रांची: राजधानी रांची में तेज रफ्तार के शौकीनों के लिए इंटरसेप्टर नाम की मशीन आफत बन गई है. रफ्तार नापने वाली मशीन ने दो सप्ताह में 90 लोगों को अपना निशाना बनाया है. इंटरसेप्टर के जरिए जिन 90 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है उनके ड्राइविंग लाइसेंस तो रद्द हो सकते हैं साथ ही उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है. यह 90 सभी वैसे लोग हैं जो अपनी रफ्तार की वजह से सड़क पर चलने वाले दूसरे आम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं.
क्या है पूरा मामला
रांची की सड़कों पर रश ड्राइविंग ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. शहर के विभिन्न मार्गों के लिए तय मानक से अधिक रफ्तार में वाहन चलाने वालों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस की ओर से अभियान शुरू कर दिया गया है.
अधिक रफ्तार में वाहन चलाने वाले जुर्माना के दायरे में
रफ्तार नापने वाली मशीन इंटरसेप्टर के जरिए राजधानी के विभिन्न मार्गों पर 90 वाहन चालकों को चिन्हित किया गया है जो बहुत तेजी के साथ सड़क पर वाहन चला रहे थे. सभी को ट्रैफिक पुलिस की ओर से जुर्माना लगाया गया है. साथ ही सभी को ट्रैफिक पुलिस की ओर से उनके पते पर चालान भेज दिया गया है. बता दें कि पथ निर्माण विभाग ने रांची के शहरी क्षेत्र में गति सीमा 40 निर्धारित की है. निर्धारित गति से अधिक रफ्तार में वाहन चलाने वाले जुर्माना के दायरे में आएंगे.
लाइसेंस होगा रद्द
ट्रैफिक पुलिस ने रश ड्राइविंग करने वाले जीन वाहन चालकों पर जुर्माना किया है. उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा. ट्रैफिक पुलिस उन वाहन चालकों की सूची तैयार कर रही है जिसके बाद उसे डीटीओ के पास भेज कर उनका लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा की जाएगी.
छह माह तक हो सकती है सजा
सुप्रीम कोर्ट ने रश ड्राइविंग को लेकर शक्ति से कार्रवाई करने का आदेश सभी राज्यों को दिया है. ऐसे में रश ड्राइविंग करने वाले चालकों को छह माह की सजा दी हो सकती है. रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर ने बताया कि धारा 184 के तहत रश ड्राइविंग करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा.
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हादसे में आएगी कमी
दरअसल, तेज रफ्तार के कारण राजधानी रांची में हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. इस पर लगाम लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने इंटरसेप्टर वाहन को अपने बेड़े में शामिल किया है. रांची पुलिस के पास दो इंटरसेप्टर वाहन हैं. जिनमें से एक सीएम सुरक्षा में है जबकि दूसरा ट्रैफिक पुलिस के पास है. इंटरसेप्टर की मदद से रश ड्राइविंग करने वालों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई शुरू हो गई है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि लगातार जुर्माना और लाइसेंस रद्द होने के डर से तेज रफ्तार में वाहन चलाने वालों की आदतें सुधरेगी. जिससे सड़क हादसों में काफी कमी आएगी.