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हॉर्स ट्रेडिंग केसः पूर्व CM रघुवर दास के मामले में कोर्ट ने फैसला 10 जून तक के लिए रखा सुरक्षित - रांची सिविल कोर्ट

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रांची सिविल कोर्ट
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Published : Jun 7, 2021, 12:21 PM IST

Updated : Jun 7, 2021, 1:56 PM IST

12:14 June 07

पीसी एक्ट जुड़ने पर बढ़ सकती है दोनों की मुश्किलें

देखें पूरी खबर

रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व CM रघुवर दास के प्रेस कलाकार अजय कुमार से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले पर सिविल कोर्ट ने अपना फैसला 10 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. मामले में पीसी एक्ट की धारा को जोड़ने को लेकर अदालत में अर्जी दी गई है. सुनवाई के बाद न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा. 2016 राजसभा चुनाव से जुड़ा मामला है. अगर न्यायालय पीसी एक्ट को जोड़ने अनुमति देती है तो दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती है.

इसे भी पढ़ें- हॉर्स ट्रेडिंग मामलाः पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत के पीए का बयान दर्ज, साक्ष्य इकट्ठा करने में जुटी रांची पुलिस

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले के जांच अधिकारी की ओर से अदालत में दायर पीसी एक्ट जोड़ने के मामले पर सुनवाई के बाद रांची सिविल कोर्ट ने अपना फैसला 10 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक श्रद्धा जया टोपनो ने अपना पक्ष रखा. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तिथि निर्धारित की गई है.

2 जून को दायर अर्जी पर प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत ने संज्ञान लिया है. अदालत ने पिछले सुनवाई के फैसले सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने इसके लिए आज तारीख निर्धारित की थी. लेकिन अदालत एक बार फिर मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.

हो सकता है ट्रायल

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी राज्यसभा चुनाव 2016 से जुड़े हॉर्स ट्रेड्रिंग मुकदमे में ट्रायल फेस करना पड़ सकता है. मामले के जांच अधिकारी ने मामले में पीसी एक्ट की धाराओं को जोड़ने की अर्जी अदालत में दी है. उस अर्जी में प्राथमिकी आरोपी पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार का नाम है. साथ में अप्राथमिकी आरोपी के रूप में रघुवर दास को नामजद किया है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि मामले में पीसी एक्ट के साथ रघुवर दास का नाम भी केस में जुड़ जाएगा. जैसे ही मामले में पीसी एक्ट जुड़ेगा, मामले के आरोपियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. पीसी एक्ट लगते ही आरोपियों को निचली अदालत से राहत मिलने की उम्मीद खत्म हो जाती है.

इसे भी पढ़ें- राज्यसभा हॉर्स ट्रेडिंग मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को क्या दिया आदेश? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

क्या है मामला

2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल के पक्ष में खड़े प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के लिए बड़कागांव के तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को प्रलोभन दिया गया था. साथ ही उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी भी दी गई थी. इस घटना को लेकर 2018 में जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अब 2021 में पीसी एक्ट लगते ही यह मामला एसीबी कोर्ट में स्थानांतरित हो जाएगा.

इससे पहले भी जोड़ा गया था पीसी एक्ट

एडीजी अनुराग गुप्ता से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पीसी एक्ट जोड़ने का मुद्दा गरम है, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पूर्व सीबीआई के साथ राज्य पुलिस पीसी एक्ट जोड़ चुकी है. सीबीआई ने राज्यसभा चुनाव 2012 में वोट के बदले नोट मामले में आरोपी आरके अग्रवाल के खिलाफ पीसी एक्ट एक साल बाद जोड़वाया था. पूर्व मेयर रमा खलखो से जुड़े वोट के बदले नोट के मामले में पीसी एक्ट की धारा बाद में जोड़ी गई थी. साथ ही 2010 में हुए राज्यसभा चुनाव में वोट के बदले नोट के मामले में भी पीसी एक्ट की धारा बाद में जोड़ी गई.

12:14 June 07

पीसी एक्ट जुड़ने पर बढ़ सकती है दोनों की मुश्किलें

देखें पूरी खबर

रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व CM रघुवर दास के प्रेस कलाकार अजय कुमार से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले पर सिविल कोर्ट ने अपना फैसला 10 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. मामले में पीसी एक्ट की धारा को जोड़ने को लेकर अदालत में अर्जी दी गई है. सुनवाई के बाद न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा. 2016 राजसभा चुनाव से जुड़ा मामला है. अगर न्यायालय पीसी एक्ट को जोड़ने अनुमति देती है तो दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती है.

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले के जांच अधिकारी की ओर से अदालत में दायर पीसी एक्ट जोड़ने के मामले पर सुनवाई के बाद रांची सिविल कोर्ट ने अपना फैसला 10 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक श्रद्धा जया टोपनो ने अपना पक्ष रखा. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तिथि निर्धारित की गई है.

2 जून को दायर अर्जी पर प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत ने संज्ञान लिया है. अदालत ने पिछले सुनवाई के फैसले सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने इसके लिए आज तारीख निर्धारित की थी. लेकिन अदालत एक बार फिर मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.

हो सकता है ट्रायल

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी राज्यसभा चुनाव 2016 से जुड़े हॉर्स ट्रेड्रिंग मुकदमे में ट्रायल फेस करना पड़ सकता है. मामले के जांच अधिकारी ने मामले में पीसी एक्ट की धाराओं को जोड़ने की अर्जी अदालत में दी है. उस अर्जी में प्राथमिकी आरोपी पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार का नाम है. साथ में अप्राथमिकी आरोपी के रूप में रघुवर दास को नामजद किया है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि मामले में पीसी एक्ट के साथ रघुवर दास का नाम भी केस में जुड़ जाएगा. जैसे ही मामले में पीसी एक्ट जुड़ेगा, मामले के आरोपियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. पीसी एक्ट लगते ही आरोपियों को निचली अदालत से राहत मिलने की उम्मीद खत्म हो जाती है.

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क्या है मामला

2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल के पक्ष में खड़े प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के लिए बड़कागांव के तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को प्रलोभन दिया गया था. साथ ही उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी भी दी गई थी. इस घटना को लेकर 2018 में जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अब 2021 में पीसी एक्ट लगते ही यह मामला एसीबी कोर्ट में स्थानांतरित हो जाएगा.

इससे पहले भी जोड़ा गया था पीसी एक्ट

एडीजी अनुराग गुप्ता से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पीसी एक्ट जोड़ने का मुद्दा गरम है, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पूर्व सीबीआई के साथ राज्य पुलिस पीसी एक्ट जोड़ चुकी है. सीबीआई ने राज्यसभा चुनाव 2012 में वोट के बदले नोट मामले में आरोपी आरके अग्रवाल के खिलाफ पीसी एक्ट एक साल बाद जोड़वाया था. पूर्व मेयर रमा खलखो से जुड़े वोट के बदले नोट के मामले में पीसी एक्ट की धारा बाद में जोड़ी गई थी. साथ ही 2010 में हुए राज्यसभा चुनाव में वोट के बदले नोट के मामले में भी पीसी एक्ट की धारा बाद में जोड़ी गई.

Last Updated : Jun 7, 2021, 1:56 PM IST
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