रांची: सड़क, नाली और स्ट्रीट लाइट समेत शहर के अन्य विकास कार्यों के लिए मेयर आशा लकड़ा ने राज्य सरकार से 175 करोड़ रुपये की मांग की है. इस संबंध में उन्होंने नगर विकास विभाग के सचिव से भी मुलाकात की. उन्होंने सचिव के समक्ष रांची नगर निगम की आवश्यकताओं को प्रमुखता के साथ रखा और जल्द से जल्द फंड आवंटित करने की मांग की है.
विभागीय सचिव ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि सड़क और नाली निर्माण के लिए फंड आवंटित करने की प्रक्रिया केंद्रीय स्तर पर चल रही है. फंड आवंटित होते ही रांची नगर निगम को जरूरत के हिसाब से फंड उपलब्ध कराया जाएगा. सचिव ने यह भी कहा कि स्ट्रीट लाइट के लिए नागरिक सुविधा मद से फंड आवंटित की जाएगी. उन्होंने मेयर से नगर निगम ओर भेजे गए प्रस्ताव को दोबारा भेजने को कहा है, ताकि राशि आवंटित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
मेयर ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में रांची नगर को आवश्यकता के अनुरूप काफी कम फंड आवंटित किया गया है. 53 वार्डों के कई इलाके में स्थानीय लोग सड़क, नाली और स्ट्रीट लाइट की मांग कर रहे हैं. जनप्रतिनिधि होने के नाते आम लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करना कर्तव्य है. रांची झारखंड राज्य की राजधानी है. राजधानी के अवलोकन से ही राज्य की तस्वीर का आकलन होता है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री भी राजधानी की सड़क, नाली और स्ट्रीट लाइट के वर्तमान हालात से अच्छी तरह वाकिफ हैं. पथ निर्माण विभाग और नगर विकास विभाग के मंत्री भी स्वयं मुख्यमंत्री ही हैं.
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मेयर ने कहा कि बरियातू रोड के गढ्ढों की मरम्मत के लिए जुडको ने और बरियातू सड़क के निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग ने एक साथ टेंडर निकाला है, फिर भी मुख्यमंत्री के संज्ञान में अब तक यह बात नहीं आई है. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा है कि जिन विभागों के मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री हैं वहां विभागीय अधिकारियों को लूट की छूट दे दी गई है. एक ही सड़क के लिए दो विभाग अलग-अलग टेंडर निकाल रहा है. उन्होंने राज्य सरकार से सवाल किया है कि बरियातू सड़क के मरम्मत और सड़क निर्माण के लिए अलग-अलग टेंडर निकालने के पीछे अधिकारियों की मंशा क्या है. क्या अधिकारी विभागीय मंत्री को गुमराह कर टेंडर का खेल खेल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि एक ओर नगर विकास विभाग के सचिव कहते हैं कि पूर्व में प्रस्तावित चार स्मार्ट रोड पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है और दूसरी ओर हस्तांतरण प्रक्रिया पूरा होने के पहले ही बरियातू रोड के निर्माण कार्य का टेंडर निकाला जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि विभागीय अधिकारियों पर नकेल कसें. कहीं ऐसा न हो कि विभागीय अधिकारियों की करतूत के कारण आपकी फजीहत हो जाए.