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दुष्कर्म पीड़िता की पहचान लीक मामला: झारखंड के मंत्री की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार - SUPREME COURT

झारखंड के एक मंत्री की याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. जानें, क्या है मामला.

Supreme Court refuses to hear Jharkhand ministers petition
सुप्रीम कोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 7, 2025, 5:19 AM IST

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड के मंत्री की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया हैं. जिसमें नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने के बाद शुरू किए गए आपराधिक मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई थी.

यह मामला न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष आया. इस पीठ ने झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी के आचरण पर असंतोष व्यक्त किया. पीठ ने कहा कि आप हर चीज के लिए प्रचार चाहते हैं, यह केवल प्रचार के लिए था. कानून के तहत अनिवार्य आवश्यकताओं का पालन नहीं किया गया.

पीठ ने कहा कि वह (मंत्री) या तो अकेले अस्पताल में पीड़िता से मिलने जा सकते थे या अपने साथ एक व्यक्ति को ले जा सकते थे. पीठ ने स्पष्ट किया कि वह याचिका पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं है. याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.

क्या है पूरा मामला

मंत्री इरफान अंसारी ने पिछले साल सितंबर में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसमें उसने आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप तय करने के दुमका अदालत के नवंबर 2022 के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया था. याचिकाकर्ता और उनके समर्थक अक्टूबर 2018 में पीड़िता और उसके परिवार के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक अस्पताल गए थे. मंत्री पर आरोप है कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता का नाम और तस्वीर मीडिया के साथ साझा की थी.

इसे भी पढ़ें- इरफान अंसारी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज, भाजपा कार्यकर्ता पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप - VIOLATION OF MODEL CODE OF CONDUCT

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Election 2024: इरफान अंसारी के खिलाफ एसटी थाने में शिकायत दर्ज, सीता सोरेन की दोनों बेटियों ने दर्ज कराया मामला - CASE AGAINST IRFAN ANSARI

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड के मंत्री की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया हैं. जिसमें नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने के बाद शुरू किए गए आपराधिक मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई थी.

यह मामला न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष आया. इस पीठ ने झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी के आचरण पर असंतोष व्यक्त किया. पीठ ने कहा कि आप हर चीज के लिए प्रचार चाहते हैं, यह केवल प्रचार के लिए था. कानून के तहत अनिवार्य आवश्यकताओं का पालन नहीं किया गया.

पीठ ने कहा कि वह (मंत्री) या तो अकेले अस्पताल में पीड़िता से मिलने जा सकते थे या अपने साथ एक व्यक्ति को ले जा सकते थे. पीठ ने स्पष्ट किया कि वह याचिका पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं है. याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.

क्या है पूरा मामला

मंत्री इरफान अंसारी ने पिछले साल सितंबर में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसमें उसने आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप तय करने के दुमका अदालत के नवंबर 2022 के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया था. याचिकाकर्ता और उनके समर्थक अक्टूबर 2018 में पीड़िता और उसके परिवार के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक अस्पताल गए थे. मंत्री पर आरोप है कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता का नाम और तस्वीर मीडिया के साथ साझा की थी.

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