रांची: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को कहा है कि जेएमएम नेताओं को एक शब्द पर मिर्ची लग गई. लेकिन इसके लिए वह क्या करें और सवाल किया है कि वह दोषी कैसे हैं. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-झामुमो समेत समूचा विपक्ष प्रधानमंत्री को सार्वजनिक मंचों से चोर कहता रहा. अगर चोर शब्द संसदीय तो चोट्टा असंसदीय कैसे है.
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि सरकार के भ्रष्टाचार को जनता के सामने ले जाएं. इस पर झामुमो आक्रोशित हो गया और कुछ मामलों की जांच कराने की धमकी दे रहा है. लेकिन रघुवर दास इस तरह की धमकी से डरने वाला नहीं है. उन्होंने कहा है कि जो जांच करनी है कराओ लेकिन सवाल करते हुए कहा है कि यह तो बताओ कि कोयला-बालू का अवैध उत्खनन हो रहा है या नहीं? पैसे लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग हो रही है या नहीं? इस पर सरकार के 10 महीने के कार्यकाल में डेढ़ हजार से ज्यादा बलात्कार की घटनाएं हुई है या नहीं? यह सब सवाल सीता सोरेन ने उठाया है, मीडिया में इससे संबंधित खबरें भरी पड़ी हैं.
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उन्होंने कहा है कि इन सबके बावजूद सरकार और सरकारी पार्टी के खैरख्वाह कह रहे हैं कि राज्य में रामराज्य कायम हो गया है. यह रामराज्य वाले सीता सोरेन को तो गलत नहीं कह रहे हैं. लेकिन रघुवर दास पर खीज उतार रहे हैं, झामुमो के नेता यह फरेब फैलाते रचते रहे हैं कि झारखंड उनके आंदोलन की बदौलत बना है. लेकिन हकीकत यह है कि समय-समय पर क्षुद्र स्वार्थों के चलते झारखंड आंदोलन को बेचा गया.