रांची: जेएमएम महिला मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महुआ माजी ने पद्मश्री कंगना रनौत के पिछले कुछ दिनों से आ रहे बयानों को देश द्रोह का मामला बताया है. वहीं भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कंगना रनौत का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि इस देश में बोलने की आजादी है.
इसे भी पढे़ं: 'भीख में मिली आजादी' बयान पर बढ़ी कंगना की मुश्किल, व्यवहार न्यायालय में याचिका दायर
अपने बयानों से लगातार सुर्खियों और विवाद में रहने वाली अभिनेत्री पद्मश्री कंगना रनौत पर जहां धनबाद के निचली अदालत में कंप्लेन केस किया गया है. वहीं अब उनके बयानों को लेकर झारखंड में भी राजनीति शरू हो गई है. जेएमएम महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष महुआ माजी ने कंगना के पिछले दिनों देश की आजादी और महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि यह राजद्रोह का मामला है.
वीरों को नकार रही हैं कंगना रनौत: जेएमएम
महुआ माजी ने कहा कि जिस तरह से कंगना रनौत सुर्खियों में बने रहने के लिए बयान दे रही हैं वह गलत है. आजादी की लड़ाई में अपनी आहुति देने वाले वीरों को कंगना रनौत नकार रही हैं. ऐसा बयान कोई अनपढ़ और जिसे पढ़ाई लिखाई से कोई मतलब नहीं है वैसा व्यक्ति ही दे सकता है. जिसे देश दुनिया का इतिहास नहीं पता होता है. इस तरह की ओछी बातें वही कर सकता है जिसे पढ़ाई लिखाई से कोई मतलब नहीं होता है और वो अनपढ़ होते हैं.
इसे भी पढे़ं: 'भीख में आजादी' पर घमासान, कांग्रेस विधायक ने कंगना को बताया जाहिल औरत
बीजेपी ने कंगना का किया बचाव
वहीं भाजपा विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि हम सब जानते हैं कि देश कब आजाद हुआ. 1947 में ट्रांसफर ऑफ पावर हुआ था. जिसे हम आजादी के रूप में मनाते हैं. इसलिए हम भी मानते हैं कि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ. कंगना रनौत के देश की आजादी 2014 में मिलने वाले बयान पर सीपी सिंह ने कहा कि यह कंगना रनौत का विचार है और उन्हें भी दूसरे लोगों की तरह बोलने की आजादी है. 1947 में भीख में मिली आजादी क्या स्वतंत्रता संग्राम में जान की आहुति देने वाले रणबांकुरों का अपमान नहीं है? इस सवाल के जवाब में सीपी सिंह ने कहा कि हमें यह भी ख्याल रखना होगा कि कुर्बानी किसने दी.
क्यों चर्चा में हैं कंगना रनौत
पिछले कुछ दिनों से अपने बयानों को लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत चर्चा में है. एक टीवी कार्यक्रम में कंगना ने देश को आजादी 1947 की जगह 2014 में मोदी सरकार के कार्यकाल में मिलने की बात कही थी. वहीं उन्होंने देश को 1947 में मिली आजादी को भीख में मिली आजादी बताया था. कंगना ने यह भी कहा था कि दूसरा गाल बढ़ाने से भीख ही मिलती है. कंगना के इस बयान को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के उस दर्शन के खिलाफ माना गया. जिसमें बापू ने अहिंसा को सबसे बड़ा हथियार बताते हुए कहा था कि कोई तुम्हारे एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरा गाल भी उसके सामने कर दो.