रांची: 15 सूत्री मांग को लेकर राज्य की रसोइया-संयोजिका एक बार फिर सड़क पर उतर आई हैं. अपनी मांगों से राज्य सरकार को अवगत कराने के लिए उन्होंने पदयात्रा निकाली. जिसे प्रशासन के द्वारा रोक दिया गया. मांग पर जल्द पहल नहीं की जाती है तो रसोइया संघ ने अपनी मांगों को लेकर आगे पुरजोर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
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15सूत्री मांग को लेकर आंदोलन पर रसोईया-संयोजिका
अपनी पुरानी लंबित मांग को लेकर राज्य भर से रसोईया संयोजिका मोरहाबादी मैदान में जुटे. रसोइया अपने छोटे-छोटे बच्चों संग आंदोलन पर उतरे, जो राज्य सरकार से स्थायीकरण के साथ-साथ न्यूनतम मजदूरी देने, कार्यमुक्त रसोइया को पुनः बहाल करने के अलावा रसोइया पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. सरकार इनकी मांग पूरी करने की दिशा में पहल नहीं करती है तो आगामी विधानसभा के मानसून सत्र में विरोध प्रदर्शन करने की इनलोगों ने चेतावनी दी है.
सरकार से लगाई गुहार
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मिड-डे-मील को रसोईया-संयोजिका संचालित करती हैं. सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को ये रसोईया खाना बनाकर खिलाने का काम करती हैं. जिन्हें मात्र 2000 प्रतिमाह का मानदेय मिलता है. इससे इन रसोइया संयोजिका को घर परिवार चलाने में बड़ी परेशानी होती है. जिसको लेकर ये राज्य सरकार से पहल करने की गुहार लगा रहे हैं.
पूर्व की रघुवर सरकार के समय हुआ था लाठीचार्ज
पूर्व की रघुवर सरकार में भी इन रसोइया-संयोजिकाओं ने सड़क पर उतर कर पुरजोर आंदोलन किया था. आंदोलन के दौरान पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ी थी. इसके बावजूद मांग पर पहल नहीं हुई. यही वजह है कि एक बार फिर ये अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतर आई हैं.