रांची: राजधानी रांची की निर्भया बीटेक की छात्रा को रांची सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत से इंसाफ मिला है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा की अदालत ने हत्याकांड के दोषी राहुल राय उर्फ रॉकी राज उर्फ अंकित उर्फ राज श्रीवास्तव उर्फ आर्यन को फांसी की सजा सुनाई है.
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने क्या कहा
अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने अदालत से कहा कि पहले जमाने में इस तरह के काम करने वाले लोगों को पत्थर से मारा जाता था, ताकि पीड़ितों को संतुष्टि मिल सके और जिस तरह से दोषी ने दुष्कर्म कर निर्मम हत्या की घटना को अंजाम दिया है, इस आरोपी को कम से कम फांसी की सजा होनी चाहिए.
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बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कम से कम सजा की मांग की
वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कम से कम सजा की मांग की. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आईपीसी के विभिन्न धाराओं में दोषी को सजा सुनाते हुए फांसी की सजा सुनाई है.
डे-टू-डे सुनवाई
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक राकेश सिन्हा ने कहा कि अदालत के इस तरह के फैसले से समाज में एक संदेश जाएगा और लोग इस तरह के घटना को अंजाम देने से डरेंगे. अदालत ने आरोप गठन के बाद डे-टू-डे सुनवाई करते हुए करीब 30 के कार्य दिवस में सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुनाया है.
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25 अक्टूबर 2019 को आरोप तय किया गया
मामले में आरोपी पर 25 अक्टूबर 2019 को आरोप तय किया गया था. 8 नवंबर से गवाही शुरू हुई. दूसरी ओर सीबीआई ने भी तत्परता दिखाते हुए मात्र 18 कार्य दिवस में कोर्ट के समक्ष 30 गवाहों को पेश कर उनका बयान दर्ज करवाया.
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15 दिसंबर 2016 की वारदात
बता दें कि 15 दिसंबर 2016 की देर रात बीटेक की छात्रा से दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी. सीबीआई ने बिहार के नालंदा जिले के एकंगरसराय निवासी राहुल को आरोपी बनाया. उसे 22 जून को लखनऊ जेल से प्रोडक्शन वारंट पर रांची लाया गया था. 19 सितंबर को अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई. शुक्रवार को अदालत में मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषी ठहराया और आज उसे फांसी की सजा सुनाई गई है.