रांची: कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहने के कारण पूरे भारत में बच्चों की शिक्षा को अभूतपूर्व क्षति पहुंची है. इस दौरान बच्चों ने शिक्षा के अलावा और भी बहुत कुछ खोया है. उन्होंने शिक्षकों और दोस्तों के साथ स्कूल में बिताए जाने वाले अपने महत्वपूर्ण क्षणों को तो खोया ही है. इसके अलावा स्कूल में मिलने वाले पौष्टिक भोजन और कुछ मामलों में एक सुरक्षित आश्रय जो उन्हें दुर्व्यवहार और हिंसा जैसे मामलों से सुरक्षा प्रदान करता है. उससे भी वंचित हुए हैं.
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बाल अधिकार समझौता को अंगीकार किए जाने के 32 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित हो रहे इस विश्व बाल दिवस (World Childrens Day) पर जब दुनिया भर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. वहीं यूनिसेफ इंडिया इस अवसर को स्कूलों को पुनः सुरक्षित रूप से खोलने और बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. विश्व बाल दिवस पर बाल अधिकारों के प्रति समर्थन में राजभवन और नए विधानसभा के पश्चिम विंग को नीले लाइट से सजाया गया है. इसका उद्देश्य बच्चों के अधिकारों का उत्सव मनाना और शिक्षा को हुए नुकसान की पूर्ति के साथ-साथ बाल अधिकारों को चर्चा के केंद्र में लाना है.
बाल दिवस बच्चों को समर्पित
विश्व बाल दिवस एक ऐसा दिन है जो बच्चों को समर्पित है. यह दिन बच्चों के साथ अपने अनुभवों को साझा करने और खुद को व्यक्त करने का मौका है. आवश्यकता इस बात की है कि न सिर्फ विश्व बाल दिवस पर, बल्कि साल के हर दिन बाल अधिकारों के बारे में जागरूकता अभियान चलाने की.