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रांची के हातमा बस्ती का पूजा पंडाल है बेहद 'खास', 14 साल के बच्चे ने बनाई पंडाल और दुर्गा मां की प्रतिमा - रांची के हातमा बस्ती का पूजा पंडाल

राजधानी के हातमा का पूजा पंडाल फिलहाल चर्चा में हैं. दरअसल हातमा बस्ती का रहने वाला 14 साल के बच्चा ने खुद से पंडाल और मूर्ति बनाकर 9 दिनों का व्रत रखा. उसका कहना है कि उसका ये सपना था जिसे उसने पूजा कर लिया.

खुद बनाई पूजा पंडाल और मूर्ति
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Published : Oct 7, 2019, 7:19 PM IST

रांची: नवरात्रि में हर ओर जहां भव्य और आकर्षक पूजा पंडाल बनाए जाते हैं. वहीं राजधानी के हातमा बस्ती में एक विशेष पूजा पंडाल बनाई गई है. जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इसकी जानकारी मिलते ही ईटीवी भारत की टीम बस्ती पहुंच कर मां दुर्गा के पंडाल से लेकर प्रतिमा के बारे में जानकारी ली.

देखें पूरी खबर

खुद बनाई मूर्ति और पंडाल
दुर्गा पूजा में सभी पूजा समिति जहां पंडालों को आकर्षक रुप देने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च करते हैं, वहीं राजधानी के हातमा बस्ती में एक 14 वर्षीय अविनाश मुंडा ने पूजा पंडाल बनाकर लोगों को चकित कर दिया. जो फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है.

9 दिनों तक फलाहार
दरअसल, अविनाश मुंडा ने खुद से मां दुर्गा की प्रतिमा बनाया और 9 दिनों तक फलाहर कर नवरात्र व्रत रखा है. बताया जा रहा कि उस बालक ने बस्ती से चंदा इक्टठा कर अपने साथियों के साथ मिलकर एक पंडाल भी बनाया है. जहां वो पूरी भक्ता के साथ पूजा पाठ करता है.

ये भी पढ़ें- बोकारो में नवम सिद्धिदात्री की पूजा और हवन, मां से की सुख-समृद्धि और शांति की कामना

संवाददाता ने अविनाश से की बातचीत
इसकी जानकारी मिलने के बाद ईटीवी भारत की टीम हातमा बस्ती पहुंची अविनाश से इस बारे में बातचीत की. जहां उसने बताया कि उसे पूजा पाठ करने में काफी आनंद आता है. वो बचपन से मां की अराधना करता है. अविनाश ने बताया कि उसने कई सालों से उसकी इच्छा थी कि वो खुद से मां दुर्गा की प्रतिमा बनाए और पूजा करे. उसकी भक्ती देख उसके पड़ोस के लोगों ने भी उसका साथ दिया और सभी मिलकर वहां पूजा करते है. उन्होंने बताया कि 9 दिनों तक मां दुर्गे के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. ऐसे में दुर्गा चालीसा उनका खूब मदद करता है. उन्हीं के द्वारा मां दुर्गे की पूजा आराधना करता है.

रांची: नवरात्रि में हर ओर जहां भव्य और आकर्षक पूजा पंडाल बनाए जाते हैं. वहीं राजधानी के हातमा बस्ती में एक विशेष पूजा पंडाल बनाई गई है. जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इसकी जानकारी मिलते ही ईटीवी भारत की टीम बस्ती पहुंच कर मां दुर्गा के पंडाल से लेकर प्रतिमा के बारे में जानकारी ली.

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खुद बनाई मूर्ति और पंडाल
दुर्गा पूजा में सभी पूजा समिति जहां पंडालों को आकर्षक रुप देने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च करते हैं, वहीं राजधानी के हातमा बस्ती में एक 14 वर्षीय अविनाश मुंडा ने पूजा पंडाल बनाकर लोगों को चकित कर दिया. जो फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है.

9 दिनों तक फलाहार
दरअसल, अविनाश मुंडा ने खुद से मां दुर्गा की प्रतिमा बनाया और 9 दिनों तक फलाहर कर नवरात्र व्रत रखा है. बताया जा रहा कि उस बालक ने बस्ती से चंदा इक्टठा कर अपने साथियों के साथ मिलकर एक पंडाल भी बनाया है. जहां वो पूरी भक्ता के साथ पूजा पाठ करता है.

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संवाददाता ने अविनाश से की बातचीत
इसकी जानकारी मिलने के बाद ईटीवी भारत की टीम हातमा बस्ती पहुंची अविनाश से इस बारे में बातचीत की. जहां उसने बताया कि उसे पूजा पाठ करने में काफी आनंद आता है. वो बचपन से मां की अराधना करता है. अविनाश ने बताया कि उसने कई सालों से उसकी इच्छा थी कि वो खुद से मां दुर्गा की प्रतिमा बनाए और पूजा करे. उसकी भक्ती देख उसके पड़ोस के लोगों ने भी उसका साथ दिया और सभी मिलकर वहां पूजा करते है. उन्होंने बताया कि 9 दिनों तक मां दुर्गे के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. ऐसे में दुर्गा चालीसा उनका खूब मदद करता है. उन्हीं के द्वारा मां दुर्गे की पूजा आराधना करता है.

Intro:रांची
वकथ्रू...विजय कुमार गोप

राजधानी रांची में भव्य और आकर्षक पूजा पंडाल बनाए जाते हैं जो श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र होता है लेकिन उसे पूजा पंडाल में ले चलेंगे जहां खुद अपने हाथों से मां दुर्गे की प्रतिमा का निर्माण कर 14 वर्षीय अविनाश मुंडा 9 दिनों तक पूजा करता है। रांची के हाथ मा बस्ती अविनाश मुंडा नामक एक बालक 9 दिनों तक फलाहार रहकर मां की भक्ति आराधना करता है और सबसे खास बात यह है की मूर्ति भी खुद अपने हाथों से ही बनाता है। आखिर आस्था उनके अंदर आया कहां से जिसकी जानकारी ईटीवी भारत के संवाददाता विजय कुमार गोप ने कि आखिर मूर्ति निर्माण से लेकर पूजा पाठ के सामग्री के लिए उनके पास ऐसे कहां से आता है ।


Body:रांची के हातमा बस्ती जहां शिक्षा स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा लोगों को नहीं है लेकिन आस्था का कोई कमी नहीं है अविनाश मुंडा पिछले कई वर्षों से खुद अपने हाथों से मां दुर्गे की प्रतिमा बनाकर स्थापित करता है और 9 दिनों तक फलाहार रहकर पूजा करता है उन्होंने बताया कि उन्हें भक्ति में बहुत ही मन लगता है जिसके कारण वह 9 दिनों तक मां दुर्गा का पाठ करता है उसके इस कार्य में उसकी मां का भरपूर सहायता मिलता है। पूजा से पहले अपने पॉकेट मनी बचाकर पूजा की तैयारी में जुड़ जाता है और बचे कुचे पैसे उसकी मां दे दिया कर देता है अब इनके भक्ति को देख आसपास के लोग भी उनका सहयोग करने लगे हैं।उन्होंने बताया कि 9 दिनों तक मां दुर्गे के विभिन्न रूपों का पूजा किया जाता है ऐसे में दुर्गा चालीसा उनका खूब मदद करता है उन्हीं के द्वारा मां दुर्गे की पूजा आराधना करता है।


Conclusion:आपको बता दें कि रांची क्या हातमा बस्ती वही गांव है जहां पर पिछले वर्ष जहरीली शराब पीकर छह लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन अविनाश मुंडा की मां के प्रति भक्ति देखकर ऐसा लगा कि भले ही इस इलाके में शिक्षा स्वास्थ्य और जागरूकता की कमी हो लेकिन मां के प्रति भक्ति में कोई कमी नहीं है
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