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भारत निर्वाचन आयोग के नोटिस से गरमाई झारखंड की राजनीति, बीजेपी ने साधा निशाना तो बचाव में उतरी कांग्रेस - रांची न्यूज

भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. इस नोटिस के बाद झारखंड की राजनीति गरमा गई है. बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है तो कांग्रेस बचाव में उतर गई है.

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भारत निर्वाचन आयोग का नोटिस से गरमाया झारखंड की राजनीति
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Published : May 3, 2022, 8:41 PM IST

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगा है. इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा है. इसके बाद झारखंड की राजनीति गरमा गई है. सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस मुख्यमंत्री के बचाव में उतर आई है तो विपक्षी दल बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है.

यह भी पढ़ेंःझारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग का शोकॉज नोटिस, खुद को खनन पट्टा जारी करने के मामले में पूछा-कार्रवाई क्यों न की जाए




चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब तैयार करने में मुख्यमंत्री जुट गए हैं. 10 मई तक चुनाव आयोग के समक्ष जवाब देना है. झामुमो नेता मनोज पांडे ने चुनाव आयोग के नोटिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि हमारी बात भी सुनी जाय और पक्ष रखने का मौका दिया जाय. उन्होंने कहा कि हम भी अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा कि खनन पट्टा मामला ऑफिस ऑफ प्रोफिट के तहत नहीं आता है. यह संविधान विशेषज्ञ भी बता चुके हैं.

क्या कहते हैं नेता

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा है कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत चुनाव आयोग ने जवाब मांगा है, जिसका जवाब दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र के इशारों पर सरकार को अस्थिर करने की साजिश चल रही है. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री क्या जवाब देते हैं. उन्होंने कहा कि जो आरोप बीजेपी लगा रही थी, वह सही साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि आरोप सही होने की वजह से ही चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया और नोटिस भेजा है.

पूर्व सीएम रघुवर दास के नेतृत्व बीजेपी नेताओं के शिष्टमंडल 12 फरवरी को राज्यपाल रमेश बैस से मिला और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम पत्थर खनन पट्टा लिया. इसके बाद राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था. भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर रिपोर्ट मंगवाया. मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर खनन पट्टा मामले में जवाब मांगा है.

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगा है. इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा है. इसके बाद झारखंड की राजनीति गरमा गई है. सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस मुख्यमंत्री के बचाव में उतर आई है तो विपक्षी दल बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है.

यह भी पढ़ेंःझारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग का शोकॉज नोटिस, खुद को खनन पट्टा जारी करने के मामले में पूछा-कार्रवाई क्यों न की जाए




चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब तैयार करने में मुख्यमंत्री जुट गए हैं. 10 मई तक चुनाव आयोग के समक्ष जवाब देना है. झामुमो नेता मनोज पांडे ने चुनाव आयोग के नोटिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि हमारी बात भी सुनी जाय और पक्ष रखने का मौका दिया जाय. उन्होंने कहा कि हम भी अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा कि खनन पट्टा मामला ऑफिस ऑफ प्रोफिट के तहत नहीं आता है. यह संविधान विशेषज्ञ भी बता चुके हैं.

क्या कहते हैं नेता

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा है कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत चुनाव आयोग ने जवाब मांगा है, जिसका जवाब दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र के इशारों पर सरकार को अस्थिर करने की साजिश चल रही है. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री क्या जवाब देते हैं. उन्होंने कहा कि जो आरोप बीजेपी लगा रही थी, वह सही साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि आरोप सही होने की वजह से ही चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया और नोटिस भेजा है.

पूर्व सीएम रघुवर दास के नेतृत्व बीजेपी नेताओं के शिष्टमंडल 12 फरवरी को राज्यपाल रमेश बैस से मिला और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम पत्थर खनन पट्टा लिया. इसके बाद राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था. भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर रिपोर्ट मंगवाया. मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर खनन पट्टा मामले में जवाब मांगा है.

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