रांची: केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा है कि प्रवासी मजदूरों के लिए 1200 ट्रेन तैयार हैं लेकिन राज्य सरकारें इसकी अनुमति नहीं दे रही हैं. रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर 1200 ट्रेनें अन्य कामों से हटाकर सिर्फ प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रिजर्व कर दी गई हैं. जिससे रोज हम 300 ट्रेनें शुरू कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि कई ऐसे राज्य हैं जैसे पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड जहां से बहुत ही कम ट्रेनों के लिए परमिशन मिल रही है. झारखंड सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री ने स्टेटमेंट दिया कि हम सभी झारखंड वासियों को लेने के लिए तैयार हैं. लेकिन ट्रेन चलाने की परमिशन नहीं दी.
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वहीं इस ट्वीट के रिप्लाई में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि माननीय रेल मंत्री जी, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आपके विभाग ने आप तक सही जानकारी नहीं पहुंचायी है. हमने अब तक 110 ट्रेनों की NOC दे दी है और 50 ट्रेनों में लगभग 60 हजार से ज्यादा श्रमिक घर लौट चुके हैं. मैंने जहां देश में सबसे पहले ट्रेन चलाने की गुहार लगायी थी, अब फिर आपसे ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें झारखंड के लिए चलाने की आग्रह करता हूं.
सीएम ने कहा कि अभी हर रोज मात्र 4-6 ट्रेनें झारखंड आ रही हैं जो हमारे लगभग 7 लाख श्रमिक झारखंडियों को जल्द वापस लाने हेतु पर्याप्त नहीं हैं. आशा है कि आप इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए झारखंडियों की सहायता करेंगे.
मरांडी ने भी सीएम पर किया हमला
हैरत की बात यह है बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के उस वीडियो को शेयर किया है. मरांडी ने सीएम सोरेन पर हमला बोलते हुए ट्विटर पर यहां तक लिखा कि रेल मंत्री ने उदार ह्रदय दिखाते हुए प्रवासी मजदूरों की घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए चिंता व्यक्त की है.
बता दें कि राज्य सरकार ने दावा किया है कि अब तक देश में 44 ट्रेनी आ चुकी है और लगभग 60,000 लोग अलग-अलग इलाकों से झारखंड लौटे हैं.