रांची: झारखंड में चल रही झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के संयुक्त गठबंधन वाली सरकार में तल्खी बढ़ती जा रही है. राज्यसभा चुनाव में सीट को लेकर जिस तरह से दोनों राजनीतिक दलों के द्वारा बातें कही जा रही हैं उससे एक बात तो साफ लग रहा है कि राज्यसभा चुनाव में सीट का बंटवारा दोनों राजनीतिक दलों के लिए किसी जंग से कम नहीं है.
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राज्यसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर के कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर दिल्ली में है उनके अलावा झारखंड कांग्रेस के कई बड़े नेता भी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के कर्ता धर्ता शिबू सोरेन के आवास पर आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की बैठक हो रही है. जिसमें यह निर्णय लिया जाएगा कि राज्यसभा सीट के लिए किस नाम पर फैसला लिया जाए. हालांकि यह सियासी चर्चा पूरे राज्य में थी कि हेमंत सोरेन दिल्ली जाएंगे, सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे उसके बाद राज्यसभा की सीटों पर फैसला होगा. लेकिन 27 तारीख को झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से साफ कर दिया गया कि सीट संख्या झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास है तो ऐसे में राज्य सभा झारखंड मुक्ति मोर्चा का ही प्रतिनिधि जाएगा और इसके लिए कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाना चाहिए क्योंकि उनके पास सीट संख्या इतनी ज्यादा नहीं है.
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वहीं कांग्रेस भी इस मामले पर पीछे हटने की स्थिति में नहीं दिख रही है. क्योंकि दिल्ली दरबार में पहुंचे झारखंड कांग्रेस के नेता इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा इस विषय को लेकर क्या निर्णय लेती है. क्योंकि निर्णय को लेकर जिस तरह की बातें कही जा रही थी उसमें ये हो रहा था कि हेमंत सोरेन और सोनिया गांधी की बैठक के बाद ही गठबंधन से किसे राज्यसभा भेजा जाएगा इस पर निर्णय होगा. लेकिन अभी तक यह बैठक हो नहीं पाई है. हालांकि दिल्ली में झारखंड कांग्रेस के सभी नेता झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की हो रही बैठक पर नजर बनाए हुए हैं और जो भी निर्णय झारखंड मुक्ति मोर्चा का होगा उसके आधार पर ही कांग्रेस आगे का निर्णय लेगी. हालांकि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस बात को जरूर कहा है कि अभी कोई फैसला नहीं हुआ है क्योंकि हेमंत सोरेन जी को दिल्ली आना है और उसके बाद ही गठबंधन कोई फैसला लेगा क्योंकि कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा में किसी तरह का विवाद नहीं है.