रांची: पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की मूल्य वृद्धि में अब कमी शुरू हो जाएगी. यह भविष्यवाणी झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने शनिवार को की है. पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि के खिलाफ कांग्रेस की ओर से लगातार विरोध जताया जा रहा है. इसके तहत राजभवन के पास एक दिवसीय धरना दिया गया. जिसका नेतृत्व रांची जिला ग्रामीण कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सुरेश बैठा ने किया. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव शामिल हुए, इसके अलावा पार्टी प्रवक्ताओं समेत वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसमें शिरकत की.
ये भी पढ़ें-संदिग्ध गाड़ी केस: मुंबई क्राइम ब्रांच को मिले अहम सुराग, जब्त किए सीसीटीवी फुटेज
इस मौके पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड कांग्रेस की ओर से भविष्यवाणी है कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के मूल्य वृद्धि में कमी आनी शुरू हो जाएगी. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि कई राज्यों में चुनाव की घोषणा हो चुकी है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी वोट के लिए लोगों को रिझाने के मकसद से पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के मूल्य वृद्धि में कमी करनी शुरू कर देगी. उन्होंने कहा कि इसका इशारा पेट्रोलियम मंत्री ने भी कर दिया है.
![Rameshwar Oraon statement on price of petroleum products](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-ran-01-bhawisywani-pkg-jh10013_27022021130113_2702f_1614411073_542.jpg)
ये भी पढ़ें-रांची में डबल मर्डर, पति के सिर पर प्रहार, पत्नी का गला रेता, डायन बिसाही के शक में हत्या की आशंका
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि के लिए केंद्र की सरकार जिम्मेदार है. इस पर नियंत्रण करना या नहीं करना उनकी जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार जनविरोधी काम में लगी हुई है. पेट्रोल, डीजल, गैस के दाम बढ़ाने से इसको इस्तेमाल करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो गयी है. इसकी वजह से महंगाई भी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आर्थिक नीति ऐसी थी कि लोगों का इनकम बढ़ा और देश की उन्नति होती चली गई. जिसकी वजह से गरीब भी मोटरसाइकिल खरीद सके, पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमत की वजह से अब उनके पास पैसा नहीं है. केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी निभा नहीं पा रही है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.
वहीं राज्य सरकार की ओर से वैट में कमी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी सबसे ज्यादा है. पहले उन्हें उसे कम करने की पहल करनी चाहिए. उसके बाद राज्य सरकार वैट कम करने को लेकर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहलवान है, इसलिए पहले उन्हें पहल करनी चाहिए.