ETV Bharat / city

फर्जी जमानतदारों पर नकेल की तैयारी , अब सॉफ्टवेयर में अपलोड होंगे फिंगर प्रिंट - fake surety

झारखंड में फर्जी जमानतदारों पर नकेल कसने के लिए गृह विभाग ने अहम फैसले लिए हैं. एक सॉफ्टेवेयर बनाया जा रहा है जिसमें फिंगर प्रिंट लेकर फर्जी जमानतदारों का रिकॉर्ड रखा जाएगा.

preparation-to-crack-down-on-fake-sureties
फर्जी जमानतदारों पर नकेल की तैयारी
author img

By

Published : Nov 19, 2021, 9:05 AM IST

रांची: झारखंड में फर्जी जमानतदारों पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. राज्य में ऐसे जमानतदारों की एक पूरी टीम ही काम करती है जिनके जरिए बड़े से बड़े गुनाहगार भी सलाखों से बाहर निकल आते है. लेकिन अब इन पर लगाम लगाया जाएगा. गृह विभाग ने ये फैसला लिया है कि सभी जमानतदारों का फिंगर प्रिंट सॉफ्टवेयर में अपलोड कर उनका रिकॉर्ड रखा जाएगा.

ये भी पढे़ं- रांची में पश्चिम बंगाल का चोर गिरोह सक्रिय, मोबाइल चोरी कर पहुंचा रहा है बांग्लादेश
जमानतदारों का फिंगर प्रिंट
झारखंड सरकार के गृह विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का ने फर्जी जमानतदारों पर नकेल कसने के लिए कुछ अहम फैसले लिए है. जानकारी के मुताबिक, फर्जी और प्रोफेशनल जमानतदारों पर लगाम कसा जा सके इसके लिए एक साफ्टवेयर बनाया जाएगा. इस साफ्टवेयर में सभी जमानतदारों का फिंगर प्रिंट अपलोड करने की व्यवस्था होगी. साफ्टवेयर को सभी जिला और अनुमंडल के व्यवहार न्यायालयों से जोड़ा जाएगा.

उच्चस्तरीय बैठक में फैसला

इस मामले में कार्रवाई को लेकर गृह सचिव के साथ राज्य पुलिस और एनआईसी के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक हुई. जानकारी के मुताबिक, जिला और व्यवहार न्यायलयों में इसके लिए सेटअप दिया जाएगा. साथ ही अलग से मैनपावर की भी व्यवस्था की जाएगी. जिन मामलों में कोर्ट किसी को जमानत देता है, उसे केस के जमानतदार के द्वारा दिए गए तमाम कागजातों के साथ फिंगर प्रिंट भी लिया जाएगा. इन सारे फिंगर प्रिंट को एक रिकार्ड के तौर पर साफ्टवेयर में दर्ज किया जाएगा. इस तरह लगातार कोई व्यक्ति अगर जमानतदार के तौर पर कोर्ट में उपस्थित हो रहा हो तो उसकी पहचान की जा सकेगी. वहीं कागजातों का भी सत्यापन हो सकेगा.

सीआईडी अलग से करा रही सत्यापन
राज्य पुलिस की सीआईडी के द्वारा जमानतदारों का सत्यापन कराया जा रहा है. सीआईडी ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि बड़े आपराधिक गिरोह, संगठित आपराधिक गिरोह से जुड़े लोगों के जमानतदारों को चिन्हित कर सत्यापन करें. फर्जी जमानतदार पाए जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

राजधानी में जुटाया जा रहा डेटा
बड़े और छोटे अपराधियों की जमानत लेने वाले अब रांची पुलिस के रडार पर हैं. वैसे अपराधी और बदमाश पुलिस के टारगेट पर हैं जो जमानत लेकर जेल से बाहर घूम रहे हैं. उन्हें सलाखों के पीछे डालने के लिए रांची पुलिस अब उनके जमानतदारों पर शिकंजा कसने की तैयारी की है. इसके लिए सभी थानेदारों को निर्देश दिया गया है कि वे अपराधियों की जमानत लेने वालों की एक सूची तैयार करें. यह देखें कि जमानतदारों ने किस परिस्थिति में अपराधी की जमानत ली है. बार बार अपराधी की जमानत लेने वालों की भी सूची में नाम अंकित करें. ऐसे जमानतदारों पर प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें भी सलाखों के पीछे भेजे. सिटी एसपी के निर्देश के बाद शहर के सभी थानेदार जमानतदारों की सूची तैयार करने में जुट गए हैं. राजधानी के बीच पुलिस कर्मियों को भी यह जिम्मेवारी दी गई है कि वह अपराधियों के जमानतदार बनने वाले लोगों के बारे में जांच करें ताकि उनके उन से क्या संबंध हैं इसकी जानकारी हासिल हो सके.

रांची: झारखंड में फर्जी जमानतदारों पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. राज्य में ऐसे जमानतदारों की एक पूरी टीम ही काम करती है जिनके जरिए बड़े से बड़े गुनाहगार भी सलाखों से बाहर निकल आते है. लेकिन अब इन पर लगाम लगाया जाएगा. गृह विभाग ने ये फैसला लिया है कि सभी जमानतदारों का फिंगर प्रिंट सॉफ्टवेयर में अपलोड कर उनका रिकॉर्ड रखा जाएगा.

ये भी पढे़ं- रांची में पश्चिम बंगाल का चोर गिरोह सक्रिय, मोबाइल चोरी कर पहुंचा रहा है बांग्लादेश
जमानतदारों का फिंगर प्रिंट
झारखंड सरकार के गृह विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का ने फर्जी जमानतदारों पर नकेल कसने के लिए कुछ अहम फैसले लिए है. जानकारी के मुताबिक, फर्जी और प्रोफेशनल जमानतदारों पर लगाम कसा जा सके इसके लिए एक साफ्टवेयर बनाया जाएगा. इस साफ्टवेयर में सभी जमानतदारों का फिंगर प्रिंट अपलोड करने की व्यवस्था होगी. साफ्टवेयर को सभी जिला और अनुमंडल के व्यवहार न्यायालयों से जोड़ा जाएगा.

उच्चस्तरीय बैठक में फैसला

इस मामले में कार्रवाई को लेकर गृह सचिव के साथ राज्य पुलिस और एनआईसी के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक हुई. जानकारी के मुताबिक, जिला और व्यवहार न्यायलयों में इसके लिए सेटअप दिया जाएगा. साथ ही अलग से मैनपावर की भी व्यवस्था की जाएगी. जिन मामलों में कोर्ट किसी को जमानत देता है, उसे केस के जमानतदार के द्वारा दिए गए तमाम कागजातों के साथ फिंगर प्रिंट भी लिया जाएगा. इन सारे फिंगर प्रिंट को एक रिकार्ड के तौर पर साफ्टवेयर में दर्ज किया जाएगा. इस तरह लगातार कोई व्यक्ति अगर जमानतदार के तौर पर कोर्ट में उपस्थित हो रहा हो तो उसकी पहचान की जा सकेगी. वहीं कागजातों का भी सत्यापन हो सकेगा.

सीआईडी अलग से करा रही सत्यापन
राज्य पुलिस की सीआईडी के द्वारा जमानतदारों का सत्यापन कराया जा रहा है. सीआईडी ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि बड़े आपराधिक गिरोह, संगठित आपराधिक गिरोह से जुड़े लोगों के जमानतदारों को चिन्हित कर सत्यापन करें. फर्जी जमानतदार पाए जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

राजधानी में जुटाया जा रहा डेटा
बड़े और छोटे अपराधियों की जमानत लेने वाले अब रांची पुलिस के रडार पर हैं. वैसे अपराधी और बदमाश पुलिस के टारगेट पर हैं जो जमानत लेकर जेल से बाहर घूम रहे हैं. उन्हें सलाखों के पीछे डालने के लिए रांची पुलिस अब उनके जमानतदारों पर शिकंजा कसने की तैयारी की है. इसके लिए सभी थानेदारों को निर्देश दिया गया है कि वे अपराधियों की जमानत लेने वालों की एक सूची तैयार करें. यह देखें कि जमानतदारों ने किस परिस्थिति में अपराधी की जमानत ली है. बार बार अपराधी की जमानत लेने वालों की भी सूची में नाम अंकित करें. ऐसे जमानतदारों पर प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें भी सलाखों के पीछे भेजे. सिटी एसपी के निर्देश के बाद शहर के सभी थानेदार जमानतदारों की सूची तैयार करने में जुट गए हैं. राजधानी के बीच पुलिस कर्मियों को भी यह जिम्मेवारी दी गई है कि वह अपराधियों के जमानतदार बनने वाले लोगों के बारे में जांच करें ताकि उनके उन से क्या संबंध हैं इसकी जानकारी हासिल हो सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.