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यौन उत्पीड़न मामले में फरार हैं 'उत्कृष्ट विधायक', JVM छोड़ कमल पकड़ने की चर्चाएं तेज

जेवीएम विधायक प्रदीप यादव पर यौन शोषण मामले में 11 दिन पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, लेकिन अबतक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. वहीं सूत्रों से पता चला है कि प्रदीप जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

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Published : Jul 11, 2019, 5:38 PM IST

प्रदीप यादव पर यौन शोषण का आरोप

रांची: जेवीएम विधायक प्रदीप यादव अबतक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. दरअसल उनकी पार्टी की ही एक महिला नेत्री ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. हैरत की बात यह है कि राज्य में शिक्षा मंत्री और कुछ समय तक सांसद रहे प्रदीप यादव को वारंट निकलने के 11 दिनों के बाद भी पुलिस पकड़ नहीं पाई है.

देखें पूरी खबर

दरअसल, प्रदीप यादव के ऊपर उनकी ही पार्टी की एक प्रवक्ता ने यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया था. इसको लेकर देवघर जिले में मई के पहले हफ्ते में बकायदा मामला भी दर्ज किया गया था. प्रदीप यादव के खिलाफ 29 जून को देवघर जिले की निचली अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. निचली अदालत से अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के प्रदीप यादव ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

गिरफ्तारी के लिए गोड्डा से रांची तक छापा
झाविमो विधायक की तलाश में पुलिस की टीम में रांची आकर उनके आवास तक छापेमारी की, लेकिन प्रदीप यादव नहीं मिले. इस मामले पर झारखंड विकास मोर्चा ने चुप्पी साध रखी है. हालांकि जेवीएम सुप्रीमो और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस मामले का हवाला देते हुए प्रदीप यादव से पार्टी के प्रधान महासचिव पद से मुक्त होने का निर्देश दिया. मरांडी की चिट्ठी मिलने के तुरंत बाद प्रदीप यादव ने खुद को पद से अलग तो कर दिया.

बीजेपी में शिफ्ट होने के चर्चे हैं जोरों पर
गिरफ्तारी में देरी की वजह को लेकर उनके बीजेपी में शिफ्ट होने की चर्चा जोरों पर है. वैसे तो प्रदीप यादव बीजेपी के पुराने सिपाही रहे हैं, लेकिन बाबूलाल मरांडी के जेवीएम बनाने के बाद वह उनके साथ हो लिए. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर प्रदीप यादव काफी गंभीर हैं. कथित तौर पर राज्य और केंद्र में भगवा दल के बड़े कद वाले नेताओं के संपर्क में भी हैं.

हालांकि बीजेपी के नेता ऐसी संभावना से इनकार करते आ रहे हैं, लेकिन यह चर्चा अंदर खाने काफी जोर शोर से हो रही है. चर्चा इस बात की भी है कि हाल में अपना दल छोड़कर बीजेपी जॉइन करने वाली एक महिला नेत्री को बाकायदा अपनी बिरादरी के लोगों को पार्टी में शामिल कराने का टास्क भी दिया गया है. सूत्रों की माने तो झारखंड के एक सांसद प्रदीप यादव की बीजेपी में एंट्री को लेकर दीवार बनकर खड़े हैं.

ये भी पढ़ें- हज हाउस को झारखंड स्टेट हज कमेटी को हैंड ओवर करेगी JUDCO

2015 में मिला था उत्कृष्ट विधायक सम्मान
प्रदीप यादव को 2015 में झारखंड विधानसभा के उत्कृष्ट विधायक का सम्मान दिया गया था. प्रदेश के गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट विधानसभा इलाके से वह 2000, 2005, 2009 और 2014 में विधायक चुने गए. वहीं 2003 में लोकसभा सदस्य भी निर्वाचित हुए थे. झाविमो विधायक झारखंड सरकार में शिक्षा मंत्री का दायित्व भी संभाल चुके हैं.

क्या कहते हैं बीजेपी
इस मामले में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि बीजेपी महिला के सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकती. ऐसे में जेवीएम विधायक के खिलाफ जो आरोप लगे हैं उसके जांच हो रही है. पुलिस ने हाल में विधायक की तलाश में छापेमारी भी की है. इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि संगठन और सरकार के लिए कानून सर्वोपरि है.

रांची: जेवीएम विधायक प्रदीप यादव अबतक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. दरअसल उनकी पार्टी की ही एक महिला नेत्री ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. हैरत की बात यह है कि राज्य में शिक्षा मंत्री और कुछ समय तक सांसद रहे प्रदीप यादव को वारंट निकलने के 11 दिनों के बाद भी पुलिस पकड़ नहीं पाई है.

देखें पूरी खबर

दरअसल, प्रदीप यादव के ऊपर उनकी ही पार्टी की एक प्रवक्ता ने यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया था. इसको लेकर देवघर जिले में मई के पहले हफ्ते में बकायदा मामला भी दर्ज किया गया था. प्रदीप यादव के खिलाफ 29 जून को देवघर जिले की निचली अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. निचली अदालत से अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के प्रदीप यादव ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

गिरफ्तारी के लिए गोड्डा से रांची तक छापा
झाविमो विधायक की तलाश में पुलिस की टीम में रांची आकर उनके आवास तक छापेमारी की, लेकिन प्रदीप यादव नहीं मिले. इस मामले पर झारखंड विकास मोर्चा ने चुप्पी साध रखी है. हालांकि जेवीएम सुप्रीमो और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस मामले का हवाला देते हुए प्रदीप यादव से पार्टी के प्रधान महासचिव पद से मुक्त होने का निर्देश दिया. मरांडी की चिट्ठी मिलने के तुरंत बाद प्रदीप यादव ने खुद को पद से अलग तो कर दिया.

बीजेपी में शिफ्ट होने के चर्चे हैं जोरों पर
गिरफ्तारी में देरी की वजह को लेकर उनके बीजेपी में शिफ्ट होने की चर्चा जोरों पर है. वैसे तो प्रदीप यादव बीजेपी के पुराने सिपाही रहे हैं, लेकिन बाबूलाल मरांडी के जेवीएम बनाने के बाद वह उनके साथ हो लिए. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर प्रदीप यादव काफी गंभीर हैं. कथित तौर पर राज्य और केंद्र में भगवा दल के बड़े कद वाले नेताओं के संपर्क में भी हैं.

हालांकि बीजेपी के नेता ऐसी संभावना से इनकार करते आ रहे हैं, लेकिन यह चर्चा अंदर खाने काफी जोर शोर से हो रही है. चर्चा इस बात की भी है कि हाल में अपना दल छोड़कर बीजेपी जॉइन करने वाली एक महिला नेत्री को बाकायदा अपनी बिरादरी के लोगों को पार्टी में शामिल कराने का टास्क भी दिया गया है. सूत्रों की माने तो झारखंड के एक सांसद प्रदीप यादव की बीजेपी में एंट्री को लेकर दीवार बनकर खड़े हैं.

ये भी पढ़ें- हज हाउस को झारखंड स्टेट हज कमेटी को हैंड ओवर करेगी JUDCO

2015 में मिला था उत्कृष्ट विधायक सम्मान
प्रदीप यादव को 2015 में झारखंड विधानसभा के उत्कृष्ट विधायक का सम्मान दिया गया था. प्रदेश के गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट विधानसभा इलाके से वह 2000, 2005, 2009 और 2014 में विधायक चुने गए. वहीं 2003 में लोकसभा सदस्य भी निर्वाचित हुए थे. झाविमो विधायक झारखंड सरकार में शिक्षा मंत्री का दायित्व भी संभाल चुके हैं.

क्या कहते हैं बीजेपी
इस मामले में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि बीजेपी महिला के सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकती. ऐसे में जेवीएम विधायक के खिलाफ जो आरोप लगे हैं उसके जांच हो रही है. पुलिस ने हाल में विधायक की तलाश में छापेमारी भी की है. इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि संगठन और सरकार के लिए कानून सर्वोपरि है.

Intro:रांची। अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री के यौन शोषण करने के आरोपी झारखंड विधानसभा के उत्कृष्ट विधायक रहे प्रदीप यादव अबतक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस की नज़रों में फरार प्रदीप यादव संथाल परगना के गोड्डा जिले में पड़ने वाले पोड़ैयाहाट विधानसभा इलाके से 2014 में चौथी बार विधायक चुने गए हैं। साथ ही वह झारखंड विकास मोर्चा के विधायक दल के नेता भी है।
हैरत की बात यह है कि राज्य में शिक्षा मंत्री और कुछ समय तक सांसद रहे यादव को वारंट निकलने के 11 दिनों के बाद पुलिस पकड़ नहीं पाई है।

क्या है मामला
दरअसल प्रदीप यादव के ऊपर उनकी ही पार्टी की एक प्रवक्ता ने यौन शोषण करने का गंभीर आरोप लगाया था। इसको लेकर देवघर जिले में मई के पहले हफ्ते में बाकायदा मामला भी दर्ज किया गया। उन आरोपों को लगातार खारिज कर रहे प्रदीप यादव के खिलाफ 29 जून को देवघर जिले की निचली अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। निचली अदालत से अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।




Body:तलाश में गोड्डा से लेकर रांची तक पड़े छापे
झाविमो विधायक की तलाश में पुलिस की टीम में रांची आकर उनके आवास तक छापेमारी की लेकिन यादव नहीं मिले। इस मामले पर झारखंड विकास मोर्चा ने चुप्पी साध रखी है। हालांकि झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस मामले का हवाला देते हुए प्रदीप यादव से पार्टी के प्रधान महासचिव पद से मुक्त होने का निर्देश दिया। मरांडी की चिट्ठी मिलने के तुरंत बाद प्रदीप यादव ने खुद को पद से अलग तो कर दिया लेकिन वजह लोकसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार को बताया।

बीजेपी में शिफ्ट होने के चर्चे हैं जोरों पर
गिरफ्तारी में देरी की वजह को लेकर उनके बीजेपी में शिफ्ट होने की चर्चा जोरों पर है। वैसे तो प्रदीप यादव बीजेपी के पुराने सिपाही रहे हैं लेकिन बाबूलाल मरांडी के झारखंड विकास मोर्चा बनाने के बाद वह उनके साथ हो लिए। बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर प्रदीप यादव काफी गंभीर हैं और कथित तौर पर राज्य और केंद्र में भगवा दल के बड़े कद वाले नेताओं के संपर्क में भी हैं। हालांकि बीजेपी के नेता ऐसी संभावना से इंकार करते आ रहे हैं लेकिन यह चर्चा अंदर खाने काफी जोर शोर से हो रही है। चर्चा इस बात की भी है कि हाल में अपना दल छोड़कर बीजेपी जॉइन करने वाली एक महिला नेत्री को बाकायदा अपनी बिरादरी के लोगों को पार्टी में शामिल कराने का टास्क भी दिया गया है। सूत्रों की माने तो झारखंड के एक सांसद प्रदीप यादव की बीजेपी में एंट्री को लेकर दीवार बनकर खड़े हैं।



Conclusion:2015 में मिला था उत्कृष्ट विधायक सम्मान
प्रदीप यादव को 2015 में झारखण्ड विधानसभा के उत्कृष्ट विधायक का सम्मान दिया गया था। प्रदेश के गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट विधानसभा इलाके से वह 2000, 2005, 2009 और 2014 में विधायक चुने गए। वहीं 2003 में लोकसभा सदस्य भी निर्वाचित हुए थे। झाविमो विधायक झारखंड सरकार में शिक्षा मंत्री का दायित्व भी संभाल चुके हैं।

क्या कहते हैं बीजेपी और झाविमो नेता
इस मामले में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि बीजेपी महिला के सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकती। ऐसे में झाविमो विधायक के खिलाफ जो आरोप लगे हैं उसके जांच हो रही है। साथ ही पुलिस ने हाल में विधायक की तलाश में छापेमारी भी की है। उन्होंने साफ कहा कि संगठन और सरकार के लिए कानून सर्वोपरि है।
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