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दो साल बाद पूजा की भव्य तैयारी, सुरक्षा को लेकर पुलिस ने भी कसी कमर

कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो सालों तक दुर्गा पूजा की खूबसूरती दिखाई नहीं दी थी. भव्य पंडाल और लोगों की भीड़ भी मेले से नदारत थी. लेकिन इस बार क्योंकि कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेहद सुस्त है लोग भव्य तरीके से दुर्गा पूजा मनाने की तैयारी कर रहे हैं (Durga Puja preparations in Ranchi). इसे देखते हुए रांची पुलिस भी कमर कस चुकी है (Ranchi Police preparations for Durga Puja).

Ranchi Police preparations for Durga Puja
Ranchi Police preparations for Durga Puja
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Published : Sep 20, 2022, 5:52 PM IST

Updated : Sep 20, 2022, 6:04 PM IST

रांची: पूरे दो वर्षों के बाद दुर्गा पूजा एक बार फिर भव्य तरीके से मनाया जाने वाला है, कोविड संक्रमण की वजह से पिछले दो वर्षों से दशहरा पर्व को लेकर उत्साह थम सा गया था, लेकिन इस बार शहर में दुर्गा पूजा को लेकर गजब का उत्साह देखा जा रहा है. राजधानी में भव्य पंडालों का निर्माण हो रहा है (Durga Puja preparations in Ranchi), जिसमें माता दुर्गा विराजमान होंगी. वहीं दूसरी तरफ राजधानी की पुलिस भी दशहरा पर्व को सुरक्षित संपन्न करवाने की तैयारियों में जुट गई है (Ranchi Police preparations for Durga Puja). सुरक्षा के सभी पहलुओं पर मंथन किया जा चुका है.



युद्ध स्तर पर तैयारी: दुर्गा पूजा की सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल दुर्गा पूजा पंडाल की सुरक्षा, मेले की सुरक्षा, रावण दहन के साथ-साथ मूर्ति विसर्जन तक की सुरक्षा को लेकर अपनी तैयारियां पूरी कर चुके हैं. पिछले एक सप्ताह के दौरान रांची एसएसपी ने बारी-बारी से ग्रामीण थानेदार, शहरी थानेदार, सभी डीएसपी और जिले के अन्य एसपी के साथ अलग-अलग बैठक कर चुके हैं. बैठक में यह तय कर लिया गया है कि सुरक्षित रूप से दुर्गा पूजा को संपन्न करवाने के लिए कितने बल के साथ साथ और कौन-कौन से संसाधन की जरूरत पड़ेगी.

देखें वीडियो

जानकारी के अनुसार दुर्गा पूजा के दौरान राजधानी में 10 दिनों तक 2000 से अधिक पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. इनमें से कुछ जवानों को सादे लिबास में भी तैनात किया जाएगा. पूरे शहर में 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इनमें पुलिस की 170 प्वाइंट पर 649 कैमरे भी शामिल हैं. इसके जरिए हर गतिविधियों पर पुलिस की नजर होगी. पुलिस की ओर से लगाए गए कैमरों की डीवीआर और लाइव फीड की व्यवस्था कंट्रोल रूम में की गई है. वहीं, पंडाल समितियों की ओर से लगाए गए कैमरों की डीवीआर की लाइव फीड पंडालों में ही होगी. शहर के प्रमुख पूजा पंडालों में ड्रोन कैमरों से भी निगहबानी होगी. वहीं, महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए शक्ति कमांडों और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है.


सांप्रदायिक तत्वों को किया जा रहा चिन्हित: हाल के दिनों में राजधानी रांची के माहौल को खराब करने की लगातार कोशिश की गई है. इसी साल 10 जून को रांची के मेन रोड में जबरदस्त हिंसा हुई थी, इसे देखते हुए दुर्गा पूजा को लेकर जिले के सांप्रदायिक तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है. उन लोगों की सूची बनाई जा रही है जो सांप्रदायिक कांडों में संलिप्त रहे हैं. ऐसे कांडों में शामिल लोगों पर पुलिस ने थाना स्तर पर क्या कार्रवाई की है, इसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. पूजा के दौरान उत्पात में शामिल तत्वों के बारे में भी सभी थानों से जानकारी ली जा रही है. ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनपर निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है. घटना की वजह और उसकी पृष्टभूमि में शामिल लोगों के बारे में भी जानकारी इकठ्ठा की जा रही है.

आग को लेकर विशेष इंतेजाम: राजधानी रांची में दो साल पूर्व दुर्गा पूजा के दौरान हुई अगलगी की घटनाओं से सबक लेते हुए इस वर्ष आग से सुरक्षा के बेहतर उपाय किए जा रहे हैं. पूजा पंडालों को लाइसेंस देने से पहले ही प्रशासन ने फायर सेफ्टी के सभी नार्म्स अपनाने की हिदायत दी गई है. फायर ब्रिगेड की तरफ से पूजा पंडालों के लिए विशेष गाइडलाइंस भी जारी किए गए हैं. रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि आग लगी की वारदात कहीं भी ना घटे इसके लिए पंडालों को तो विशेष आदेश दिया ही गया है साथ ही अग्निशमन विभाग से भी उनके बल की रिपोर्ट ली गई है ताकि जरूरत के समय उनका इस्तेमाल किया जा सके.

क्या है गाइडलाइंस: पूजा के दौरान पंडालो में काफी भीड़ होती है. ऐसे में आग से बचाव करना भी काफी जरुरी होता है. फायर ब्रिगेड की तरफ से यह बताया गया है कि पूजा पंडाल से प्रर्याप्त मात्रा में निकास की जगह होनी चाहिए. कही भी पूजा पंडाल निकास द्वार 8 फिट से कम नहीं होनी चाहिए. पंडाल में फायर एक्सटिंगूशर के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होनी चाहिए. बिजली के तार के नीचे पंडाल का निर्माण नहीं करना है. पंडाल के चारो तरफ खुला स्थान होना चाहिए. पूजा पंडाल रेलवे लाईन, ईंट-भट्ठा, बिजली सब स्टेशन से कम से कम 15 मीटर की दूरी पर होना चाहिए. पूजा समिति द्वारा अग्निशमन नियमों की अवहेलना करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी किया जाएगा. पूजा पंडाल में सिंथेटिक कपड़ा लगाने से परहेज करना है. वहीं, निर्माण में लगे कपड़ो पर अमोनियम सल्फेट, अमोनियम कार्बोनेट, बोरेक्स और बोरिक एसिड का लेप लगाकर फायर प्रुफ बनाया जा सकता है. पंडाल में आकस्मिक निकास के साथ प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए.

रांची: पूरे दो वर्षों के बाद दुर्गा पूजा एक बार फिर भव्य तरीके से मनाया जाने वाला है, कोविड संक्रमण की वजह से पिछले दो वर्षों से दशहरा पर्व को लेकर उत्साह थम सा गया था, लेकिन इस बार शहर में दुर्गा पूजा को लेकर गजब का उत्साह देखा जा रहा है. राजधानी में भव्य पंडालों का निर्माण हो रहा है (Durga Puja preparations in Ranchi), जिसमें माता दुर्गा विराजमान होंगी. वहीं दूसरी तरफ राजधानी की पुलिस भी दशहरा पर्व को सुरक्षित संपन्न करवाने की तैयारियों में जुट गई है (Ranchi Police preparations for Durga Puja). सुरक्षा के सभी पहलुओं पर मंथन किया जा चुका है.



युद्ध स्तर पर तैयारी: दुर्गा पूजा की सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल दुर्गा पूजा पंडाल की सुरक्षा, मेले की सुरक्षा, रावण दहन के साथ-साथ मूर्ति विसर्जन तक की सुरक्षा को लेकर अपनी तैयारियां पूरी कर चुके हैं. पिछले एक सप्ताह के दौरान रांची एसएसपी ने बारी-बारी से ग्रामीण थानेदार, शहरी थानेदार, सभी डीएसपी और जिले के अन्य एसपी के साथ अलग-अलग बैठक कर चुके हैं. बैठक में यह तय कर लिया गया है कि सुरक्षित रूप से दुर्गा पूजा को संपन्न करवाने के लिए कितने बल के साथ साथ और कौन-कौन से संसाधन की जरूरत पड़ेगी.

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जानकारी के अनुसार दुर्गा पूजा के दौरान राजधानी में 10 दिनों तक 2000 से अधिक पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. इनमें से कुछ जवानों को सादे लिबास में भी तैनात किया जाएगा. पूरे शहर में 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इनमें पुलिस की 170 प्वाइंट पर 649 कैमरे भी शामिल हैं. इसके जरिए हर गतिविधियों पर पुलिस की नजर होगी. पुलिस की ओर से लगाए गए कैमरों की डीवीआर और लाइव फीड की व्यवस्था कंट्रोल रूम में की गई है. वहीं, पंडाल समितियों की ओर से लगाए गए कैमरों की डीवीआर की लाइव फीड पंडालों में ही होगी. शहर के प्रमुख पूजा पंडालों में ड्रोन कैमरों से भी निगहबानी होगी. वहीं, महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए शक्ति कमांडों और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है.


सांप्रदायिक तत्वों को किया जा रहा चिन्हित: हाल के दिनों में राजधानी रांची के माहौल को खराब करने की लगातार कोशिश की गई है. इसी साल 10 जून को रांची के मेन रोड में जबरदस्त हिंसा हुई थी, इसे देखते हुए दुर्गा पूजा को लेकर जिले के सांप्रदायिक तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है. उन लोगों की सूची बनाई जा रही है जो सांप्रदायिक कांडों में संलिप्त रहे हैं. ऐसे कांडों में शामिल लोगों पर पुलिस ने थाना स्तर पर क्या कार्रवाई की है, इसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. पूजा के दौरान उत्पात में शामिल तत्वों के बारे में भी सभी थानों से जानकारी ली जा रही है. ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनपर निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है. घटना की वजह और उसकी पृष्टभूमि में शामिल लोगों के बारे में भी जानकारी इकठ्ठा की जा रही है.

आग को लेकर विशेष इंतेजाम: राजधानी रांची में दो साल पूर्व दुर्गा पूजा के दौरान हुई अगलगी की घटनाओं से सबक लेते हुए इस वर्ष आग से सुरक्षा के बेहतर उपाय किए जा रहे हैं. पूजा पंडालों को लाइसेंस देने से पहले ही प्रशासन ने फायर सेफ्टी के सभी नार्म्स अपनाने की हिदायत दी गई है. फायर ब्रिगेड की तरफ से पूजा पंडालों के लिए विशेष गाइडलाइंस भी जारी किए गए हैं. रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि आग लगी की वारदात कहीं भी ना घटे इसके लिए पंडालों को तो विशेष आदेश दिया ही गया है साथ ही अग्निशमन विभाग से भी उनके बल की रिपोर्ट ली गई है ताकि जरूरत के समय उनका इस्तेमाल किया जा सके.

क्या है गाइडलाइंस: पूजा के दौरान पंडालो में काफी भीड़ होती है. ऐसे में आग से बचाव करना भी काफी जरुरी होता है. फायर ब्रिगेड की तरफ से यह बताया गया है कि पूजा पंडाल से प्रर्याप्त मात्रा में निकास की जगह होनी चाहिए. कही भी पूजा पंडाल निकास द्वार 8 फिट से कम नहीं होनी चाहिए. पंडाल में फायर एक्सटिंगूशर के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होनी चाहिए. बिजली के तार के नीचे पंडाल का निर्माण नहीं करना है. पंडाल के चारो तरफ खुला स्थान होना चाहिए. पूजा पंडाल रेलवे लाईन, ईंट-भट्ठा, बिजली सब स्टेशन से कम से कम 15 मीटर की दूरी पर होना चाहिए. पूजा समिति द्वारा अग्निशमन नियमों की अवहेलना करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी किया जाएगा. पूजा पंडाल में सिंथेटिक कपड़ा लगाने से परहेज करना है. वहीं, निर्माण में लगे कपड़ो पर अमोनियम सल्फेट, अमोनियम कार्बोनेट, बोरेक्स और बोरिक एसिड का लेप लगाकर फायर प्रुफ बनाया जा सकता है. पंडाल में आकस्मिक निकास के साथ प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए.

Last Updated : Sep 20, 2022, 6:04 PM IST
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