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तारामंडल के उद्घाटन के साथ ही विरोध शुरू, विस्थापितों ने ताला जड़ने की दी चेतावनी - विस्थापित

रांची में तारामंडल के उद्घाटन के साथ ही विस्थापित इसका विरोध करने लगे. विस्थापित मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन अधिकारियों ने इन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया. बता दें कि विस्थापित आज भी मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलित हैं.

सीएम रघुवर दास और विस्थापित
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Published : Oct 5, 2019, 11:08 AM IST

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तारामंडल का उद्घाटन चिरौंदी स्थित रांची साइंस सिटी परिसर में किया. हालांकि परिसर के बाहर विस्थापित मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन अधिकारियों ने इन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया.

देखें पूरी खबर

उग्र होगा आंदोलन
इससे खफा होकर विस्थापितों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विस्थापितों की मांगों पर सरकार गौर नहीं करती है तो आने वाले समय में तारामंडल तो क्या साइंस सिटी पर ताला जड़ दिया जाएगा. आंदोलन को उग्र किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- जमशेदपुर: FB पर की थी लड़की की तस्वीर के साथ छेड़छाड़, बिहार से गिरफ्तार

तारामंडल का उद्घाटन
बता दें कि वर्ष 2001-2 के बीच झारखंड सरकार ने चिरौंदी रांची के आदिवासी परिवारों की पुश्तैनी खतियान जमीन का अधिग्रहण किया था. इसमें चिरौंदी मौजा के आदिवासी पाहन परिवार की अकेले 7 एकड़ 51 डिसमिल जमीन अधिग्रहण किया गया है. जमीन अधिग्रहण के दौरान विस्थापितों ने इसका जोरदार विरोध भी किया था. उसके बावजूद साइंस सिटी का निर्माण हुआ फिर तारामंडल का उद्घाटन कर दिया गया.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने की बैठक, कहा- हर महीने होगी विकास पर चर्चा

मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन
उस दौरान सरकार ने विस्थापितों को आश्वासन दिया था कि उन्हें योग्यता अनुसार नौकरी यहां दिया जाएगा. कैंटीन, स्टैंड, स्टॉल बनाकर विस्थापितों को संचालन के लिए सुपुर्द किया जाएगा और उचित मुआवजा भी दिया जाएगा. लेकिन अब तक आश्वासन पर अमल नहीं किया गया है. विस्थापित आज भी मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलित हैं.

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तारामंडल का उद्घाटन चिरौंदी स्थित रांची साइंस सिटी परिसर में किया. हालांकि परिसर के बाहर विस्थापित मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन अधिकारियों ने इन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया.

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उग्र होगा आंदोलन
इससे खफा होकर विस्थापितों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विस्थापितों की मांगों पर सरकार गौर नहीं करती है तो आने वाले समय में तारामंडल तो क्या साइंस सिटी पर ताला जड़ दिया जाएगा. आंदोलन को उग्र किया जाएगा.

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तारामंडल का उद्घाटन
बता दें कि वर्ष 2001-2 के बीच झारखंड सरकार ने चिरौंदी रांची के आदिवासी परिवारों की पुश्तैनी खतियान जमीन का अधिग्रहण किया था. इसमें चिरौंदी मौजा के आदिवासी पाहन परिवार की अकेले 7 एकड़ 51 डिसमिल जमीन अधिग्रहण किया गया है. जमीन अधिग्रहण के दौरान विस्थापितों ने इसका जोरदार विरोध भी किया था. उसके बावजूद साइंस सिटी का निर्माण हुआ फिर तारामंडल का उद्घाटन कर दिया गया.

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मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन
उस दौरान सरकार ने विस्थापितों को आश्वासन दिया था कि उन्हें योग्यता अनुसार नौकरी यहां दिया जाएगा. कैंटीन, स्टैंड, स्टॉल बनाकर विस्थापितों को संचालन के लिए सुपुर्द किया जाएगा और उचित मुआवजा भी दिया जाएगा. लेकिन अब तक आश्वासन पर अमल नहीं किया गया है. विस्थापित आज भी मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलित हैं.

Intro:रांची।

मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा तारामंडल का उद्घाटन चिरौंदी स्थित रांची साइंस सिटी परिसर में किया गया. हालांकि परिसर के बाहर विस्थापितों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात करने की गुहार लगाते रहे .लेकिन अधिकारियों ने इन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया. इससे खफा होकर विस्थापितों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर विस्थापितों की मांगों की ओर सरकार गौर नहीं किया तो आने वाले समय में तारामंडल तो क्या साइंस सिटी पर ताला जड़ दिया जाएगा और आंदोलन को उग्र किया जाएगा.


Body:गौरतलब है कि वर्ष 2001-2 के बीच झारखंड सरकार द्वारा मौजा चिरौंदी रांची के आदिवासी परिवारों की पुश्तैनी खतियान जमीन अधिग्रहण किया था. इसमें चिरौंदी मौजा के आदिवासी पाहन परिवार की अकेले 7 एकड़ 51 डिसमिल जमीन अधिग्रहण किया गया है .जमीन अधिग्रहण के दौरान विस्थापित द्वारा इसका जोरदार विरोध भी किया गया था. उसके बावजूद साइंस सिटी का निर्माण हुआ फिर आज तारामंडल का उद्घाटन कर दिया गया .उस दौरान सरकार द्वारा विस्थापितों को आश्वासन दिया गया था कि. उन्हें योग्यता अनुसार नौकरी रोजगार यहां दिया जाएगा. कैंटीन स्टैंड स्टॉल बनाकर विस्थापितों को संचालन के लिए सुपुर्द किया जाएगा और उचित मुआवजा भी दिया जाएगा. लेकिन अब तक आश्वासन पर अमल नहीं किया गया है. और विस्थापित आज भी मुआवजे की मांग पर को लेकर आंदोलित है .इसी बीच शुक्रवार को तारामंडल के उद्घाटन के मौके पर भी तमाम विस्थापित समारोह स्थल के बाहर जुटे और अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी सरकार को दी है .विस्थापितों ने कहा है कि समय आने पर पूरे साइंसिटी पर ताला जड़ दिया जाएगा और उग्र आंदोलन होगा अगर समय रहते उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो.


Conclusion:बाइट-महावीर मुंडा,विस्थापित।
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