रांची: झारखंड में राफिया नाज (Rafia Naaz) एक जानामाना नाम है. योग शिक्षिका से शुरुआत कर अब उन्होंने राजनीति में भी कदम रख दिया है. बीजेपी में शामिल होने के बाद भी वे योग के लिए काम कर रही हैं. उन्होंने अपना मकसद साफ कर दिया है कि योग को घर-घर पहुंचाना है. इसके लिए उन्होंने केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से मुलाकात की और सभी मदरसों सहित अल्पसंख्यक संस्थानों और अनाथालयों में योग शुरू करवाने की अपील की है.
राफिया नाज का कहना है सभी मदरसा सहित सभी अल्पसंख्यक संस्थानों में योग शुरू करने से ना सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि इससे कौशल विकास भी होगा और लोग स्वस्थ भी रहेंगे. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी आश्वासन दिया है कि उनकी राय पर विचार किया जाएगा.
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पीएम मोदी से प्रभावित हैं राफिया
राफिया नाज 04 दिसंबर को बीजेपी में शामिल हुईं थी. सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा था कि वे बीजेपी और पीएम मोदी के कार्यों से वे काफी प्रभावित हैं और इसीलिए वे बीजेपी में शामिल हुईं है. उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि बीजेपी के माध्यम से वे हर प्रखंड में योग शिविर लगाएंगी और लोगों को स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करेंगी.
कौन हैं राफिया नाज
रांची के डोरंडा रहमत कॉलोनी की रहने वाली राफिया नाज योग टीचर हैं. वे राजधानी में योग गुरु के नाम से प्रसिद्ध हैं. शुरुआत में योग के चलते राफिया नाज मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर रहीं. इतना ही नहीं, योग करने की वजह से उनके खिलाफ कई फतवे भी जारी किए गए. कई बार राफिया नाज को धमकियां भी दी गईं. फोन पर राफिया नाज से गाली-गलौज भी की गई. इसके साथ ही राफिया के ऊपर पत्थर भी फेंके गए.
राफिया नाज कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी की ओर से की गई अभद्र टिप्पणी के खिलाफ कानूनी लड़ाई भी लड़ रहीं हैं. धार्मिक कट्टरता से दूर होकर योग के साथ-साथ अनाथ बच्चों की सेवा में लगी रहनेवाली राफिया नाज ने अब सियासत में कदम रख दिया है.