रांची: झारखंड में कोरोना मुआवजा पर राजनीति तेज हो गई है. इस मामले में कांग्रेस ने एक तीर से दो निशाना साधते हुए केंद्र और राज्य की सहयोगी सरकार को एक ही कठघरें में खड़ा कर दिया है. देशभर में मुहिम के तौर पर अभियान चलाने में जुटी कांग्रेस ने झारखंड में ना केवल केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है बल्कि अपनी ही गठबंधन सरकार से कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत एक लाख का मुआवजा देने की मांग कर दो धारी तलवार चलाने का काम किया है.
ये भी पढ़ें- बीएसएफ स्थापना दिवस पर राज्यपाल के सियासी बोल, कहा- प्रोटोकॉल तोड़कर करूंगा झारखंड का विकास
एक तीर दो निशाना
कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने केंद्र सरकार पर मरनेवाले लोगों के परिजनों को भूलने का आरोप लगाते हुए कोरोना मुआवजा देने की मांग की है.दोनों नेताओं ने कहा कि आपदा प्रबंधन प्रावधान के तहत 4 लाख की मुआवजा राशि में 75 फिसदी केंद्र को और 25 फीसदी राशि राज्य सरकार देना है. कांग्रेस के दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर राज्य सरकार के हिस्से की राशि यानी एक लाख रुपया पीड़ित परिवार को देने का आग्रह किया है.
पेट्रोल पर वैट कम करने का विचार
दिल्ली सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल पर वैट कम किये जाने के बाद झारखंड सरकार पर भी इसमें कमी लाने की मांग उठने लगी है. इन सबके बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि दिल्ली में वैट 30 फीसदी था जबकि झारखंड में 22 फीसदी है. ऐसे में वहां वैट कम करने के बाद भी झारखंड में दिल्ली की तुलना में पेट्रोल डीजल का दाम कम है. उन्होंने कहा कि आज भी केन्द्र सरकार पेट्रोल डीजल पर 30 फीसदी वैट वसूल रही है. इसके वाबजूद राज्य सरकार पेट्रोल डीजल के दामों में कमी करने पर विचार कर रही है.कांग्रेस पार्टी भी इससे सहमत है कि पेट्रोल डीजल के दामों में कमी होना चाहिए.