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नन्ही परी हत्याकांडः रांची पोक्सो की विशेष अदालत ने आरोपियों को ठहराया दोषी

रांची के बहुचर्चित नन्ही परी हत्याकांड में मंगलवार को अदालत ने फैसला सुनाया है. अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया है. 19 जुलाई को सजा के बिंदुओं पर चर्चा होगी.

Ranchi POCSO special court
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Published : Jul 12, 2022, 9:49 PM IST

रांचीः बहुचर्चित नन्ही परी से दुष्कर्म कर निर्माम हत्या मामले में अदालत का फैसला आ गया है. रांची सिविल कोर्ट स्थित पोक्सो की विशेष अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया है. अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट सजा के बिंदुओं पर बहस होगी. 19 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की गई है.


बता दें कि 23 अप्रैल 2013 को नन्ही परी की हत्या कर दी गई थी. 24 अप्रैल 2013 को डोरंडा थाना में मामला दर्ज हुआ था. मामले में जिनको आरोपी बनाया गया था दोनों नन्ही परी के रिश्तेदार हैं. पोक्सो के स्पेशल जज आशिफ इकबाल की अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया है.

रांची पुलिस घटना के 7 साल बाद आरोपियो तक पहुंच पाई थी. दोनों आरोपियों के बीच हुए अवैध संबंध को छुपाने के लिए नन्ही परी की हत्या हुई थी. मामले में अभियोजन पक्ष ने कुल 22 गवाहों की गवाही दर्ज कराई. वही मामले में चार एसपी, डॉक्टर, नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग करने वाले अधिकारीयो की भी गवाही हुई. इस मामले को लेकर हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था. जिसके बाद एसपी रैंक के अधिकारी को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया था.

रांचीः बहुचर्चित नन्ही परी से दुष्कर्म कर निर्माम हत्या मामले में अदालत का फैसला आ गया है. रांची सिविल कोर्ट स्थित पोक्सो की विशेष अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया है. अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट सजा के बिंदुओं पर बहस होगी. 19 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की गई है.


बता दें कि 23 अप्रैल 2013 को नन्ही परी की हत्या कर दी गई थी. 24 अप्रैल 2013 को डोरंडा थाना में मामला दर्ज हुआ था. मामले में जिनको आरोपी बनाया गया था दोनों नन्ही परी के रिश्तेदार हैं. पोक्सो के स्पेशल जज आशिफ इकबाल की अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया है.

रांची पुलिस घटना के 7 साल बाद आरोपियो तक पहुंच पाई थी. दोनों आरोपियों के बीच हुए अवैध संबंध को छुपाने के लिए नन्ही परी की हत्या हुई थी. मामले में अभियोजन पक्ष ने कुल 22 गवाहों की गवाही दर्ज कराई. वही मामले में चार एसपी, डॉक्टर, नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग करने वाले अधिकारीयो की भी गवाही हुई. इस मामले को लेकर हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था. जिसके बाद एसपी रैंक के अधिकारी को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया था.

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