 1 पर पहुंची तो वहां जिला पुलिस तैनात दिखी. डयूटी में तैनात पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोर्ट में आने वालों की जांच की जाती है. वानन के डिक्की के अलावा बैग की जांच भी की जाती है. वहीं न्यायालय के मुख्य भवन के इन गेट पर महिला और पुरुष पुलिस बल की तैनाती की गई है.

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कोर्ट परिसर में कई समस्याएं


जमशेदपुर बार एसोसिएशन के सचिव अनिल तिवारी ने बताया कि कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था की कमी है. अधिवक्ता खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. सुरक्षा के नाम पर कोरम पूरा किया जाता है. दिल्ली रोहिणी कोर्ट की घटना से सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं. वहीं महिला अधिवक्ता रंजना श्रीवास्तव ने बताया कि महिलाओं के लिए कोर्ट में कोई व्यवस्था नहीं है. वर्तमान में सारे लोग बिना जांच के प्रवेश करते हैं. न्यायालय परिसर में छोटी-छोटी कई समस्याएं हैं. जिनपर ध्यान देने की जरूरत है.

झारखंड के सभी कोर्ट में सुरक्षा बढ़ाने की मांग


वहीं दिल्ली रोहिणी कोर्ट में गोलीबारी के बाद झारखंड के कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाने की मांग तेज हो गई है. जानकारी के अनुसार दिल्ली रोहिणी कोर्ट के कमरा नंबर 207 के अंदर दो गैंगस्टर घुस गए गोलीबारी की. जिसमें पेशी के लिए लाए गए एक आरोपी की हत्या कर दी गई. इस घटना में कुछ लोग घायल भी हो गए. हालांकि गनीमत रही कि वहां पर अधिवक्ता और जज के साथ कोई अनहोनी नहीं हुई. झारखंड के सिविल कोर्ट परिसर में भी कई बार गोलीबारी हुई है. जिसमें कई लोगों की जान गई है.

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की मांग

कोर्ट में सुरक्षा की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर

झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता हेमंत सिकरवार ने कहा कि झारखंड में कई बार इस तरह की वारदात हुई है. हजारीबाग सिविल कोर्ट में गोलीबारी हुई थी. जमशेदपुर सिविल कोर्ट में भी गोलीबारी हुई है. उन्होंने कहा कि सिविल कोर्ट में सुरक्षा की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. सिविल कोर्ट सुरक्षा मामले में दायर याचिका की लगातार सुनवाई हो रही है. हाई कोर्ट के दिशा निर्देश पर सिविल कोर्ट की सुरक्षा के लिए कुछ काम तो किए गए हैं. लेकिन उसके बावजूद भी यहां के अधिवक्ता इससे संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि सिविल कोर्ट की सुरक्षा चाक-चौबंद होनी चाहिए. वह नहीं हो पा रही है. इस तरह की आपराधिक वारदात ना हो इसके लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

2016 में हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव की हत्या


हजारीबाग जिला बेहद संवेदनशील रहा है. 2016 जून में हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव को अपराधियों ने हत्या कर दी थी. जिसमें एके-47 हथियार का उपयोग किया गया था. घटना के बाद कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में भी कुछ इस तरह की घटना हुई है. जिसमें एक लोगों की हत्या कर दी गई.

जायजा लेते संवाददाता


गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या


जानकारी के अनुसार गैंगस्टर जितेंद्र गोगी को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में दिनदहाड़े गोली मार दी गई है. दो लोगों ने उसपर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी. जिसमें पेशी के लिए आए जितेंद्र उर्फ गोगी की मौके पर ही मौत हो गई. हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में भी 2016 में इस तरह की घटना हो चुकी है. जहां कुख्यात गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव को गोलियों से भून दिया गया था. घटना के के बाद से ही कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कोर्ट परिसर में प्रवेश करने के लिए 4 अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं. जिनमें दो प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया है. वहीं 2 प्रवेश द्वार से आम जनता और अधिवक्ताओं का आना-जाना रहता है. एक प्रवेश द्वार न्यायिक पदाधिकारी के आने जाने के लिए उपयोग में लाया जाता है. इस गेट पर 24 घंटे सुरक्षा बल तैनात रहते हैं. जो भी व्यक्ति कोर्ट परिसर में आते हैं उन्हें सुरक्षा मापदंडों का पालन किया जाता है

Last Updated : Sep 24, 2021, 8:17 PM IST
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