रांची: झारखंड में कोरोना के संदिग्धों की सैंपल जांच का आंकड़ा 01 करोड़ 60 लाख से भी ऊपर है जिसमें सबसे ज्यादा 80 लाख से अधिक जांच अकेले RAT यानि रैपिड एंटीजेन टेस्ट हुई है. ऐसे में सवाल उठया जा रहा है कि क्या RAT की रिपोर्ट वाकई में सही है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों में RAT की रिपोर्ट में जो लोग पॉजिटिव पाए गए हैं जब उनका RT PCR टेस्ट किया गया तो उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई.
RAT को लेकर सवाल किया जा रहा है कि क्या जिस किट से कोरोना जांच वर्तमान में की जा रही है उसकी पॉजीटिव रिपोर्ट वास्तव में गड़बड़ी है या कोई फिर ऐसा स्टेन है जिसे RAT तो पकड़ ले रहा है लेकिन RT PCR में नेगेटिव आ रहा है. तमाम तरह के सवाल इसलिए लोगों के मन मे उठ रहे हैं क्योंकि रांची के सिविल सर्जन ने ही RAT की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं. रांची के सिविल सर्जन ने कहा कि पूरे मामले की जांच स्वास्थ्य मुख्यालय को करना चाहिए.
राज्य में 25 अक्टूबर तक हुई जांच में 80 लाख 20 हजार टेस्ट RAT से
राज्य में 25 अक्टूबर तक 01 करोड़ 57 लाख 18 हजार 919 कोरोना संदिग्धों की सैंपल की जांच हुई है. जिसमें 80 लाख 20 हजार 710 टेस्ट RAT से हुई है. तो वहीं, 18 लाख 62 हजार 562 ट्रू नेट से और 58 लाख 35 हजार 647 जांच RT PCR से हुई है. आंकड़ों में साफ है कि सबसे ज्यादा टेस्ट RAT से ही हुई है और अब उसी की रिपोर्ट पर अविश्वास किया जा रहा है.
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अविश्वास की क्या है वजह
रांची में 22 और 23 अक्टूबर को हटिया रेलवे स्टेशन पर ओडिशा से आने वाली ट्रेन तपस्विनी एक्सप्रेस के यात्रियों में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव केस मिले थे. ये सभी रिपोर्ट RAT के थे पर जब सभी लोगों की जब RT PCR टेस्ट कराया गया तो सभी के सभी नेगेटिव निकले.
आखिर बड़ी संख्या में RAT की रिपोर्ट गलत क्यों आ रही है? इस सवाल पर रांची के नोडल अधिकारी टेस्टिंग डॉ अखिलेश झा ने कहा कि किसने कहा कि RAT की रिपोर्ट गलत आ रही है? जब सिविल सर्जन के बयान का हवाला दिया गया तो उनका कहना था कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा था.
पहले क्या कहते थे विशेषज्ञ
ICMR द्वारा अनुशंसित RAT किट के बारे में पहले ये कहा जाता रहा है कि अगर RAT की कोई रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है तो वह 100% कंफर्म है और जो रिपोर्ट नेगेटिव है उसका कंफर्मेशन जरूरी है, क्योंकि कई बार RAT रिपोर्ट नेगेटिव होने के बावजूद RT पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव हो सकती है, लेकिन इस बार ठीक उल्टा हो रहा है.
IDSP अधिकारी ने साधी चुप्पी
पूरे मामले पर जब राज्य के IDSP इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ विजय बिहारी ने सिर्फ इतना कहा कि इस विषय पर वह तबतक कुछ नहीं बोल सकते जबतक कोई रिपोर्ट नहीं आ जाती.